बिजली विभाग की लापरवाही: अनुभवी मैकेनिक की दर्दनाक मौत, परिजनों का हंगामा!
आदित्यपुर के मीरूडीह में बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही के कारण अनुभवी बिजली मैकेनिक सोनू महतो की मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल में भारी हंगामा किया और अभियंता को बंधक बना लिया। 25 लाख रुपये मुआवजे की मांग को लेकर धरना जारी है। जानें पूरी घटना और परिजनों का दर्दनाक संघर्ष!
आदित्यपुर के मीरूडीह के पास बिजली विभाग की लापरवाही के कारण एक होनहार और अनुभवी बिजली मैकेनिक सोनू महतो की मौत हो गई। मृतक सोनू महतो के परिवारवालों ने जमशेदपुर के टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में भारी हंगामा किया और विभाग के अभियंता को बंधक बना लिया, उन्हें बाहर निकलने नहीं दिया। परिजनों का आरोप है कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण सोनू महतो की जान गई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
घटना का विवरण:
मिली जानकारी के अनुसार, सोनू महतो मीरूडीह में शट डाउन लेकर बिजली के हाई टेंशन का काम कर रहा था। इस बीच अचानक बिजली चालू कर दी गई, जिसके कारण सोनू महतो को जोरदार झटका लगा और वह नीचे गिर गया। उसे तुरंत टीएमएच लाया गया, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इसकी सूचना मिलने पर परिजन तुरंत टीएमएच पहुंचे और वहां हंगामा करने लगे।
परिजनों की मांग:
सोनू महतो के परिवार और समर्थकों ने टीएमएच में धरना दिया और विभागीय अभियंता को घेर लिया। ये लोग 25 लाख रुपये मुआवजे की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि जमशेदपुर महाप्रबंधक (जीएम) बिजली विभाग की लापरवाही के कारण बिना सेफ़्टी के काम करवा रहे थे। अभियंता आदित्यपुर 1 सब डिवीजन में आईपीएसजी मैनपावर सप्लाइ एजेंसी के कर्मचारी सुबह मीरूडीह में काम कर रहे थे, तभी यह दुर्घटना हुई।
धरना और विरोध:
परिवार और समर्थकों ने कहा है कि वे शव को नहीं उठने देंगे और मुआवजा मिलने तक पोस्टमॉर्टम नहीं होने देंगे। जेबीकेएसएस सरायकेला के नेता भी इस धरने में शामिल हो गए हैं और लोगों के साथ मिलकर विरोध कर रहे हैं।
समाज में गुस्सा और दुख:
इस घटना से समाज में गुस्सा और दुख की लहर है। लोग बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। सोनू महतो की मौत ने उसके परिवार और पूरे समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है।
इस दुखद घटना पर लोगों का आक्रोश और विभाग की लापरवाही के खिलाफ उनके विरोध ने प्रशासन को भी सकते में डाल दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है और परिजनों की मांगों को कैसे पूरा किया जाता है।
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