Dumka Disaster: दुमका एयरपोर्ट का सोलर प्लांट शॉर्ट सर्किट से जलकर खाक, 3 लाख का नुकसान!
झारखंड की उपराजधानी दुमका में स्थित एयरपोर्ट के सोलर प्लांट में गुरुवार सुबह शॉर्ट सर्किट के कारण भीषण आग लग गई। आग से करीब 3 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। दमकल की दो गाड़ियों ने एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। एयरपोर्ट कर्मियों ने समय पर छह प्रशिक्षण विमानों को सुरक्षित बाहर निकालकर बड़ी दुर्घटना टाल दी।
झारखंड की उपराजधानी दुमका में गुरुवार सुबह एक बड़ा हादसा टला, जब स्थानीय एयरपोर्ट परिसर के सोलर प्लांट में भीषण आग लग गई। यह अग्निकांड सिर्फ एक सोलर प्लांट को नुकसान पहुंचाने वाला नहीं था, बल्कि इसने एयरपोर्ट के हैंगर में खड़े महत्वपूर्ण प्रशिक्षण विमानों को भी अपनी चपेट में लेने की धमकी दे दी थी। सुबह 9 बजे हुई इस घटना में अनुमानित तौर पर करीब 3 लाख रुपये की संपत्ति जलकर खाक हो गई है।
धुएं से शुरुआत, फिर धमाकों का सिलसिला: कैसे फैली आग?
जानकारी के अनुसार, हवाई अड्डा परिसर को रोशनी प्रदान करने के लिए यह सोलर प्लांट लगाया गया था। गुरुवार सुबह करीब 9 बजे अचानक प्लांट की मुख्य केबिन से धुंआ निकलना शुरू हुआ। देखते ही देखते यह धुंआ भीषण आग की लपटों में बदल गया। आग इतनी तेजी से बढ़ी कि वह धीरे-धीरे सोलर पैनल तक पहुंच गई।
स्थानीय लोगों और कर्मचारियों के अनुसार, आग फैलते ही वहां से लगातार धमाकों की आवाज भी आ रही थी। अनुमान है कि यह आवाज प्लांट में लगी महंगी बैटरी के फटने की थी। मुख्य केबिन से निकली आग और बैटरी विस्फोटों ने पूरे परिसर में खतरे का एक बड़ा माहौल पैदा कर दिया था।
बड़े हादसे से बचाव: कर्मचारियों की तत्परता ने बचाए छह विमान
तेज लपटें निकलते देख एयरपोर्ट के अधिकारियों ने तत्काल नगर थाना पुलिस और दमकल विभाग को सूचित किया। लेकिन इससे पहले ही एयरपोर्ट के कर्मचारियों ने जिस तरह से कार्य किया, वह सराहनीय है। कर्मचारियों ने आग लगते ही बिना किसी देरी के हैंगर में खड़े छह प्रशिक्षण विमानों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
एयरपोर्ट कर्मियों का स्पष्ट कहना है कि यदि आग को समय पर काबू नहीं किया जाता या विमानों को तुरंत बाहर नहीं निकाला जाता, तो यह आग हैंगर तक पहुंच सकती थी, जिससे लाखों-करोड़ों रुपये के प्रशिक्षण विमान भी जलकर खाक हो सकते थे, और यह दुमका एयरपोर्ट के लिए एक बड़ी त्रासदी होती।
दमकल की दो गाड़ियों ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया। फिलहाल, एयरपोर्ट अधिकारी आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बता रहे हैं, लेकिन यह सवाल अब भी बना हुआ है कि क्या आग लगने की वजह केवल तकनीकी थी, या इसके पीछे किसी अन्य कारण की भूमिका भी थी।
आपकी राय में, दुमका जैसे क्षेत्रीय एयरपोर्टों पर लगे महत्वपूर्ण सोलर प्लांटों को शॉर्ट सर्किट या बैटरी विस्फोट के कारण होने वाले अग्निकांडों से बचाने के लिए एयरपोर्ट प्राधिकरण और बिजली विभाग को कौन से दो सबसे अनिवार्य सुरक्षा और रखरखाव के कदम उठाने चाहिए?
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