Hazaribagh Homicide: बच्चा नहीं मिला, तो कार के बोनट में फंसी मिली लाश! इचाक के जलौंध गांव में साढ़े तीन वर्षीय अनुभव की दर्दनाक मौत
हजारीबाग के इचाक थाना क्षेत्र के जलौंध गांव में साढ़े तीन वर्षीय मासूम अनुभव कुमार की दर्दनाक मौत से मातम छा गया। बच्चे का शव पड़ोसी की खड़ी हुंडई कार के बोनट में फंसा मिला। परिजनों ने इसे हत्या करार देते हुए कार मालिक अखिलेश कुमार मेहता के खिलाफ आरोप लगाए हैं। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर कार जब्त कर ली है और मामले की जांच में जुट गई है।
झारखंड के हजारीबाग जिले के इचाक थाना क्षेत्र के जलौंध गांव में गुरुवार सुबह एक साढ़े तीन वर्षीय मासूम की दर्दनाक मौत ने पूरे इलाके को न सिर्फ सन्न कर दिया, बल्कि इस पर गहरे और खौफनाक सवाल भी खड़े कर दिए हैं। मृतक अनुभव कुमार का शव गांव में खड़ी एक पड़ोसी की हुंडई कार के बोनट में फंसा हुआ मिला। यह दृश्य देखकर न सिर्फ परिजनों में चीख-पुकार मच गई, बल्कि ग्रामीणों के मन में भी यह सवाल उठ गया है कि यह हादसा है या किसी बूनी साजिश का नतीजा?
रात भर चली खोजबीन: बोनट में फंसा मिला मासूम
परिजनों के अनुसार, बुधवार शाम अनुभव के पिता दीपक मेहता उसे चौक पर सिंघाड़ा खिलाकर घर छोड़ गए थे। थोड़ी देर बाद अनुभव अपनी मां से खेलने जाने की बात कहकर घर से निकला। लेकिन जब वह देर रात तक वापस नहीं लौटा, तो पूरे परिवार में हड़कंप मच गया। रात भर गांव में खोजबीन चली, लेकिन मासूम अनुभव कहीं नहीं मिला।
गुरुवार सुबह परिवार और ग्रामीणों के होश तब उड़ गए, जब पड़ोसी अखिलेश कुमार मेहता की कार के बोनट में बच्चे का शव फंसा हुआ मिला। यह कार बुधवार शाम को ही अखिलेश कुमार मेहता हजारीबाग से लौटकर घर पर खड़ी की थी।
हादसा या हत्या? परिजनों के आरोप ने बढ़ाई शक की सुई
शुरुआती आशंका यही जताई जा रही है कि अखिलेश के गाड़ी लेकर लौटते समय शायद खेलते हुए अनुभव कार की चपेट में आ गया होगा और बोनट में फंस गया होगा। लेकिन परिजनों ने इस बात को मानने से साफ इनकार कर दिया है। उनका आरोप है कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई हत्या है। यह आरोप पड़ोसियों और इलाके के लोगों के बीच मौजूद किसी पुरानी रंजिश की ओर भी इशारा कर सकता है।
परिजनों के आरोपों के बाद मामला और गंभीर हो गया है। घटना की सूचना मिलते ही इचाक पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने तुरंत कार को जब्त किया और कार मालिक अखिलेश कुमार मेहता को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
पूरे जलौंध गांव में शोक के साथ-साथ भारी आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच करवाने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर अनुभव की मौत वास्तव में एक दुर्घटना थी या फिर हत्या की साजिश।
आपकी राय में, झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के साथ होने वाली अज्ञात दुर्घटनाओं को रोकने और किसी भी संभावित साजिश का पता लगाने के लिए पुलिस को जांच में कौन से दो सबसे महत्वपूर्ण तकनीकी और फोरेंसिक कदम उठाने चाहिए?
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