Hazaribagh Horror: लाखों की संपत्ति पलभर में राख! दीपूगढ़ा में पार्क व्यू रेस्टोरेंट और कपड़ा दुकान जलकर खाक, 90 लाख का भारी नुकसान!
झारखंड के हजारीबाग जिले के दीपूगढ़ा क्षेत्र में देर रात लगी भीषण आग से पार्क व्यू रेस्टोरेंट और एक कपड़े की दुकान पूरी तरह नष्ट हो गई। शॉर्ट सर्किट को संभावित कारण बताया जा रहा है। इस अग्निकांड में विकास यादव और अजीत कुमार मेहता को करीब 90 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। दमकलकर्मियों ने गैस सिलेंडर को समय पर निकालकर बड़ा विस्फोट टाल दिया।
झारखंड के हजारीबाग जिले के दीपूगढ़ा क्षेत्र में बुधवार देर रात एक भीषण अग्निकांड ने पूरी इलाके में दहशत फैला दी। आग ने एक ही इमारत में स्थित दो प्रमुख व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें प्रसिद्ध 'पार्क व्यू रेस्टोरेंट एंड बैंक्वेट हॉल' और एक कपड़े की दुकान पूरी तरह से जलकर राख हो गए। इस बड़ी दुर्घटना में अनुमानित तौर पर 80 से 90 लाख रुपये की संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है, जिससे कारोबारियों के लिए यह राहत के समय में बड़ा आर्थिक झटका साबित हुआ है।
कैसे लगी आग? रेस्टोरेंट मालिक ने धुएं से भांपा खतरा
आग लगने के समय रेस्टोरेंट के मालिक विकास यादव इमारत के निचले हिस्से में सो रहे थे। उनकी नींद अचानक उठे धुएं के कारण खुली। बाहर निकलकर उन्होंने जो दृश्य देखा, वह भयानक था - पूरी दुकान तेज आग की चपेट में थी। उन्होंने तुरंत शोर मचाकर आसपास के लोगों को सचेत किया और हजारीबाग फायर ब्रिगेड टीम को सूचना दी।
कपड़ा दुकान मालिक अजीत कुमार मेहता और रेस्टोरेंट संचालक विकास यादव के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि उन्हें बचाव का कोई मौका ही नहीं मिला। दोनों प्रतिष्ठान मिनटों में जलकर राख हो गए। शुरुआती जांच में पुलिस ने आग लगने का संभावित कारण 'शॉर्ट सर्किट' बताया है, हालांकि आधिकारिक कारण की पुष्टि अभी बाकी है।
दमकलकर्मियों ने टाली एक बड़ी त्रासदी: गैस सिलेंडरों का बचाव
आग की लपटें इतनी विकराल थीं कि वे पास की एक मेडिकल शॉप तक भी पहुँच गईं। लेकिन स्थानीय लोगों की तत्परता और विशेष रूप से दमकल विभाग की सक्रियता से वहां बड़ा नुकसान होने से टला।
सबसे सराहनीय कार्य दमकलकर्मियों का रहा, जिन्होंने करीब चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। लेकिन उनकी वीरता का परिचय तब मिला जब उन्होंने रेस्टोरेंट के भीतर रखे कई गैस सिलेंडरों को समय रहते बाहर निकाल लिया। यदि ये सिलेंडर आग की चपेट में आ जाते, तो एक बड़ी और जानलेवा दुर्घटना हो सकती थी, जिससे नुकसान कई गुना बढ़ जाता और आसपास की आवासीय इमारतें भी खतरे में आ जातीं।
घटना के बाद इलाके में अफरातफरी का माहौल बन गया था, जिसे पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर नियंत्रित किया। इस हादसे ने एक बार फिर से व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में अग्निशमन सुरक्षा मानकों के सख्ती से पालन की आवश्यकता को उजागर कर दिया है।
आपकी राय में, झारखंड में व्यावसायिक इमारतों और रेस्टोरेंटों को भीषण अग्निकांडों से बचाने और शॉर्ट सर्किट के खतरे को कम करने के लिए नगर निगम और स्थानीय अधिकारियों को कौन से दो सबसे अनिवार्य नियम या कदम लागू करने चाहिए?
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