Jamshedpur Blast: पटाखे से खेलते हुए फटा बारूद, 11 साल का पीयूष बुरी तरह झुलसा — अस्पताल में चल रहा इलाज!
जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र के छोटा गोविंदपुर में बीती शाम 11 वर्षीय बच्चा पीयूष कुमार गुप्ता पटाखा विस्फोट से बुरी तरह झुलस गया। वह दोस्तों के साथ जले हुए पटाखों से बारूद निकालकर आग लगा रहा था, जिससे जोरदार विस्फोट हुआ। पीयूष का इलाज एमजीएम अस्पताल में चल रहा है।
दीपावली के पर्व के बाद भी पटाखों से खेलने की लापरवाही जमशेदपुर के एक परिवार के लिए एक बड़ा दर्दनाक सबक बनकर आई है। परसुडीह थाना अंतर्गत छोटा गोविंदपुर में बीती शाम पटाखे के कारण हुए एक भयानक विस्फोट में 11 वर्षीय पीयूष कुमार गुप्ता बुरी तरह झुलस गया। यह घटना एक बार फिर से बच्चों को पटाखों से दूर रखने और उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा करती है।
क्यों हुआ इतना जोरदार विस्फोट? दोस्तों के साथ कर रहा था यह खतरनाक काम
मामले की जानकारी देते हुए बच्चे की मां ने जो बताया, वह चौंकाने वाला है। रोज बड्स स्कूल में चौथी कक्षा का छात्र पीयूष शाम को अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक अत्यंत खतरनाक खेल खेल रहा था। वह जले हुए पटाखों के अंदर से बारूद निकाल रहा था और फिर उसे इकट्ठा करके उसमें आग लगा रहा था। बारूद की यह मात्रा शायद ज्यादा थी, जिसके कारण अचानक ही एक जोरदार विस्फोट हुआ।
यह विस्फोट इतना तीव्र था कि पीयूष के शरीर का अग्र भाग बुरी तरह से झुलस गया। उसके हाथ, पैर के साथ-साथ उसका मुंह भी बुरी तरह से जला है। पीयूष की चीख सुनकर उसके पिता दौड़कर घर से बाहर निकले और घायल बच्चे को तुरंत एमजीएम अस्पताल लेकर गए, जहां उसका इलाज चल रहा है। घटना के बाद से पूरा परिवार सदमे में है।
त्यौहार के बाद का जोखिम: अज्ञात पटाखों की शक्ति
पटाखों के कारण हुए इस तरह के हादसे भारत में त्यौहारों के बाद एक गंभीर समस्या बनकर सामने आते हैं। अक्सर बच्चे जले हुए या अधूरे जले पटाखों को उठाकर उनसे बारूद निकालने या उन्हें दोबारा जलाने की कोशिश करते हैं, जिससे इस तरह के घातक विस्फोट होते हैं। बारूद की सही मात्रा और उसके विस्फोटक स्वभाव से अनजान बच्चे अपनी जान को खतरे में डाल देते हैं।
पीयूष जैसे छोटे बच्चे के चेहरे और हाथों पर लगी यह गंभीर चोट एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकती है। एमजीएम अस्पताल में डॉक्टर पूरी कोशिश कर रहे हैं कि बच्चे को जल्द से जल्द ठीक किया जा सके। यह दुर्घटना सभी माता-पिता के लिए एक कड़ा संदेश है कि बच्चों को पटाखों के अवशेषों और बारूद से पूरी तरह से दूर रखना कितना आवश्यक है।
आपकी राय में, त्यौहारों के दौरान और उसके बाद बच्चों को पटाखों के अपशिष्ट से होने वाले खतरनाक हादसों से बचाने के लिए माता-पिता और स्थानीय प्रशासन को कौन से दो सबसे प्रभावी निवारक कदम उठाने चाहिए?
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