Jamshedpur Border Area Murder Case : कपाली ओपी का घेराव, हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग!

जमशेदपुर के कपाली ओपी में चाकूबाजी में घायल युवक मोहम्मद शब्बीर की मौत के बाद, परिजनों ने पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की।

Jan 29, 2025 - 18:45
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Jamshedpur Border Area Murder Case : कपाली ओपी का घेराव, हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग!
Jamshedpur Border Area Murder Case : कपाली ओपी का घेराव, हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग!

जमशेदपुर (झारखंड) : सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल अनुमंडल स्थित कपाली ओपी के रामू चौक के समीप मंगलवार को हुए चाकूबाजी में घायल युवक मोहम्मद शब्बीर की मौत ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। बुधवार को शब्बीर के परिजनों और बस्तीवासियों ने हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कपाली ओपी का घेराव किया और थाना गेट के बाहर शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया। यह घटना केवल एक हत्या का मामला नहीं, बल्कि पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा करने वाला भी बन गया है।

क्या हुआ था रामू चौक के पास?

मंगलवार को मोहम्मद शब्बीर को किसी बात को लेकर चाकू मारकर घायल कर दिया गया था। घटना के बाद कपाली पुलिस मौके पर पहुंची और घायल शब्बीर को तत्काल एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर भेजा। हालांकि, इलाज के दौरान शब्बीर की मौत हो गई। शब्बीर की मौत के बाद उनके परिवार और आसपास के लोग बेहद गुस्से में थे। उनका आरोप था कि पुलिस ने समय पर कार्रवाई नहीं की, और इस कारण शब्बीर की जान चली गई।

घेराव और विरोध प्रदर्शन

मृतक के परिजनों और बस्तीवासियों ने बुधवार को कपाली ओपी का घेराव किया। उन्होंने हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान मृतक के शव को ओपी के गेट के बाहर रख दिया गया, जिससे प्रशासन पर दबाव बना। लोग पुलिस पर आरोप लगा रहे थे कि वह जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। इस विरोध प्रदर्शन ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी और प्रशासन को अपनी कार्यशैली पर विचार करने के लिए मजबूर किया।

क्यों हो रही है नाराज़गी?

मृतक के परिवार और स्थानीय लोगों की नाराज़गी का मुख्य कारण पुलिस की निष्क्रियता और घटना की जल्दी गिरफ्तारी न करना था। उन्हें यह एहसास हुआ कि अगर पुलिस त्वरित कार्रवाई करती तो शायद शब्बीर की जान बचाई जा सकती थी। इसी कारण, पुलिस पर आरोपों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है और लोगों में गुस्सा और नाराजगी साफ दिखाई दे रही है।

अतीत में भी ऐसी घटनाएं

यह पहली बार नहीं है जब जमशेदपुर और इसके आसपास के इलाकों में इस तरह की घटना घटी हो। इससे पहले भी शहर और उसके आसपास में कई बार ऐसी घटनाएं घटित हो चुकी हैं, जिनमें चाकूबाजी और हिंसक हमलों के बाद लोगों की जान चली गई। हालांकि, इस बार पुलिस की लापरवाही पर सवाल उठाए गए हैं, जिससे लोगों का विश्वास प्रशासन पर और भी कमजोर हो गया है। इस मामले में शब्बीर की हत्या ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं, जो कि आम लोगों के मन में डर और आशंका को जन्म दे रहे हैं।

क्या हो सकती है आगे की दिशा?

स्थानीय लोग और शब्बीर के परिजन अब पुलिस से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। उनका मानना है कि अगर हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई तो वे अन्य कदम उठाने पर विचार कर सकते हैं। बस्तीवासियों और परिजनों का यह भी कहना है कि पुलिस को मामले की गंभीरता को समझते हुए, बिना किसी देरी के आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।

वहीं प्रशासन भी मामले को गंभीरता से लेकर जांच कर रहा है। पुलिस ने कहा है कि जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा, लेकिन स्थानीय लोग अब तक इस पर विश्वास करने को तैयार नहीं हैं और उनका आंदोलन जारी रहेगा। प्रशासन के लिए यह एक बड़ा चैलेंज बन गया है, और अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो इलाके में तनाव और बढ़ सकता है।

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