Jugsalai Crackdown: जुगसलाई में सिंगल यूज प्लास्टिक और अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई, जानें पूरा मामला
जुगसलाई नगर परिषद ने सिंगल यूज प्लास्टिक और अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 1400 रुपये का जुर्माना वसूला। पढ़ें प्लास्टिक प्रतिबंध से जुड़ी नई गाइडलाइन्स और इस अभियान की खास बातें।
जुगसलाई : झारखंड के जुगसलाई में सिंगल यूज प्लास्टिक और अतिक्रमण के खिलाफ अभियान ने जोर पकड़ लिया है। गुरुवार को जुगसलाई नगर परिषद ने प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग, गंदगी फैलाने और बिना ट्रेड लाइसेंस के व्यापार करने वालों पर शिकंजा कसा।
यह विशेष जांच अभियान स्टेशन रोड के काली मंदिर से वीर कुंवर सिंह चौक होते हुए नगर परिषद कार्यालय तक चलाया गया। इसमें 1400 रुपये का जुर्माना वसूल किया गया।
प्लास्टिक के खिलाफ क्यों हो रही है सख्ती?
भारत सरकार ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम 2021 लागू किया है।
- 1 जनवरी 2023 से 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैग का उत्पादन, बिक्री और उपयोग दंडनीय अपराध माना गया है।
- 30 सितंबर 2021 से 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक और 60 GSM से कम मोटाई वाले गैर-बुने हुए कैरी बैग पर प्रतिबंध है।
- 1 जुलाई 2022 से पॉलीस्टाइरीन (थर्माकोल) और प्लास्टिक की सजावटी वस्तुओं का उपयोग भी गैरकानूनी घोषित किया गया है।
इस नियम का उद्देश्य प्लास्टिक प्रदूषण को कम करना और पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा देना है।
अभियान में क्या हुआ?
जुगसलाई नगर परिषद ने कड़ी निगरानी के दौरान कई दुकानें जांचीं और प्रतिबंधित प्लास्टिक के उपयोग पर जुर्माना लगाया।
- 1400 रुपये जुर्माना:
- महेश कुमार
- प्रसाद कॉस्मेटिक
- मैमूल
- राहुल
- रोहित
- चंदा ठाकुर
अधिकारियों ने दुकानदारों को चेतावनी दी कि वे:
- अपने सामान को सड़क और नालियों पर न रखें।
- ग्राहकों के वाहनों को पीली रेखा के भीतर ही पार्क करें।
- प्रतिबंधित सामग्री को तुरंत नगर परिषद कार्यालय में जमा कर दें।
प्लास्टिक का खतरा: सेहत और पर्यावरण पर असर
प्लास्टिक का उपयोग केवल पर्यावरण को ही नहीं, बल्कि सेहत को भी नुकसान पहुंचाता है।
- थर्माकोल प्लेटों में खाना खाने से कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
- प्लास्टिक का कचरा मिट्टी और पानी को प्रदूषित करता है, जिससे जैव विविधता पर खतरा बढ़ता है।
नगर परिषद ने लोगों से जुट, कागज, कपड़े, और साल के पत्तों से बने उत्पादों का उपयोग करने की अपील की है।
इतिहास से सीख: प्लास्टिक प्रदूषण की जड़ें
प्लास्टिक का उपयोग 20वीं सदी में तेजी से बढ़ा।
- इसकी टिकाऊ और सस्ती प्रकृति ने इसे हर जगह लोकप्रिय बना दिया।
- लेकिन 1970 के दशक से प्लास्टिक प्रदूषण वैश्विक समस्या बन गया।
- भारत ने 2016 में प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिए नियम बनाए, जिन्हें 2021 में और कड़ा किया गया।
नगर परिषद की योजना और भविष्य की कार्रवाई
जुगसलाई नगर परिषद प्रतिबंधित प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चला रही है।
- माइकिंग के माध्यम से दुकानदारों और ग्राहकों को जागरूक किया गया।
- प्लास्टिक के विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए बायोडिग्रेडेबल उत्पादों के उपयोग पर जोर दिया जा रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि प्लास्टिक का उपयोग करने वालों पर आर्थिक दंड और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कौन-कौन था मौके पर मौजूद?
इस अभियान में नगर प्रबंधक राजेंद्र कुमार, कनीय अभियंता तनुज जैन, दीपक सिंकू, अजीत कुमार, और अन्य कर्मचारी शामिल रहे। उनके साथ सफाई पर्यवेक्षक अजय कुमार सिंह और हसीन खान ने भी कार्रवाई को अंजाम दिया।
क्या यह मुहिम सफल होगी?
जुगसलाई नगर परिषद का यह कदम प्लास्टिक मुक्त भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। लेकिन इस मुहिम की सफलता लोगों की जागरूकता और सहयोग पर निर्भर करती है।
आप भी इस प्रयास का हिस्सा बनें और पर्यावरण की सुरक्षा में योगदान दें। प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग न करें और अन्य को भी प्रेरित करें।
What's Your Reaction?