Jamshedpur Explosion: गैस से भरे ट्रेलर के पलटते ही थमीं सांसें, लोगों ने दौड़कर बचाई जान!
जमशेदपुर के साकची में सुबह-सुबह गैस सिलेंडर लदा ट्रेलर पलट गया। जानिए कैसे एक बड़ा हादसा टल गया और क्या रही मौके की स्थिति।

जमशेदपुर/साकची – मंगलवार तड़के साकची थाना क्षेत्र में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब हाथी-घोड़ा मंदिर के पास एक गैस सिलेंडर लदा ट्रेलर अचानक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराया और पलट गया। घटना सुबह करीब 4 बजे की बताई जा रही है। सड़क पर कुछ पल के लिए ऐसा नजारा बन गया मानो कोई बड़ा हादसा होने वाला हो, लेकिन किस्मत ने साथ दिया और कोई जनहानि नहीं हुई।
बाल-बाल बचा शहर, ड्राइवर घायल
हादसे में ट्रेलर का चालक घायल हुआ है, जिसे तुरंत एमजीएम अस्पताल ले जाया गया। ट्रेलर पलटते ही गैस सिलेंडरों के लीक होने का डर सबके चेहरों पर साफ नजर आ रहा था। आसपास के लोगों ने तत्काल दूरी बना ली और पुलिस को सूचना दी।
साकची थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। ट्रेलर को हटाने और ट्रैफिक सामान्य करने का काम कई घंटों तक चला।
क्या होता अगर एक चिंगारी भी लग जाती?
गौरतलब है कि हादसे में लदे गैस सिलेंडर यदि फट जाते, तो पूरा इलाका एक बड़े विस्फोट की चपेट में आ सकता था। जिस स्थान पर यह दुर्घटना हुई, वह शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाके में आता है।
गैस सिलेंडर लदे ट्रक और ट्रेलर अक्सर खतरनाक मालवाहन माने जाते हैं। ऐसे वाहनों के लिए खास नियम बनाए गए हैं, लेकिन अक्सर इन नियमों की अनदेखी होती है।
नियमों की अनदेखी या हादसा?
प्रारंभिक जांच में ट्रेलर के अनियंत्रित होने का कारण तेज रफ्तार या चालक की झपकी बताई जा रही है। हालांकि पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही वास्तविक कारण स्पष्ट होगा। ट्रेलर के दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है।
भारत में खतरनाक माल ले जाने वाले वाहनों के लिए सख्त दिशा-निर्देश हैं। लेकिन हकीकत यह है कि छोटे-बड़े शहरों में ऐसे ट्रक बिना किसी सुरक्षा उपायों के चलते रहते हैं।
2018 में इसी तरह का एक मामला ओडिशा के कालाहांडी में सामने आया था, जब एक गैस ट्रक पलट गया और सिलेंडर फटने से भीषण आग लग गई थी। तब कई लोगों की जान गई थी। जमशेदपुर में हुई यह घटना अगर थोड़ी सी भी गंभीर हो जाती, तो उसका असर भयावह हो सकता था।
सड़क पर वापस लौटी रफ्तार, लेकिन सवाल बाकी
घटना के बाद कई घंटे तक हाथी-घोड़ा मंदिर के पास की सड़क जाम रही। पुलिस और नगर निगम की टीम ने मिलकर ट्रेलर को हटाया और यातायात व्यवस्था को सामान्य किया।
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। ट्रेलर चालक से पूछताछ की जा रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि वाहन ओवरलोड तो नहीं था।
क्या हमारी सड़कों पर चल रहे हैं 'चलते फिरते बम'?
इस हादसे ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारी सड़कों पर ऐसे वाहन किसी 'टाइम बम' की तरह नहीं हैं? जब चाहे, जहां चाहे, अगर एक चिंगारी लगी तो सब कुछ खत्म हो सकता है।
जरूरत है सख्त निगरानी की, मजबूत नियमों की और जागरूकता की, ताकि अगली बार ऐसा हादसा केवल खबरों तक सीमित रह जाए, किसी की जिंदगी का अंत न बने।
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