Jamshedpur Loot: स्कूटी पर आए तीन लुटेरे, हमला कर छीन ले गए पर्स और मोबाइल, दो गिरफ्तार!
जमशेदपुर के बाराद्वारी में स्कूटी सवार तीन अपराधियों ने युवक से लूटपाट की। पुलिस ने दो को गिरफ्तार कर जेल भेजा, तीसरे की तलाश जारी है।

जमशेदपुर/सीतारामडेरा – शनिवार रात शहर की शांत फिजा को एक झकझोर देने वाली वारदात ने हिला दिया। मानगो सुभाष कॉलोनी निवासी पिंटु कुमार जब बाराद्वारी के साईं अपार्टमेंट के पास से गुजर रहे थे, तभी स्कूटी पर सवार तीन अपराधियों ने उन्हें घेर लिया। मारपीट कर मोबाइल, पर्स और एटीएम कार्ड लूट कर फरार हो गए।
घटना को लेकर पुलिस ने बेहद त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को धर दबोचा है। बर्मामाइंस निवासी सुमीत कुमार और सीतारामडेरा के मनीष कुमार ओझा को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
CCTV फुटेज बना सबसे बड़ा सुराग
जैसे ही लूट की जानकारी पुलिस को मिली, सीतारामडेरा थाना प्रभारी की टीम हरकत में आ गई। सबसे पहले घटना स्थल के आसपास लगे CCTV कैमरों की जांच की गई, जिसमें तीनों लुटेरों की पहचान साफ हो गई।
इसके बाद गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से घटना में प्रयुक्त स्कूटी, लूटा गया मोबाइल और एटीएम कार्ड बरामद कर लिया गया है।
तीसरा आरोपी अभी भी फरार
हालांकि तीसरा आरोपी अभी भी फरार है, लेकिन पुलिस का कहना है कि उसकी लोकेशन ट्रैक कर ली गई है और जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है।
लूट की वारदातें: कोई नई बात नहीं!
जमशेदपुर जैसे औद्योगिक शहरों में लूटपाट की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। बीते सालों में भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें रात के अंधेरे में राहगीरों को निशाना बनाया गया।
2019 में सोनारी क्षेत्र में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था, जहां बाइक सवार लुटेरों ने एक बुजुर्ग से मोबाइल और नकदी छीन ली थी।
पुलिस की पैनी नजर, लेकिन अपराधी भी चालाक
शहर की पुलिस ने दावा किया है कि अब रात्रि गश्ती बढ़ा दी गई है और संदिग्ध वाहनों की नियमित जांच हो रही है। लेकिन अपराधी भी अब तकनीक का इस्तेमाल करने लगे हैं, जिससे पकड़ना और चुनौतीपूर्ण हो गया है।
थाना प्रभारी ने बताया, "हमारी टीम लगातार गश्त कर रही है। इस तरह की घटनाओं पर रोक के लिए सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी भी तैनात किए जा रहे हैं।"
जनता में रोष, सुरक्षा पर सवाल
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी और डर का माहौल है। आम जनता का कहना है कि अगर मुख्य सड़कों पर इस तरह की घटनाएं होंगी तो आम आदमी कहां सुरक्षित है?
शहरवासियों ने मांग की है कि प्रमुख इलाकों में पुलिस बूथ और मोबाइल पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए।
क्या इस शहर में सुरक्षित हैं आप?
जमशेदपुर जैसे विकसित होते शहर में अगर अपराधी खुलेआम राहगीरों को निशाना बनाएं, तो यह सिर्फ कानून व्यवस्था पर ही नहीं, बल्कि हमारे समाज के बदलते रूप पर भी सवाल खड़ा करता है।
पुलिस की तत्परता काबिल-ए-तारीफ है, लेकिन आपराधिक मानसिकता पर लगाम लगाने के लिए समाज और प्रशासन दोनों को जागरूक होना होगा।
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