TB Elimination Campaign : दक्षिण-पूर्व रेलवे का 100 दिन का अभियान, जागरूकता रैलियों और नुक्कड़ नाटकों से लोगों को कर रहा जागरूक!

दक्षिण-पूर्व रेलवे ने 100 दिन के टीबी उन्मूलन अभियान की शुरुआत की। जागरूकता कैंप, रैलियां, नुक्कड़ नाटक और वॉकथॉन के जरिए टीबी के खिलाफ जंग तेज।

Jan 27, 2025 - 21:51
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TB Elimination Campaign : दक्षिण-पूर्व रेलवे का 100 दिन का अभियान, जागरूकता रैलियों और नुक्कड़ नाटकों से लोगों को कर रहा जागरूक!

27 जनवरी 2025 : दक्षिण-पूर्व रेलवे (SER) ने टीबी उन्मूलन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए 100 दिन के अभियान की शुरुआत की। यह अभियान भारत सरकार द्वारा 7 दिसंबर 2024 को शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य क्षय रोग (टीबी) का तेजी से उन्मूलन करना है।

टीबी के खिलाफ लिया गया संकल्प

27 जनवरी 2025 को दक्षिण-पूर्व रेलवे मुख्यालय में महाप्रबंधक श्री अनिल कुमार मिश्रा और प्रधान मुख्य चिकित्सा निदेशक डॉ. अंजना मल्होत्रा ने इस अभियान का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में अन्य विभागाध्यक्ष, अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी भाग लिया।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य टीबी के मामलों की पहचान में सुधार करना, निदान में देरी को कम करना और विशेष रूप से कमजोर आबादी के लिए इलाज के परिणामों को बेहतर बनाना है। यह अभियान भारत के 347 जिलों और 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चलाया जा रहा है।

दक्षिण-पूर्व रेलवे की पहल

दक्षिण-पूर्व रेलवे के सेंट्रल हॉस्पिटल, गार्डन रीच ने इस अभियान के तहत आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) प्रयासों को तेज कर दिया है। गार्डन रीच के अंतर्गत आने वाले मानसतला जिला इस अभियान का हिस्सा है।

जागरूकता प्रयासों में शामिल गतिविधियां:

रेलवे कॉलोनियों, स्काउट्स और गाइड्स डेन, सेंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिज, विभागीय कार्यालयों, स्कूलों, रेलवे आउथाउसेस और रेलवे स्टेशनों पर जागरूकता शिविर।

ऑडियो और वीडियो क्लिप्स के जरिए यात्रियों को टीबी के बारे में जागरूक करना।

पोस्टर और बैनर लगाना।

विभिन्न डिवीजनों में रैलियां आयोजित करना।

आगामी गतिविधियां

1. नुक्कड़ नाटक: मुख्यालय और डिवीजनों में टीबी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जाएंगे।

2. वॉकथॉन: 8 फरवरी 2025 को मुख्यालय और डिवीजनों में वॉकथॉन का आयोजन होगा।

3. क्विज प्रतियोगिता: मुख्यालय में अंतर विभागीय क्विज प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।

4. स्क्रीनिंग कैंप: प्रधान मुख्य चिकित्सा निदेशक कार्यालय में वॉक-इन स्क्रीनिंग और जागरूकता कैंप आयोजित होंगे।

5. स्लोगन प्रतियोगिता: मुख्यालय के आस-पास के स्कूलों के छात्रों को टीबी जागरूकता पर स्लोगन लिखने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

6. स्टाफ की स्क्रीनिंग: रोगी देखभाल में सीधे जुड़े कर्मचारियों की स्क्रीनिंग की जाएगी।

दक्षिण-पूर्व रेलवे का यह 100 दिन का अभियान न केवल टीबी के मामलों की पहचान और रोकथाम को मजबूत करेगा, बल्कि समुदाय के सभी वर्गों को जागरूक और शिक्षित करेगा। जागरूकता बढ़ाने के लिए नुक्कड़ नाटक, रैलियां और वॉकथॉन जैसे प्रयास निश्चित रूप से टीबी उन्मूलन की दिशा में बड़ा योगदान देंगे।

टीबी मुक्त भारत का सपना अब और करीब है!

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।