Jharkhand Alert: पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवात का तांडव, रांची में वज्रपात से युवक की मौत, 15 जिलों में बारिश और ओले
झारखंड में पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण बारिश, वज्रपात और ओलावृष्टि का कहर जारी है। रांची में एक व्यक्ति की मौत, मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

रांची/झारखंड – झारखंड में मौसम का मिजाज अचानक से बेहद खतरनाक हो गया है। पश्चिमी विक्षोभ, साइक्लोनिक सर्कुलेशन और बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के चलते राज्य के कई हिस्सों में तेज बारिश, वज्रपात और ओलावृष्टि का तांडव जारी है।
राजधानी रांची में वज्रपात से 30 वर्षीय अनूप कच्छप की मौत हो गई है, जिससे शहर में भय और चिंता का माहौल बन गया है। वहीं, मौसम विभाग ने पूरे राज्य के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है और अगले 24 घंटे बेहद संवेदनशील माने जा रहे हैं।
क्यों बरस रहा है कहर?
झारखंड में अचानक बदला मौसम कोई नई बात नहीं है। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से उत्तरी भारत में जब भी चक्रवातीय स्थिति बनती है, तो इसका असर झारखंड और बंगाल तक पहुंचता है। खासतौर पर मार्च से मई के बीच इस तरह की प्राकृतिक गतिविधियां चरम पर होती हैं।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बनी निम्न दबाव की स्थिति और हवा के ऊपरी हिस्सों में बने चक्रवातीय दबाव ने मिलकर एक बेहद सक्रिय सिस्टम बना दिया है, जिससे अचानक तेज बारिश और ओलावृष्टि हो रही है।
रांची, बोकारो, देवघर में सबसे ज्यादा असर
सोमवार 14 अप्रैल को दोपहर बाद रांची में 7 मिमी बारिश हुई, वहीं खेलगांव क्षेत्र में जमकर ओले गिरे, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। डोरंडा के बड़ा घाघरा इलाके में गिरी आकाशीय बिजली ने अनूप कच्छप की जान ले ली।
राज्य के अन्य जिलों जैसे देवघर, गिरिडीह, धनबाद, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, रामगढ़, हजारीबाग, सरायकेला और पश्चिमी सिंहभूम में भी जमकर बारिश और ओले गिरे। सबसे अधिक 32.2 मिमी बारिश बोकारो में दर्ज की गई, वहीं खूंटी के तोरपा में 24.8 मिमी और खूंटी शहर में 21 मिमी वर्षा हुई।
हवाओं की रफ्तार 50 किमी तक पहुंच सकती है
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 15 अप्रैल को राज्य भर में तेज बारिश के साथ-साथ 40 से 50 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। कुछ इलाकों में ओलावृष्टि और वज्रपात की संभावना अत्यधिक प्रबल है।
इसलिए लोगों को सतर्क रहने, खुले स्थानों पर जाने से बचने और विद्युत उपकरणों से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी गई है।
इतिहास भी गवाह है
झारखंड में अप्रैल-मई के दौरान वज्रपात से मौत के कई मामले सामने आते रहे हैं। 2021 में सिर्फ एक महीने में राज्य में 20 से अधिक मौतें वज्रपात से हो चुकी थीं। इसका मुख्य कारण ग्रामीण क्षेत्रों में खुले खेतों में कार्य करते समय बिजली गिरने की घटनाएं रही हैं।
सरकार द्वारा ‘वज्र ऐप’ जैसी पहल की गई थी जिससे ग्रामीणों को बिजली गिरने की चेतावनी मिल सके, लेकिन आज भी जागरूकता की कमी के कारण नुकसान हो रहा है।
अब क्या करें?
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खुले मैदान या ऊंचे पेड़ के नीचे खड़े न हों
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मोबाइल चार्जिंग और टेलीविजन जैसे उपकरणों को बंद रखें
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मौसम विभाग की वेबसाइट और स्थानीय प्रशासन के अलर्ट पर नजर रखें
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जरूरी न हो तो घर से बाहर न निकलें
झारखंड में मौसम का यह करवट मानव जीवन के लिए चुनौती बनती जा रही है। राज्य को इस असमय संकट से निपटने के लिए सतर्कता, तकनीकी जागरूकता और प्रशासनिक सक्रियता की जरूरत है।
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