Murshidabad Violence: तुर्की से आया पैसा, 500 रुपये में बिके दंगाई, 3 महीने पहले से चल रही थी साजिश
मुर्शिदाबाद हिंसा में बड़ा खुलासा: तुर्की से फंडिंग, 3 महीने पहले रची गई थी साजिश, हमलावरों को 500500 रुपये दिए गए। पढ़ें पूरी खबर।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में भड़की हिंसा में अब बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों के मुताबिक, यह हिंसा कोई सहज विरोध प्रदर्शन नहीं बल्कि तीन महीने पहले से रची गई सुनियोजित साजिश थी, जिसके लिए तुर्की से फंडिंग की गई थी। हमलावरों को लूटपाट के लिए 500500 रुपये दिए गए थे।
क्या हुआ था मुर्शिदाबाद में?
10 अप्रैल से वक्फ कानून के विरोध में हिंसा शुरू
3 लोगों की मौत, सैकड़ों घायल
पुलिस वाहनों में आग लगाई गई
रेलवे संपत्ति को भारी नुकसान
केंद्रीय सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात
जांच में क्या पता चला?
सुरक्षा एजेंसियों ने खुलासा किया है कि:
1. पूर्व योजना: हिंसा की योजना 3 महीने पहले बनाई गई थी
2. विदेशी फंडिंग: तुर्की से धन प्राप्त हुआ था
3. भुगतान: प्रत्येक हमलावर को 500 रुपये दिए गए
4. लक्ष्य: बंगाल को "बांग्लादेश जैसा" बनाना
5. प्रशिक्षण: पिछले 3 महीनों से हमलावरों को ट्रेनिंग दी जा रही थी
ऐतिहासिक संदर्भ
मुर्शिदाबाद लंबे समय से सांप्रदायिक तनाव का केंद्र रहा है:
2018: धार्मिक जुलूस को लेकर हिंसा
2020: नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन
2022: रामनवमी पर झड़पें
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
ममता बनर्जी: "कानून अपने हाथ में न लें, शांति बनाए रखें"
केंद्र सरकार: अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए
विपक्ष: राज्य सरकार पर नियंत्रण न रखने का आरोप
अब क्या होगा?
जांच एजेंसियां विदेशी कनेक्शन की जांच कर रही हैं
हिंसा में शामिल लोगों की पहचान जारी
प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जारी
राज्य सरकार ने शांति बैठकों का आयोजन किया
सवाल यह है कि क्या इस हिंसा के पीछे का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क पूरी तरह उजागर हो पाएगा? क्या राज्य सरकार भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोक पाएगी?
स्थानीय निवासियों से अपील की गई है कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें। कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
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