Jamshedpur Exam: निरीक्षकों की परीक्षा संपन्न, शिक्षा अधिकारियों ने लिया जायजा
जमशेदपुर के बीपीएम मध्य विद्यालय में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत निरीक्षकों की परीक्षा संपन्न हुई। जानिए परीक्षा की पूरी जानकारी।

जमशेदपुर: शहर के बर्मामाइंस स्थित बीपीएम मध्य विद्यालय में रविवार को "उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम" के तहत निरीक्षकों की परीक्षा आयोजित की गई। इस परीक्षा में कुल 60 निरीक्षकों ने भाग लिया, जिसमें 12 स्कूलों के निरीक्षक शामिल थे।
परीक्षा के दौरान जिले के उच्च शिक्षा अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और व्यवस्था का जायजा लिया। जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष पांडे और जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार ने परीक्षा केंद्र का निरीक्षण किया और शांतिपूर्ण परीक्षा संचालन की पुष्टि की।
क्या है नवभारत साक्षरता कार्यक्रम?
भारत सरकार द्वारा 2022 में शुरू किए गए नवभारत साक्षरता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश में पूर्ण साक्षरता को बढ़ावा देना है।
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इस योजना के तहत 15 वर्ष से अधिक उम्र के अशिक्षित लोगों को बुनियादी शिक्षा प्रदान की जाती है।
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कार्यक्रम में शिक्षकों, निरीक्षकों और शिक्षा अधिकारियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है, इसलिए उनके लिए भी परीक्षा आयोजित की जाती है।
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"उल्लास" योजना के तहत इस परीक्षा का आयोजन किया गया, जिससे निरीक्षकों की दक्षता को परखा जा सके।
परीक्षा केंद्र पर कैसी रही व्यवस्था?
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बीपीएम मध्य विद्यालय में सुबह से ही निरीक्षकों की भीड़ उमड़ने लगी थी।
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कुल 60 निरीक्षकों ने परीक्षा में हिस्सा लिया, जो 12 स्कूलों से आए थे।
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परीक्षा पूरी तरह से शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई।
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परीक्षा केंद्र पर प्रशासनिक अधिकारियों की कड़ी निगरानी थी, जिससे निष्पक्ष परीक्षा सुनिश्चित हो सके।
शिक्षा अधिकारियों ने क्या कहा?
जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष पांडे ने परीक्षा केंद्र का निरीक्षण करने के बाद कहा:
"विद्यालय में परीक्षा शांतिपूर्ण माहौल में हो रही है। निरीक्षकों की उपस्थिति भी अच्छी रही, जिससे उनकी गंभीरता का पता चलता है।"
जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार ने भी परीक्षा की व्यवस्था पर संतोष जताया और कहा कि:
"शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए ऐसे कार्यक्रम बेहद जरूरी हैं। इससे निरीक्षकों की क्षमता को मापा जाता है, जो आगे जाकर शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने में सहायक होगा।"
कौन-कौन अधिकारी रहे मौजूद?
परीक्षा के दौरान कई प्रमुख अधिकारी भी वहां उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं:
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विजय प्रमाणिक (बीआरपी)
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राजेश कुमार (सीआरपी)
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सुजय भट्टाचार्य (सीआरपी)
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तरुण घटवारी
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राहुल कुमार
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श्रीलाल सिंह
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उपेंद्र कुमार
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करनदीप सिंह
भारत में साक्षरता दर का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
अगर शिक्षा के इतिहास पर नजर डालें तो भारत में साक्षरता दर में तेजी से सुधार हुआ है।
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1951 में देश की साक्षरता दर केवल 18.33% थी, जो आज बढ़कर 77% के करीब पहुंच गई है।
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झारखंड जैसे राज्यों में भी शिक्षा सुधार की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
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नवभारत साक्षरता कार्यक्रम जैसे अभियान देश में शत-प्रतिशत साक्षरता का सपना साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।
इस परीक्षा का क्या होगा प्रभाव?
इस परीक्षा के परिणाम से उन निरीक्षकों की योग्यता का मूल्यांकन किया जाएगा, जो इस कार्यक्रम के तहत शिक्षा के स्तर को सुधारने में अहम भूमिका निभाएंगे।
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बेहतर प्रदर्शन करने वाले निरीक्षकों को भविष्य में विशेष प्रशिक्षण और अवसर दिए जा सकते हैं।
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परीक्षा परिणाम के आधार पर शिक्षा नीति को और प्रभावी बनाया जा सकता है।
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इससे नवभारत साक्षरता कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर और मजबूती मिलेगी।
क्या आगे भी होंगी ऐसी परीक्षाएं?
शिक्षा विभाग का मानना है कि भविष्य में ऐसे और भी मूल्यांकन कार्यक्रम होंगे, जिससे निरीक्षकों की दक्षता को परखा जा सके और उन्हें बेहतर प्रशिक्षण दिया जा सके।
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