Dhanbad Clash: एकलव्य स्कूल के क्लर्क ने विधायक को कहे अपशब्द, थाने तक पहुंचा मामला
धनबाद के टुंडी स्थित एकलव्य मॉडल स्कूल में झामुमो कार्यकर्ता और विधायक के साथ क्लर्क द्वारा की गई अभद्रता ने मचाया बवाल। पुलिस ने किरानी को हिरासत में लिया, मामला SC-ST एक्ट में दर्ज।

धनबाद के टुंडी क्षेत्र के एकलव्य मॉडल स्कूल में शुक्रवार को ऐसा हंगामा हुआ कि मामला सीधे विधायक, पुलिस और एससी-एसटी एक्ट तक पहुंच गया। पश्चिमी टुंडी के बांदोजोर गांव निवासी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के सक्रिय कार्यकर्ता साहेबराम टुडू जब एडमिशन की जानकारी लेने स्कूल पहुंचे, तब उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि एक साधारण पूछताछ इतना बड़ा विवाद खड़ा कर देगी।
क्लर्क की 'बोलती' बिगड़ी, विधायक को भी नहीं बख्शा
साहेबराम ने जब क्लर्क अंकित कुमार से एडमिशन संबंधित सवाल किया, तो मामला सामान्य जवाब देने से हटकर अभद्र भाषा और धमकी तक पहुंच गया। साहेबराम के अनुसार, क्लर्क ने उन्हें गार्ड से गेट से धक्का दिलवा कर निकालने की धमकी दी और अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया।
साहेबराम ने अपनी पार्टी और राजनीतिक हैसियत बताते हुए कहा कि वह झामुमो से जुड़े हैं, लेकिन यह कहने पर क्लर्क और अधिक उग्र हो गया। जब साहेबराम ने विधायक मथुरा महतो को फोन किया और बात करवानी चाही, तब क्लर्क ने न सिर्फ फोन पर बात करने से इनकार किया, बल्कि विधायक के साथ भी अशिष्ट भाषा का इस्तेमाल कर डाला।
विधायक मौके पर पहुंचे, कार्यकर्ताओं में उबाल
इस अपमानजनक बर्ताव से विधायक मथुरा महतो इतने आहत हुए कि वे तुरंत तोपचांची से निकलकर नवाटांड़ स्थित स्कूल पहुंचे। उनके साथ दर्जनों समर्थक भी वहां पहुंच गए। विधायक ने मौके पर प्राचार्य से बातचीत की और मामले की गंभीरता बताई। स्थानीय कार्यकर्ता बेहद नाराज़ दिखे, वहीं स्कूल प्रशासन चुप्पी साधे बैठा रहा।
विधायक मथुरा महतो ने कहा,
"अगर एक क्लर्क जनप्रतिनिधि और राजनीतिक कार्यकर्ता से इस तरह का व्यवहार कर सकता है, तो आम जनता के साथ वह क्या कर रहा होगा, इसकी कल्पना की जा सकती है। उसकी भाषा और बर्ताव से मैं भी आहत हूं।"
पुलिस ने ली हिरासत में, केस SC-ST एक्ट में दर्ज
स्थिति को बिगड़ता देख, मनियाडीह थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को संभालते हुए क्लर्क अंकित कुमार को हिरासत में ले लिया। थाना प्रभारी शिव कुमार ने पुष्टि की कि साहेबराम टुडू ने लिखित आवेदन दिया है, जिसमें एससी-एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की गई है।
पुलिस ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
क्या था विवाद की जड़?
साहेबराम का दावा है कि वह स्कूल सिर्फ एडमिशन से जुड़ी जानकारी लेने पहुंचे थे। लेकिन क्लर्क ने बात करने की बजाय बदसलूकी की और धमकी देने लगा। इतना ही नहीं, उसने विधायक मथुरा महतो से बात करने पर भी अभद्रता की सीमाएं पार कर दीं।
ऐसे क्यों होते हैं सरकारी स्कूलों में व्यवहार?
यह कोई पहला मामला नहीं है जब किसी सरकारी स्कूल में कर्मचारियों द्वारा दुर्यवहार की खबर आई हो। अक्सर देखा गया है कि कर्मचारी अपनी सरकारी स्थायित्व की आड़ में अभद्रता, लापरवाही और अकड़ दिखाते हैं। जबकि एकलव्य मॉडल स्कूल जैसे संस्थानों की स्थापना आदिवासी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से की गई थी।
झारखंड में ऐसे मॉडल स्कूलों की शुरुआत 1997 में हुई थी ताकि आदिवासी और कमजोर वर्गों के बच्चों को समान शैक्षणिक अवसर मिल सके। लेकिन यदि वहीं पर अनुशासनहीनता और गैरजिम्मेदार व्यवहार दिखे, तो इसका सीधा असर छात्रों और समाज पर पड़ता है।
अब क्या होगा आगे?
फिलहाल, मामला पुलिस जांच में है। विधायक मथुरा महतो ने संकेत दिया है कि वे इस मुद्दे को विधानसभा तक ले जाएंगे ताकि इस तरह के असंवेदनशील कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई हो सके।
अब देखना यह है कि झारखंड सरकार और शिक्षा विभाग ऐसे मामलों में कितनी कठोरता दिखाते हैं, या फिर ये मामला भी समय के साथ धुंधला पड़ जाएगा।
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