Bihar Politics: क्या तेजस्वी यादव बनेंगे बिहार के अगले 'असली' सीएम? नीतीश की कुर्सी पर मंडराया खतरा!

बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पद के लिए दावा ठोंका, क्या महागठबंधन में फूट पड़ेगी? नीतीश कुमार पर तंज और इतिहास की झलक के साथ जानिए क्या है पूरा खेल।

Sep 20, 2025 - 13:45
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Bihar Politics: क्या तेजस्वी यादव बनेंगे बिहार के अगले 'असली' सीएम? नीतीश की कुर्सी पर मंडराया खतरा!
Bihar Politics: क्या तेजस्वी यादव बनेंगे बिहार के अगले 'असली' सीएम? नीतीश की कुर्सी पर मंडराया खतरा!

बिहार की राजनीति में हमेशा से ही उथल-पुथल मची रहती है, लेकिन इन दिनों मुख्यमंत्री पद की कुर्सी को लेकर जो गहमागहमी चल रही है, वो किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं। क्या तेजस्वी यादव वाकई बिहार के अगले 'असली' सीएम बनने की राह पर हैं? या फिर नीतीश कुमार की पलटीबाजी फिर से कोई नया मोड़ लाएगी? आइए, इस सियासी ड्रामे की परतें खोलते हैं, जहां हर बयान एक सस्पेंस पैदा कर रहा है।

बिहार की राजनीति का इतिहास देखें तो ये हमेशा से गठबंधनों और विश्वासघात की कहानी रहा है। 1990 के दशक में लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी की नींव रखी और सामाजिक न्याय की राजनीति से बिहार को नई दिशा दी। लेकिन 2005 में नीतीश कुमार ने जेडीयू के साथ सत्ता हासिल की और विकास की राजनीति का दौर शुरू किया। 2015 में महागठबंधन बना, जिसमें आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस शामिल हुए, लेकिन 2017 में नीतीश ने पलटी मारी और बीजेपी के साथ चले गए। 2022 में फिर महागठबंधन बना, लेकिन 2024 में नीतीश ने एक बार फिर यू-टर्न लिया। ये इतिहास बताता है कि बिहार में कुर्सी का खेल कभी स्थिर नहीं रहता। अब 2025 के चुनाव नजदीक हैं, और तेजस्वी यादव इस इतिहास को दोहराने या बदलने की कोशिश में जुटे हैं।

तेजस्वी यादव, जो आरजेडी के युवा चेहरे हैं, ने हाल ही में महागठबंधन को साफ-साफ चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि बिना सीएम चेहरे के चुनाव लड़ना तो दूर की बात, सवाल ही नहीं उठता। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि कोई नेता इतनी साफगोई से अपनी महत्वाकांक्षा जाहिर करे? उनकी ये टिप्पणी उनकी पूरक अधिकार यात्रा के दौरान आई, जहां उन्होंने उन इलाकों में जनता से जुड़ाव बनाया जो पिछली पदयात्रा में छूट गए थे। तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा, "क्या हम भाजपाई हैं कि बिना चेहरे के मैदान में उतरेंगे?" ये शब्द न सिर्फ बीजेपी पर वार हैं, बल्कि महागठबंधन के साथियों को भी संदेश हैं कि आरजेडी अब पीछे हटने वाली नहीं।

क्या तेजस्वी को राहुल गांधी का समर्थन मिलेगा? तेजस्वी पहले ही राहुल को इंडिया गठबंधन का पीएम चेहरा मान चुके हैं। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या राहुल ने उन्हें बिहार सीएम का चेहरा घोषित किया है, तो उन्होंने चतुराई से जवाब दिया, "थोड़ा सब्र रखिए, फैसला जनता करेगी। मुख्यमंत्री या सरकार होना ही सबकुछ नहीं, हमें बिहार को बनाना है।" ये बयान कितना रहस्यमयी है! साथ ही, उन्होंने संकेत दिया कि सीट बंटवारे के बाद सीएम पद का चेहरा घोषित होगा। क्या ये इशारा है कि तेजस्वी खुद को महागठबंधन का लीडर मानते हैं?

31 अगस्त को आरा की रैली में तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोला। मंच से जनता से पूछा, "क्या आपको नकली सीएम चाहिए या असली?" ये सवाल बिहार की जनता के दिल में घर कर गया। नीतीश कुमार, जो बिहार राजनीति के 'पलटीमार' कहे जाते हैं, पर ये तीर कितना असर करेगा? इतिहास गवाह है कि नीतीश ने कई बार गठबंधन तोड़े हैं, लेकिन क्या इस बार तेजस्वी की युवा ऊर्जा और जनता का गुस्सा उन्हें हराएगा? बिहार की जनता अब 'डुप्लीकेट और जुमलों' से तंग आ चुकी है, वो 'असली सीएम' की तलाश में है।

कांग्रेस की भूमिका भी दिलचस्प है। राहुल गांधी ने कहा, "इंडिया गठबंधन आपसी सम्मान और सहयोग से चुनाव लड़ेगा और अच्छे नतीजे देगा।" लेकिन कांग्रेस ने अब तक सीएम पद पर कोई ठोस ऐलान नहीं किया। क्या वो तेजस्वी को समर्थन देंगे या कोई नया चेहरा लाएंगे? ये सवाल महागठबंधन में फूट की आशंका पैदा कर रहा है। अगर इतिहास देखें, तो 2010 में कांग्रेस ने बिहार में अकेले चुनाव लड़ा था और बुरी तरह हारी। अब क्या वो आरजेडी के साथ समझौता करेंगे?

तेजस्वी की ये मुखर राजनीति दो बड़े संदेश देती है। पहला, आरजेडी अब किसी समझौते में नहीं फंसेगी। दूसरा, जनता के सामने साफ चेहरा रखकर ही लड़ाई लड़ी जाएगी। क्या ये रणनीति काम करेगी? बिहार की सड़कों पर तेजस्वी की यात्रा देखकर लगता है कि युवा वोटर उनके साथ हैं। लेकिन नीतीश कुमार की अनुभवी राजनीति को कम न आंकें। क्या महागठबंधन टूटेगा? या तेजस्वी की महत्वाकांक्षा पूरी होगी? ये देखना बाकी है।

बिहार राजनीति में ये ड्रामा सिर्फ कुर्सी का नहीं, बल्कि विकास, रोजगार और सामाजिक न्याय का है। तेजस्वी ने बिहार को 'बनाने' की बात की, जो लालू की याद दिलाती है। लेकिन क्या वो नीतीश के 'सुशासन' को चुनौती दे पाएंगे? जनता क्या फैसला करेगी? आप क्या सोचते हैं – कमेंट में बताएं! ये सियासी खेल अभी और रोमांचक होने वाला है, जहां हर मोड़ पर नया ट्विस्ट इंतजार कर रहा है। बिहार की जनता की नजरें अब चुनाव पर टिकी हैं, जहां 'असली' बनाम 'नकली' की जंग निर्णायक होगी।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।