Jamshedpur Football Tournament : बिरसानगर फुटबॉल टूर्नामेंट में छाया युवा जोश, झामुमो प्रहलाद लोहरा रहे खास आकर्षण
जमशेदपुर बिरसानगर में विश्वकर्मा पूजा पर आयोजित फुटबॉल टूर्नामेंट में झामुमो प्रहलाद लोहरा शामिल हुए। खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन और समाज की एकजुटता ने टूर्नामेंट को यादगार बना दिया।
विश्वकर्मा पूजा का त्योहार हमेशा मेहनतकश और कारीगर समाज के लिए खास अहमियत रखता है। इस मौके पर जब धार्मिक आस्था और सामाजिक एकजुटता का संगम देखने को मिलता है, तो खेल भी उसमें नई ऊर्जा भर देता है। ऐसा ही नजारा इस बार जमशेदपुर के बिरसानगर जोन नंबर-4 में दिखा, जहां विश्वकर्मा मंदिर बॉयज क्लब की ओर से आयोजित एकदिवसीय फुटबॉल टूर्नामेंट ने युवाओं में जोश भर दिया।
टूर्नामेंट की खासियत यह रही कि इसमें दूर-दराज़ से आए खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर दर्शकों का दिल जीत लिया। वहीं आयोजन स्थल पर मौजूद स्थानीय समाजसेवियों और नेताओं ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया।
झामुमो प्रहलाद लोहरा बने आकर्षण
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के युवा नेता प्रहलाद लोहरा। उन्होंने खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरण कर सम्मानित किया और कहा कि इस तरह के आयोजन न सिर्फ खेल प्रतिभा को आगे लाते हैं बल्कि समाज को भी एकजुट करते हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि “झारखंड की पहचान सिर्फ खनिजों और मेहनतकश लोगों से नहीं, बल्कि खेलों से भी है। यहां के युवा फुटबॉल जैसे खेलों में राज्य का नाम रोशन कर सकते हैं।”
आयोजन में समाज की एकजुटता
इस टूर्नामेंट को सफल बनाने में स्थानीय समाज और नेताओं की बड़ी भूमिका रही।
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आयोजनकर्ता जॉनी मसीह और धर्मा लोहार ने बताया कि फुटबॉल टूर्नामेंट का मकसद युवा खिलाड़ियों को प्लेटफॉर्म देना और उन्हें नशे व गलत रास्तों से दूर रखना है।
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इस मौके पर समाजसेवी अमूल्य कर्मकार, राजेश कर्मकार, पप्पू तिवारी, गणेश सोलंगी, मनोहर लोहार, नरेश राव, सुभाष लोहार, ममता भुमिज, राहुल नाग, प्रेम लोहार, बुलेट लोहार, श्यामल बाईपॉल और कई स्थानीय कार्यकर्ता मौजूद रहे।
यह नजारा बिरसानगर के खेल प्रेम को दर्शाता है, जहां हर उम्र और वर्ग के लोग एकजुट होकर खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने आए।
फुटबॉल का झारखंड से रिश्ता
यहां यह जानना दिलचस्प है कि फुटबॉल का झारखंड से पुराना रिश्ता रहा है।
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जमशेदपुर और आस-पास के इलाके में टाटा स्टील ने वर्षों पहले खेल को बढ़ावा देने के लिए कई मैदान और सुविधाएं उपलब्ध कराईं।
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बिरसानगर और आदिवासी इलाकों में फुटबॉल सिर्फ खेल नहीं बल्कि उत्सव का हिस्सा माना जाता है।
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यही कारण है कि गांव-गांव में त्योहार और मेलों के दौरान फुटबॉल टूर्नामेंट आयोजित होते रहते हैं।
इतिहास गवाह है कि झारखंड के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल में अपनी पहचान बनाई है। यही परंपरा अब स्थानीय टूर्नामेंट्स के जरिए नई पीढ़ी तक पहुंच रही है।
खेल से समाज को नया संदेश
इस तरह के आयोजनों से समाज में एक सकारात्मक संदेश जाता है। एक ओर जहां युवा अपनी प्रतिभा दिखाते हैं, वहीं दूसरी ओर लोग आपसी मेलजोल और भाईचारे को मजबूत करते हैं।
विश्वकर्मा पूजा के मौके पर आयोजित इस टूर्नामेंट ने यह साबित किया कि जब समाज, राजनीति और खेल एक साथ आते हैं तो एक नई ऊर्जा पैदा होती है। यही ऊर्जा बिरसानगर के युवाओं को आगे बढ़ने और राज्य को खेलों में नई पहचान दिलाने के लिए प्रेरित करेगी।
जमशेदपुर का यह फुटबॉल टूर्नामेंट सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं था, बल्कि यह समाज की एकजुटता, युवाओं के सपनों और झारखंड की खेल परंपरा का प्रतीक बन गया। झामुमो प्रहलाद लोहरा की मौजूदगी और खिलाड़ियों का जज्बा इस आयोजन को यादगार बना गया।
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