Jamshedpur Accident: तेज रफ्तार हाइवा ने सड़क पर लिखा दर्दनाक अंत, बेटी रह गई अकेली!

जमशेदपुर में नो एंट्री के बावजूद तेज रफ्तार हाइवा ने बाइक सवार दंपती को कुचल दिया, जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। हादसे के बाद लोगों में आक्रोश, सड़क जाम और पुलिस पर लापरवाही के आरोप।

Feb 16, 2025 - 14:34
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Jamshedpur Accident: तेज रफ्तार हाइवा ने सड़क पर लिखा दर्दनाक अंत, बेटी रह गई अकेली!
Jamshedpur Accident: तेज रफ्तार हाइवा ने सड़क पर लिखा दर्दनाक अंत, बेटी रह गई अकेली!

जमशेदपुर में शनिवार देर शाम एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। बागबेड़ा थाना क्षेत्र के केंद्रीय विद्यालय मोड़ के पास नो एंट्री में चल रहे एक तेज रफ्तार हाइवा (JH-05 CY 2776) ने बाइक सवार दंपती को कुचल दिया। इस घटना में सेवानिवृत्त टाटा स्टील कर्मी देवाशीष चौधरी (62) और उनकी पत्नी नूपुर चौधरी (55) की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा करीब पौने आठ बजे हुआ, जब वे बाजार से खरीदारी कर घर लौट रहे थे।

तेज रफ्तार हाइवा बना मौत का कारण

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दंपती अपनी बाइक (JH-05 M 1729) से लौट रहे थे, तभी पीछे से आ रहे तेज रफ्तार हाइवा ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों सड़क पर गिर पड़े। इससे पहले कि वे संभल पाते, हाइवा उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ गया। स्थानीय लोगों ने भाग रहे हाइवा को कुछ दूरी पर जाकर रोक लिया, लेकिन चालक मौके से फरार होने की कोशिश करने लगा। गुस्साए लोगों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।

आक्रोश में भड़के लोग, पुलिस पर बरसे आरोप

घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया। गुस्साए लोगों ने सड़क जाम कर दिया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। आक्रोशित भीड़ का कहना था कि पुलिस नो एंट्री में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने में नाकाम रही है।

मौके पर पहुंचे डीएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) तौकीर आलम, बागबेड़ा और परसुडीह थाना पुलिस ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ उग्र हो गई। प्रदर्शनकारियों ने सड़क किनारे बने पुलिस चेक पोस्ट को मुख्य मार्ग पर फेंक दिया और वाहन चालकों से मारपीट करने लगे। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, 10 साल पहले बेटे को भी खोया था

इस हादसे ने चौधरी परिवार को पूरी तरह से तोड़ दिया। जानकारी के मुताबिक, देवाशीष चौधरी का इकलौता बेटा ऋषि चौधरी 10 साल पहले एग्रिको में एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया था। उस हादसे में देवाशीष, उनकी पत्नी और बेटी निशा चौधरी भी घायल हुए थे। अब इस ताजा दुर्घटना में माता-पिता की मौत के बाद परिवार में सिर्फ उनकी बेटी निशा बची है।

स्थानीय वार्ड सदस्य सविता सरकार के अनुसार, देवाशीष आमतौर पर कार से सफर करते थे, लेकिन दुर्भाग्यवश शनिवार को वे बाइक से निकले थे। वे हाल ही में अपने घर का नवीनीकरण करवा रहे थे और उसी सिलसिले में बाजार गए थे।

पुलिस की लापरवाही बनी हादसे की वजह?

स्थानीय लोगों का आरोप है कि जमशेदपुर में ट्रैफिक पुलिस आम लोगों से तो सख्ती से पेश आती है, लेकिन भारी वाहनों की नो एंट्री उल्लंघन पर आंख मूंद लेती है। नो एंट्री के बावजूद हाइवा कैसे चल रहा था, यह बड़ा सवाल बना हुआ है।

घटना के बाद पूर्व जिला पार्षद माणिक मलिक, जदयू नेत्री अंजली सरकार और अन्य स्थानीय नेता भी सड़क पर धरने पर बैठ गए और प्रशासन से जवाब मांगा।

चार दिन पहले भी हुआ था दर्दनाक हादसा

यह पहला मामला नहीं है जब नो एंट्री उल्लंघन के कारण किसी ने अपनी जान गंवाई हो। महज चार दिन पहले टेल्को थाना क्षेत्र के जेम्को में एक ट्रक ने बारीगोड़ा निवासी कृष्णा शर्मा और उनकी बेटी अंजली शर्मा को कुचल दिया था। इस हादसे में पिता-पुत्री की मौत हो गई थी, जबकि उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हुआ था।

अब देवाशीष चौधरी और उनकी पत्नी की मौत के बाद लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक ट्रैफिक पुलिस ऐसे मामलों में आंखें मूंदे रहेगी? क्या यह हादसा सिर्फ एक संयोग था, या लापरवाही का नतीजा?

प्रशासन के सामने सवाल, कब होगी कार्रवाई?

इस हादसे के बाद सवाल उठना लाजमी है कि आखिर प्रशासन इन मौतों को कब तक नजरअंदाज करता रहेगा? क्या नो एंट्री नियमों का उल्लंघन ऐसे ही जारी रहेगा?

आक्रोशित लोग मांग कर रहे हैं कि दोषी ट्रक चालक को कड़ी सजा दी जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस को सख्ती बरतनी चाहिए।

अब देखना होगा कि इस हादसे के बाद प्रशासन जागता है या नहीं, या फिर कोई और निर्दोष अपनी जान गंवाएगा?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।