Vice president candidate : उपराष्ट्रपति चुनाव में बड़ा दांव: महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन NDA के उम्मीदवार, जानिए कौन हैं ये सियासत के ‘सतत विजेता’
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: भाजपा ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को NDA का उम्मीदवार घोषित किया। जानिए उनकी जीवनी, राजनीतिक सफर और जीत की संभावनाएं।"

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने शनिवार को औपचारिक ऐलान कर दिया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन होंगे। वर्तमान में वे महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे। इस ऐलान के साथ ही राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है, क्योंकि भाजपा ने एक अनुभवी और सुलझे हुए नेता पर भरोसा जताया है।
कौन हैं सी.पी. राधाकृष्णन?
सी.पी. राधाकृष्णन का जन्म 4 मई 1957 को कोयंबटूर, तमिलनाडु में हुआ। वे मूल रूप से शिक्षा, सामाजिक कार्य और राजनीति—तीनों ही क्षेत्रों से गहराई से जुड़े रहे हैं। राधाकृष्णन का परिवार आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा से लंबे समय से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तमिलनाडु में पूरी की और उसके बाद स्नातक स्तर पर वाणिज्य (Commerce) की पढ़ाई की। राजनीति में आने से पहले वे एक सफल कारोबारी और समाजसेवी के रूप में अपनी पहचान बना चुके थे।
राजनीतिक सफर की शुरुआत
सी.पी. राधाकृष्णन ने अपना राजनीतिक करियर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा के संगठनात्मक ढांचे से शुरू किया। उन्हें कार्यकर्ताओं के बीच एक ऐसे नेता के रूप में जाना जाता है जो जमीन से जुड़े, सादगीपूर्ण और कर्मठ हैं।
उनका बड़ा ब्रेक 1998 में आया, जब वे कोयंबटूर से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार बने और सांसद चुने गए। यही नहीं, 1999 में वे दोबारा इस सीट से सांसद बने। उस दौर में जब दक्षिण भारत में भाजपा की जड़ें कमजोर थीं, राधाकृष्णन ने लगातार दो चुनाव जीतकर पार्टी को मजबूत आधार दिया।
खास उपलब्धियां और योगदान
1. कोयंबटूर बम धमाकों (1998) के बाद जनता का विश्वास जीतना – जब शहर में भय का माहौल था, तब राधाकृष्णन ने लोगों का भरोसा बहाल किया और राजनीति में स्थिरता का चेहरा बने।
2. संसद में सक्रिय भूमिका – बतौर सांसद उन्होंने औद्योगिक शहर कोयंबटूर के विकास, रोजगार सृजन और इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कई मुद्दे उठाए।
3. पार्टी संगठन में मजबूत पकड़ – वे लंबे समय तक भाजपा तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष भी रहे। इस दौरान उन्होंने राज्य में भाजपा का वोट प्रतिशत और जनाधार बढ़ाने का श्रेय पाया।
महाराष्ट्र के राज्यपाल बने
सी.पी. राधाकृष्णन को जुलाई 2023 में महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया। राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रहा। उन्होंने राज्य सरकार और केंद्र के बीच बेहतर तालमेल बैठाने का प्रयास किया।
क्यों बनाए गए उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार?
विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा ने इस बार दक्षिण भारत को साधने के लिए राधाकृष्णन पर दांव लगाया है।
एक तो वे तमिलनाडु से आते हैं, जहां भाजपा अपने विस्तार की कोशिश में है।
दूसरा, उनका संगठनात्मक अनुभव और शांत स्वभाव उन्हें उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाता है।
तीसरा, वे हिंदी, अंग्रेज़ी और तमिल तीनों भाषाओं में प्रवीण हैं, जो उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य बनाता है।
निजी जीवन
सी.पी. राधाकृष्णन का निजी जीवन बेहद सरल है। वे पारिवारिक व्यक्ति हैं और समाजसेवा को हमेशा प्राथमिकता देते रहे हैं। उनकी पहचान एक ईमानदार और सुलझे हुए नेता की है, जो बिना विवादों में पड़े काम करने में विश्वास रखते हैं।
आगे का रास्ता
21 अगस्त को नामांकन दाखिल करने के बाद तस्वीर साफ होगी, लेकिन NDA की संख्यात्मक बढ़त को देखते हुए उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है। अगर वे उपराष्ट्रपति बनते हैं, तो वे एम. वेंकैया नायडू और जगदीप धनखड़ जैसे नेताओं की परंपरा को आगे बढ़ाएंगे।
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