टाटा स्टील के एमडी टी.वी. नरेंद्रन: नेट जीरो के लिए कार्बन फुटप्रिंट कम करने पर जोर
टाटा स्टील के एमडी सह सीईओ टी.वी. नरेंद्रन ने कंपनी की नेट जीरो मुहिम की जानकारी दी और कार्बन फुटप्रिंट कम करने पर जोर दिया। एमडी ऑनलाइन संबोधन में कंपनी के प्रदर्शन पर चर्चा की गई और कर्मचारियों की समस्याओं पर ध्यान दिया गया।
टाटा स्टील के एमडी सह सीईओ टी.वी. नरेंद्रन ने कहा है कि कंपनी नेट जीरो लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के बेहतर कदम उठाए जा रहे हैं। श्री नरेंद्रन ने सोमवार को एमडी ऑनलाइन के माध्यम से कर्मचारियों को संबोधित किया और कंपनी के प्रदर्शन की जानकारी दी।
इस दौरान दो कर्मचारियों ने तीन सवाल उठाए। डब्ल्यूआरएम के कमेटी मेंबर अरविंद तिवारी ने एल6 क्वार्टर में टॉयलेट और रूम के बीच खाली स्थान की समस्या का जिक्र किया, जिससे बरसात के मौसम में परेशानी होती है और सुरक्षा का भी खतरा है। इस पर टाटा स्टील के एडमिनिस्ट्रेशन हेड प्रणय सिन्हा ने बताया कि नए प्रोटोकॉल के तहत इस बीच के क्षेत्र में शेड बनाया जा रहा है, और पुरानी समस्याओं को भी देखा जाएगा।
अरविंद तिवारी ने बताया कि वे एक कवि हैं और उन्हें नेपाल से आमंत्रण मिला है। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे प्रतिभाओं को कंपनी द्वारा स्पॉन्सर किया जाना चाहिए। इस पर टी.वी. नरेंद्रन ने कहा कि यह फिलहाल संभव नहीं है क्योंकि कंपनी में कई प्रतिभाशाली लोग हैं और देशभर में कई लोकेशन्स में प्लांट्स हैं, जिससे इस तरह का स्पॉन्सरशिप संभव नहीं हो पाएगा।
एलडी 3 के पूर्व कमेटी मेंबर रघुनंदन पासवान ने क्वार्टरों में टीआरएम जॉब और पुराने बैकलॉग के काम की शिकायत की। उन्होंने कहा कि यूनियन के साथ एक मई के बाद का समझौता हुआ है, इसलिए पुराने बैकलॉग को भी साफ किया जाना चाहिए। इस पर टाटा स्टील यूआईएसएल के एमडी रितुराज सिन्हा ने आश्वासन दिया कि वे इस मामले को देख रहे हैं और पुराने बैकलॉग को भी क्लियर कराने का प्रयास करेंगे।
इस प्रकार, टाटा स्टील न केवल अपनी पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को निभाने के लिए प्रयासरत है बल्कि कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
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