Jharkhand Elephant Problem: बहरागोड़ा में हाथियों का तांडव, किसान परेशान, वन विभाग पर सवाल!
बहरागोड़ा के पाथरी पंचायत में हाथियों ने धान के खेतों को रौंदा, किसानों में डर और चिंता, वन विभाग पर कार्रवाई में लापरवाही का आरोप।
बहरागोड़ा प्रखंड के पाथरी पंचायत स्थित मधुआबेड़ा गांव के पास शनिवार की रात एक डरावनी घटना घटी, जब हाथियों के एक दल ने किसान के खेतों में तांडव मचाया। हाथियों ने धनेश्वर मुंडा और शरद चंद्र मुंडा के खेतों में खड़ी गरमा धान की फसल को रौंदकर बर्बाद कर दिया। इस उपद्रव के बाद हाथी नदी पार करके गुड़ाबांदा क्षेत्र की ओर चले गए। इस घटना ने किसानों के दिलों में भय और चिंता की लहर पैदा कर दी है, क्योंकि इस क्षेत्र में धान की फसल उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत है।
हाथियों ने खेतों को रौंद डाला
शनिवार की रात करीब 10 बजे, जब गांव के लोग अपने-अपने घरों में सो रहे थे, तभी हाथियों का झुंड खेतों में घुस आया। इस दौरान, खेतों में खड़ी गरमा धान की फसल को हाथियों ने पूरी तरह से रौंद डाला। किसानों का कहना है कि हाथियों ने बिना किसी रुकावट के उनकी फसलों को तबाह कर दिया, जिससे उनकी मेहनत और पूरी कमाई का नुकसान हो गया।
किसानों का डर: क्या होगी भविष्य में सुरक्षा?
इस घटना के बाद से क्षेत्र के किसान बुरी तरह परेशान हैं। ग्रामीणों के अनुसार, हाथियों के इस उपद्रव ने उनकी सारी उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया है। किसान अब यह सोचने पर मजबूर हैं कि उनके खेतों की सुरक्षा किस तरह की जाएगी। खासकर तब, जब वन विभाग द्वारा इन हाथियों को खदेड़ने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
स्वर्णरेखा नदी से गुड़ाबांदा तक की यात्रा
हाथियों के खेतों में उपद्रव मचाने के बाद, यह झुंड स्वर्णरेखा नदी पार कर गुड़ाबांदा की ओर बढ़ गया। वहां, नदी के पास स्थित जंगल में इन हाथियों का डेरा बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि इन हाथियों के लगातार क्षेत्र में घूमने से उनकी सुरक्षा की चिंता बढ़ गई है। एक तरफ जहां हाथी उनकी फसलों का नुकसान कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इनकी लापरवाही के कारण वन विभाग भी कोई ठोस कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रहा है।
वन विभाग पर सवालिया निशान
इस घटना के बाद, ग्रामीणों में वन विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर गुस्सा और नाराजगी दिखाई दे रही है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग इन हाथियों को खदेड़ने में पूरी तरह से असफल हो चुका है। उनका कहना है कि हाथी के इस उत्पात को रोकने के लिए कोई ठोस योजना बनाई जानी चाहिए ताकि किसानों का नुकसान कम हो सके और उन्हें अपने खेतों की सुरक्षा मिल सके।
क्या होगी समाधान की दिशा?
अब सवाल उठता है कि इस गंभीर समस्या का समाधान कैसे निकाला जाए? क्या वन विभाग इस मुद्दे पर ध्यान देगा और किसानों की परेशानियों का समाधान करेगा? क्या भविष्य में इस तरह के हादसे से बचने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे? यह सभी सवाल अब किसानों के सामने खड़े हैं, और वे उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही इस मुद्दे का कोई समाधान निकाला जाएगा।
बहरागोड़ा के पाथरी पंचायत में हाथियों द्वारा किए गए उपद्रव ने किसानों के लिए चिंता का कारण बना दिया है। खेतों की बर्बादी ने न केवल उनकी मेहनत को बेकार किया है, बल्कि उनकी आजीविका भी संकट में डाल दी है। अब समय आ गया है कि वन विभाग और प्रशासन इस गंभीर मुद्दे को हल करने के लिए कदम उठाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके और किसानों को सुरक्षा का अहसास हो।
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