Ranchi Raid: ऑपरेशन सतर्क में पकड़े गए शराब तस्कर! रांची स्टेशन पर दो युवकों से 19 बोतल विदेशी शराब जब्त, बिहार में ऊंचे दामों पर बेचने की थी योजना
रांची रेलवे स्टेशन पर ऑपरेशन सतर्क के तहत आरपीएफ ने ट्रेन चेकिंग के दौरान दो युवकों, प्रियांशु और नितीश कुमार, को 19 बोतल विदेशी शराब के साथ गिरफ्तार किया। दोनों बिहार के बेगूसराय के रहने वाले हैं और शराब को ऊंचे दामों पर बेचने की फिराक में थे।
झारखंड की राजधानी रांची का रेलवे स्टेशन एक बार फिर अवैध गतिविधियों का अड्डा बनने से बाल-बाल बच गया। रेल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अवैध धंधों पर लगाम कसने के लिए चलाए जा रहे 'ऑपरेशन सतर्क' के तहत आरपीएफ की फ्लाइंग टीम और पोस्ट अधिकारियों ने देर रात एक बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने ट्रेन में चेकिंग के दौरान दो संदिग्ध युवकों को भारी मात्रा में अवैध विदेशी शराब के साथ रंगे हाथों दबोच लिया।
आरपीएफ की इस कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि त्योहारों के मौसम में अवैध शराब की तस्करी कैसे ट्रेनों के माध्यम से बढ़ जाती है, खासकर बिहार में शराबबंदी के चलते।
'ब्लेंडर्स प्राइड' की तस्करी: बिहार ले जाने की योजना
आरपीएफ की टीम ने ट्रेन संख्या 18622 एक्सप्रेस की जांच के दौरान संदिग्ध युवकों को पकड़ा। उनकी संदिग्ध हरकत ने आरपीएफ अधिकारियों का ध्यान खींचा।
-
पहचान: पकड़े गए युवकों की पहचान प्रियांशु कुमार और नितीश कुमार के रूप में हुई है। दोनों बिहार के बेगूसराय जिले के तेघड़ा थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं।
-
जब्ती: जांच में उनके बैग से कुल 19 बोतलें विदेशी शराब मिलीं, जिनमें ब्लेंडर्स प्राइड और सिग्नेचर ब्रांड की 750 मिलीलीटर की बोतलें शामिल थीं।
-
अनुमानित कीमत: जब्त शराब की कुल मात्रा लगभग 14.250 लीटर है, जिसकी अनुमानित कीमत 17,640 रुपये बताई गई है।
दोनों आरोपी इस अवैध शराब को बिहार ले जाकर ऊंचे दाम पर बेचने की योजना बना रहे थे। बिहार में शराबबंदी के कारण अवैध शराब की कीमतें वहाँ बहुत अधिक होती हैं, जिससे तस्करों को बड़ा मुनाफा होता है।
आरपीएफ ने आबकारी विभाग को सौंपा
आरपीएफ ने जब्त शराब और गिरफ्तार दोनों युवकों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए आबकारी विभाग, रांची के हवाले कर दिया है।
-
कड़ी कार्रवाई: आबकारी विभाग अब उत्पाद अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई करेगा।
-
जारी अभियान: आरपीएफ के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि रेल परिसरों में अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए 'ऑपरेशन सतर्क' और अन्य सुरक्षा अभियान जारी रहेंगे।
यह घटना साफ दिखाती है कि शराबबंदी वाले राज्यों के निकटवर्ती क्षेत्रों में रेलवे कैसे तस्करों के लिए एक आसान रास्ता बन जाता है। रेलवे सुरक्षा बलों की तत्परता ही इस तरह की अवैध तस्करी पर लगाम लगा सकती है।
आपकी राय में, रेल के माध्यम से बिहार में शराब की तस्करी रोकने के लिए रेलवे पुलिस को कौन से दो अतिरिक्त सीमावर्ती जाँच चौकियाँ स्थापित करनी चाहिए?
What's Your Reaction?


