Nepal Ban Decision : फेसबुक-व्हाट्सएप से लेकर यूट्यूब तक बंद, क्या अब नेपाल में खत्म होगी सोशल मीडिया की आज़ादी?

नेपाल सरकार ने फेसबुक, व्हाट्सएप, एक्स और यूट्यूब जैसे 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बैन कर दिया है। आखिर क्यों लिया गया इतना बड़ा फैसला और इसका असर आम लोगों पर क्या होगा? जानिए पूरी रिपोर्ट।

Sep 5, 2025 - 13:43
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Nepal Ban Decision : फेसबुक-व्हाट्सएप से लेकर यूट्यूब तक बंद, क्या अब नेपाल में खत्म होगी सोशल मीडिया की आज़ादी?
Nepal Ban Decision : फेसबुक-व्हाट्सएप से लेकर यूट्यूब तक बंद, क्या अब नेपाल में खत्म होगी सोशल मीडिया की आज़ादी?

नेपाल सरकार ने आज एक बड़ा और कड़ा फैसला लिया। सरकार ने देश में इस्तेमाल हो रहे 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बैन करने का आदेश जारी किया है। इनमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (पूर्व में ट्विटर), यूट्यूब, व्हाट्सएप, टिकटॉक, लिंक्डइन, थ्रेड्स और मैसेंजर जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

यह आदेश नेपाल टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी (NTA) की ओर से इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISP) को दिया गया। अब सभी कंपनियों को इन प्लेटफॉर्म्स को तुरंत ब्लॉक करना होगा।

क्यों लगाया गया बैन?

सरकार का कहना है कि यह फैसला उन प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ लिया गया है जो नेपाल में आधिकारिक रूप से रजिस्टर्ड नहीं हुए हैं। यानी, जिन कंपनियों ने कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं की और स्थानीय कानूनों का पालन नहीं किया, उन पर यह कार्रवाई लागू होगी।

अधिकारियों के मुताबिक, लंबे समय से सरकार इन कंपनियों को रजिस्ट्रेशन और टैक्स नियमों का पालन करने के लिए कह रही थी। लेकिन जब कंपनियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तब मजबूर होकर बैन लगाने का निर्णय लिया गया।

लोगों पर असर

इस फैसले का सीधा असर नेपाल के आम नागरिकों और युवाओं पर पड़ेगा। देश की बड़ी आबादी फेसबुक, व्हाट्सएप और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर निर्भर है। पढ़ाई, बिज़नेस और कम्युनिकेशन के लिए लोग इनका इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में बैन के बाद लोगों के सामने संवाद और कामकाज को लेकर बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।

राजनीतिक बहस भी तेज

नेपाल में इस फैसले को लेकर राजनीतिक हलकों में भी बहस शुरू हो गई है। कुछ लोग सरकार के इस कदम को सही मानते हैं और कहते हैं कि विदेशी कंपनियों को कानून का पालन करना ही चाहिए। वहीं, दूसरी ओर विरोधी दलों का कहना है कि यह फैसला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है और इससे आम लोगों की आवाज दब जाएगी।

आगे क्या होगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैन स्थायी नहीं होगा। यदि कंपनियां नेपाल सरकार के नियमों का पालन करने के लिए तैयार हो जाती हैं, तो बैन हट सकता है। लेकिन फिलहाल के लिए लोगों को इन ऐप्स के बिना ही काम चलाना होगा।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।