WAQF BOARD JPC 2025: वक्फ बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट सदन में हुई पेश, विपक्ष ने किया हंगामा
वक्फ संशोधन बिल पर बनी जेपीसी की रिपोर्ट को दोनों सदनों में पेश कर दिया गया। इसके बाद विपक्ष ने बिल में खामियां जताते हुए जोरदार हंगामा किया।
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वक्फ संशोधन बिल जेपीसी न्यूज 2025: वक्फ संशोधन बिल पर विचार के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की रिपोर्ट गुरुवार को हंगामे के बीच पेश किया गया। विपक्ष ने बिल में डिसेंट नोट को हटाने का आरोप लगाकर सरकार को लोकसभा और राज्यसभा में घेरा। वहीं सरकार ने कहा कि बिल से डिसेंट नोट को नही हटाया गया है। विपक्ष जनता को गुमराह करने का काम कर रही है और राजनीतिक रोटियां सेंक रही है। ग्रह मंत्री अमित शाह ने स्पीकर ओम बिड़ला से कहा कि वह विपक्ष की आपत्तियों को जोड़ सकते है। इस पर सरकार को कोई दिक्कत नहीं है।
विपक्ष बिल को लेकर पहले से है नाराज
गुरुवार को जब सुबह राज्यसभा में बिल पेश किया गया तो सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। जिसके बाद थोड़ी देर के लिए कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। राज्यसभा में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने हमला करते हुए कहा कि जेपीसी की रिपोर्ट में विपक्षी सदस्यों की आपत्तियों को शामिल करने का आरोप लगाते हुए इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था का उल्लंघन माना। समिति ने अपनी रिपोर्ट को 15- 11 के बहुमत से पारित किया था। इसमें सांसदो द्वारा सुझाए गए बदलाव शामिल किए गए। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि समिति को डिसेंट नोट दिए गए थे। लेकिन उन्हें शामिल नहीं किया गया। सिर्फ बहुमत सदस्यों के विचारों को रखकर उसे बुलडोज करना ठीक नहीं है। यह कार्य लोकतंत्र के खिलाफ है। यह रिपोर्ट पूरी तरह फर्जी है। इसे वापस लिया जाना चाहिए। और समिति को वापस भेजना चाहिए।
मुसलमानों के संवैधानिक अधिकारों को छीना गया
विपक्ष ने कहा कि रिपोर्ट पूरी तरह से मुसलमानों के अधिकारों के खिलाफ है। यह वक्फ बोर्ड के कामकाज पर सीधा हमला है। वहीं बीजेपी ने कहा कि वफ्फ समितियों का प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए लाया गया है। बिल में किसी भी समुदाय के अधिकारों को कम नहीं किया गया। जेपीसी की रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा कि संसदीय नियमावली के नियम 72 से 90 तक चयन समिति से जुड़े नियम का उल्लेख है। बहस के दौरान सरकार के कई मंत्रियों ने विपक्ष पर हमला किया। बता दें कि अगस्त 2024 में बिल को लोकसभा में पेश किया गया था। फिर इसे जेपीसी को सौंपा गया।
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