Jamshedpur Murder: खेत में मिला युवक का खून से लथपथ शव, शक की सुई उन्हीं पर जिनसे था पुराना झगड़ा
जमशेदपुर के उलीडीह थाना क्षेत्र की खड़िया बस्ती में 27 वर्षीय युवक ननकू लाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सुबह खेत में खून से लथपथ शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है। हत्या के पीछे पुराना विवाद सामने आ रहा है।

जमशेदपुर के उलीडीह थाना क्षेत्र की खड़िया बस्ती में शुक्रवार की रात एक खौफनाक वारदात ने पूरे इलाके को दहला दिया। 27 वर्षीय युवक ननकू लाल की गोली मारकर बेरहमी से हत्या कर दी गई और उसका खून से लथपथ शव शनिवार सुबह बस्ती के एक खेत में पड़ा मिला। जैसे ही यह खबर फैली, पूरे मोहल्ले में सनसनी मच गई और परिजनों पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा।
युवक की संदिग्ध मौत और उलीडीह की अशांति
खड़िया बस्ती वैसे तो मजदूर वर्ग और शांत माने जाने वाले इलाके में गिनी जाती है, लेकिन पिछले कुछ समय से यहां आपसी रंजिशें और गुटबाजी की खबरें लगातार सामने आ रही थीं। ननकू लाल, जो तीन भाइयों में सबसे छोटा था, घर से शुक्रवार शाम 6 बजे निकला था। परिवारवालों को लगा वह रोज़ की तरह वापस लौट आएगा, लेकिन जब रात भर उसका कुछ पता नहीं चला, तब भी किसी ने ऐसी अनहोनी की कल्पना नहीं की थी।
शनिवार सुबह जब एक खेत में उसका शव मिला तो मोहल्ले में चीख-पुकार मच गई। राकेश, ननकू का बड़ा भाई, का कहना है कि वह खुद रात 8 बजे काम से लौटा और फिर एक शादी में चला गया था, लेकिन सुबह जो खबर मिली, उसने सबकी दुनिया हिला दी।
शक की सुई उन्हीं पर जिनसे पुराना विवाद
राकेश ने पुलिस को बताया कि ननकू का मोहल्ले के ही तीन युवकों—लल्ला, लापत और सिरी—से पुराना विवाद चल रहा था। छह महीने पहले इन युवकों ने ननकू के साथ मारपीट की थी और घर पर पथराव भी किया था। राकेश का दावा है कि उन्होंने इसकी शिकायत थाना में की थी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय दोनों पक्षों में समझौता करवा दिया था।
अब राकेश का आरोप है कि पुलिस की इसी लापरवाही का नतीजा है कि आरोपियों के हौसले इतने बुलंद हो गए कि उन्होंने ननकू की जान तक ले ली।
पुलिस जांच के घेरे में
घटना की जानकारी मिलते ही उलीडीह थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पुलिस का कहना है कि हत्या की वजह जानने के लिए सभी एंगल से जांच की जा रही है और जिन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, उनकी तलाश शुरू कर दी गई है।
वहीं, मोहल्ले के लोगों का कहना है कि अगर समय रहते पुलिस ने पहले की शिकायत पर सख्त एक्शन लिया होता, तो शायद आज ननकू जिंदा होता।
हत्या और पुरानी दुश्मनी का इतिहास
झारखंड, विशेषकर जमशेदपुर के शहरी व उपनगरीय इलाकों में स्थानीय विवाद अक्सर बड़ी घटनाओं में तब्दील हो जाते हैं। पुलिस और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता इन मामलों को और भी जटिल बना देती है। खड़िया बस्ती जैसी जगहों पर युवाओं के गुटों में टकराव और आपसी रंजिशें किसी विस्फोट की तरह अचानक सामने आती हैं।
तो सवाल ये है कि क्या यह हत्या सिर्फ पुरानी रंजिश का परिणाम थी, या इसके पीछे कोई और गहरी साजिश छुपी है?
पुलिस की अगली कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी इस रहस्य पर से पर्दा उठाएगी या फिर यह केस भी एक और अधूरा सवाल बनकर रह जाएगा?
इस पूरे मामले से एक बार फिर पुलिसिया तंत्र पर सवाल खड़ा हो गया है और परिजनों को अब बस न्याय की उम्मीद है।
What's Your Reaction?






