Jharkhand Weather: झारखंड में फिर बदला मौसम का मिजाज, बारिश-तूफान को लेकर अलर्ट जारी!
झारखंड में मौसम फिर बदल गया है। 26 सितंबर तक बारिश और गरज-चमक की संभावना, IMD ने येलो अलर्ट जारी किया। जानें किन जिलों में सबसे ज्यादा असर होगा।
 
                                    झारखंड में सितंबर के आखिर में भी मौसम का मिजाज बदलता हुआ नज़र आ रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के कई हिस्सों में 26 सितंबर 2025 तक बारिश और गरज-चमक की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने साफ कहा है कि इस दौरान तेज हवाएं 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।
बारिश और तेज हवाओं का असर
24 सितंबर को संताल परगना, रांची, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला और बोकारो जिलों में भारी बारिश और गरज-चमक देखने को मिल सकती है। मौसम वैज्ञानिकों ने चेताया है कि बिजली गिरने और तूफानी हवाओं के चलते लोगों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।
25 और 26 सितंबर को भी झारखंड के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना जताई गई है। इसका असर खासकर किसानों और दैनिक यात्रियों पर पड़ सकता है।
येलो अलर्ट जारी
IMD ने झारखंड में 24 सितंबर तक येलो अलर्ट जारी किया है। लोगों से अपील की गई है कि वे खराब मौसम के दौरान घर से बाहर न निकलें।
- 
पेड़ों और बिजली के खंभों से दूरी बनाकर रखें। 
- 
खुले मैदान या ऊंचे स्थानों पर न जाएं। 
- 
खेतों में काम कर रहे किसानों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। 
तापमान में गिरावट
मौसम विभाग का कहना है कि अभी अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन 24 सितंबर के बाद 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है। इससे सुबह और रात के समय हल्की ठंडक का एहसास होगा।
मौसम का ऐतिहासिक पैटर्न
इतिहास गवाह है कि झारखंड का मौसम सितंबर के अंतिम सप्ताह में अक्सर करवट लेता है।
- 
साल 2019 और 2021 में भी सितंबर के अंतिम दिनों में लगातार बारिश से धान की फसलें प्रभावित हुई थीं। 
- 
वहीं, 2022 में तो अचानक आए तूफानी मौसम ने रांची और गिरिडीह में पेड़ों और बिजली के खंभों को गिरा दिया था, जिससे कई दिनों तक बिजली आपूर्ति बाधित रही थी। 
इसीलिए विशेषज्ञ कहते हैं कि झारखंड का मानसून सितंबर में भी अपना असर छोड़ता है और लोगों को हमेशा अलर्ट रहना चाहिए।
किसानों और आम लोगों पर असर
किसानों के लिए यह बारिश राहत भी है और चुनौती भी। एक ओर धान की फसल को पानी मिलेगा, तो वहीं गरज-चमक और तेज हवाएं फसल को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं।
दूसरी ओर, रांची, जमशेदपुर और बोकारो जैसे शहरी इलाकों में बारिश के कारण जलजमाव और ट्रैफिक जाम की समस्या सामने आ सकती है।
लोगों की चिंता और तैयारी
ग्रामीण इलाकों के लोग पहले से ही बिजली गिरने की घटनाओं से चिंतित रहते हैं। झारखंड में हर साल औसतन 200 से ज्यादा लोग बिजली गिरने की घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं। इस वजह से प्रशासन लगातार लोगों को सतर्क रहने और मोबाइल पर अलर्ट मैसेज पढ़ने की अपील कर रहा है।
झारखंड का मौसम इस समय पूरी तरह करवट ले रहा है। अगले दो से तीन दिनों तक राज्यवासियों को सावधान रहने की जरूरत है। बारिश और गरज-चमक जहां ठंडक लेकर आएंगे, वहीं फसलों और आम जनजीवन पर इसका असर भी देखने को मिलेगा।
What's Your Reaction?
 
                    
                
 
                    
                
 
                    
                
 
                    
                
 
                    
                
 
                    
                
 
                    
                
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

 
    


 
                                                                                                                                             
                                                                                                                                             
                                                                                                                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                            