मॉब लिंचिंग और सिपाही परीक्षा में मारे गए युवाओं के परिजनों को 4 लाख की आर्थिक सहायता
झारखंड सरकार ने मॉब लिंचिंग के पीड़ितों और सिपाही परीक्षा के दौरान मारे गए युवाओं के परिजनों को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संवेदना व्यक्त की और सरकार का समर्थन जताया।
रांची, 08 अक्टूबर 2024: झारखंड सरकार ने मॉब लिंचिंग और झारखंड उत्पाद सिपाही शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान मारे गए युवाओं के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान की। सोमवार को, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में 28 मॉब लिंचिंग पीड़ितों और 15 सिपाही परीक्षा में जान गंवाने वाले युवाओं के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये की राशि का चेक वितरित किया।
कार्यक्रम का आयोजन झारखंड मंत्रालय के सभागार में किया गया। इस दौरान, मॉब लिंचिंग की घटना में घायल एक व्यक्ति के आश्रित को 1 लाख रुपये की सहायता राशि भी प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा, "मुसीबत की घड़ी में सरकार पीड़ित परिवारों का पूरा समर्थन करेगी और उनकी हर संभव मदद करेगी।"
मॉब लिंचिंग पीड़ितों को राहत
झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटनाएं समाज के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। ऐसे में सरकार द्वारा पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद देकर उन्हें सहारा दिया जा रहा है। यह कदम सरकार द्वारा उन लोगों की मदद के लिए उठाया गया है, जिन्होंने भीड़ हिंसा में अपने परिवार का सदस्य खोया है।
सिपाही परीक्षा के दौरान जान गंवाने वालों को सहायता
साथ ही, झारखंड उत्पाद सिपाही शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान मौत का शिकार हुए 15 युवाओं के परिवारों को भी सहायता राशि प्रदान की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा के दौरान हुई इन दुखद घटनाओं से सभी आहत हैं, और सरकार पीड़ित परिवारों की मदद के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।
सरकार का पीड़ित परिवारों के प्रति समर्थन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि सरकार का प्रयास है कि समाज में शांति और न्याय बना रहे। उन्होंने पीड़ित परिवारों को यह विश्वास दिलाया कि उनकी सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए सरकार तत्पर है। इस अवसर पर उन्होंने कहा, "हमारे राज्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं और आगे भी लिए जाएंगे।"
यह आर्थिक सहायता न केवल पीड़ित परिवारों के लिए राहत है, बल्कि सरकार द्वारा उनके साथ खड़े रहने का संदेश भी है। सरकार का यह कदम यह दिखाता है कि वह समाज में शांति और सद्भावना बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
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