Road Accidents: सड़क हादसों से नाराज ग्रामीणों ने शव के साथ किया रोड जाम, डंपर बंद करने की मांग
झारखंड के चतरा जिले में सड़क दुर्घटनाओं से नाराज ग्रामीणों ने 3 दिन से सड़क जाम कर रखी है। जानें पूरा मामला और उनकी मांगें।
1 दिसंबर 2024:झारखंड के चतरा जिले के ग्रामीणों ने सड़क दुर्घटनाओं और प्रशासन की लापरवाही के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की है। कारो गांव में तीन दिन से ग्रामीण सड़क जाम कर बैठे हैं। उनकी प्रमुख मांग है कि इस सड़क से डंपर का परिचालन पूरी तरह से बंद किया जाए।
क्या था पूरा मामला?
इस विरोध की शुरुआत तब हुई जब 29 नवंबर (शुक्रवार) को कारो गांव में एक दुखद सड़क हादसा हुआ। 20 वर्षीय दीपक उरांव, जो पिपरवार महाविद्यालय से घर लौट रहा था, एक अज्ञात वाहन की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई।
- दीपक उरांव अपने परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था।
- इस दुर्घटना से पहले उसके पिता परमेश्वर उरांव की मौत भी 15 साल पहले हो चुकी थी।
- दीपक की मौत के बाद ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया, और उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
ग्रामीणों का विरोध और उनकी मांगें
ग्रामीणों का कहना है कि पिपरवार-टंडवा मार्ग और इसके आसपास के क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाएं आम हो गई हैं।
- तीन वर्षों में 30 से अधिक मौतें हो चुकी हैं, और प्रशासन अभी भी इस समस्या की गंभीरता को समझने में विफल है।
- डंपर चालक अक्सर लापरवाह होते हैं, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं।
- ग्रामीणों की मांग है कि कोयला और एनटीपीसी के फ्लाई ऐश की ढुलाई के लिए नया रास्ता बनाया जाए।
धरना-प्रदर्शन और अधिकारियों की कोशिशें
ग्रामीणों ने कल्याणपुर चौक पर बैरियर लगाकर सड़क जाम कर दी है।
- इस जाम के कारण कई यात्री बसें और वाहन फंस गए हैं, और कुछ यात्री पैदल ही अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं।
- अंचल अधिकारी ने रविवार को ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की और नो-इंट्री व्यवस्था की पेशकश की, लेकिन ग्रामीण इस पर नहीं माने।
- अधिकारियों का कहना है कि एनटीपीसी और पीडब्ल्यूडी के माध्यम से सड़क का निर्माण हुआ है, और वे इस मुद्दे का हल निकालने के लिए प्रयासरत हैं।
एनटीपीसी की भूमिका और प्रदूषण का खतरा
ग्रामीणों का आरोप है कि एनटीपीसी की फ्लाई ऐश की ढुलाई से सड़क पर प्रदूषण फैलता है और सड़क दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ती है।
- पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई गई सड़क से कोयला और फ्लाई ऐश की ढुलाई होती है, लेकिन अब ग्रामीण इसे रोकने की मांग कर रहे हैं।
- उन्होंने चेतावनी दी कि इस गांव में हाईवा नहीं चलने देंगे, और कंपनियों से नए रास्ते की मांग की है।
इतिहास और वर्तमान समस्या
चतरा जिले में सड़क दुर्घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं।
- सड़क पर अनियंत्रित ट्रक और डंपर की लापरवाही से आए दिन हादसे होते रहते हैं।
- स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से प्रशासन इन हादसों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा।
क्या होगा भविष्य?
ग्रामीणों की इस धरना-प्रदर्शन की स्थिति को देखते हुए, प्रशासन को जल्द से जल्द एक ठोस कदम उठाना होगा।
- नए सड़क मार्ग की योजना, सुरक्षा उपायों की समीक्षा और डंपर चालकों की ट्रेनिंग जैसी रणनीतियों की जरूरत है।
- ग्रामीणों के विरोध से यह स्पष्ट हो जाता है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, वे अपने आंदोलन को जारी रखेंगे।
चतरा जिले के इस मामले से यह स्पष्ट है कि सड़क सुरक्षा और जिम्मेदार परिवहन प्रबंधन पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है।
- प्रशासन और स्थानीय लोगों के बीच सहयोग से ही इस समस्या का समाधान संभव है।
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