Jamshedpur Scam: चिटफंड की मायाजाल में फंसीं 25 महिलाएं – मेहनत की कमाई गई, अब न्याय के लिए थाने के चक्कर!

क्या टेल्को के झबरू बागान इलाके की इन महिलाओं को उनकी मेहनत की कमाई वापस मिल पाएगी या यह चिटफंड ठगी फिर एक अधूरी कहानी बनकर रह जाएगी?

Oct 8, 2025 - 16:10
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Jamshedpur Scam: चिटफंड की मायाजाल में फंसीं 25 महिलाएं – मेहनत की कमाई गई, अब न्याय के लिए थाने के चक्कर!
Jamshedpur Scam: चिटफंड की मायाजाल में फंसीं 25 महिलाएं – मेहनत की कमाई गई, अब न्याय के लिए थाने के चक्कर!

Jamshedpur Scam: चिटफंड की मायाजाल में फंसीं 25 महिलाएं – मेहनत की कमाई गई, अब न्याय के लिए थाने के चक्कर!

जमशेदपुर, 8 अक्टूबर: टाटा नगरी जमशेदपुर के टेल्को थाना क्षेत्र के लक्ष्मी नगर स्थित झबरू बागान इलाके में महिलाओं के साथ बड़ा आर्थिक छल सामने आया है। इलाके की करीब 20 से 25 महिलाओं की मेहनत की कमाई – लगभग 15 से 20 लाख रुपये – एक चिटफंड ठगी में फंस गई है।

इन महिलाओं ने भरोसे और आशा के साथ एक स्थानीय “कमेटी” (चिटफंड) में पैसा लगाया था, ताकि ज़रूरत के वक्त उन्हें राहत मिल सके। लेकिन अब वह भरोसा टूट गया है। जिस महिला पर सबने विश्वास किया, वही आज लापता है।

महिलाओं की गुहार – “हमारी मेहनत की कमाई लौटाओ”

मंगलवार देर शाम, दर्जनों महिलाएं सामाजिक कार्यकर्ता अमित शर्मा के नेतृत्व में टेल्को थाना पहुंचीं। सभी के चेहरों पर निराशा, गुस्सा और उम्मीद एक साथ झलक रही थी।
इन महिलाओं ने थाना प्रभारी प्रशांत कुमार सिंह से मुलाकात की और मदद की गुहार लगाई।

इनका आरोप है कि झबरू बागान की ही एक महिला प्यारी देवी इलाके में “चिटफंड कमेटी” चलाती थी।
इस कमेटी में 20 से अधिक महिलाएं सदस्य थीं। हर महीने “खेल” या “बोली” लगती थी – एक पुराना तरीका, जिसमें जो सदस्य तत्काल पैसे की ज़रूरत में होती, वह ज़्यादा बोली लगाकर उस महीने का फंड उठा लेती।

कई महीनों तक सब कुछ ठीक चला। महिलाएं हर महीने अपनी कमाई का हिस्सा जमा करती रहीं। लेकिन अचानक, प्यारी देवी गायब हो गईं, और उनके साथ ही सबका पैसा भी।

कहानी का काला मोड़ – जब भरोसा बना ठगी का जरिया

इन महिलाओं की कहानी एक आम भारतीय आर्थिक त्रासदी की झलक दिखाती है — जहां गरीबी, भरोसा और अनौपचारिक वित्तीय प्रणाली मिलकर एक जाल बन जाते हैं।

भारत के कई हिस्सों में “कमेटी”, “बीसी”, या “चिटफंड” सिस्टम लंबे समय से गरीब और मध्यम वर्ग की महिलाओं के लिए एक अनौपचारिक बचत और लोन का माध्यम रहा है।
इसी भरोसे पर झबरू बागान की इन महिलाओं ने भी पैसे जमा किए थे।

लेकिन यह भरोसा टूटा, जब आयोजक प्यारी देवी बिना किसी सूचना के फरार हो गईं
पीड़ित महिलाओं का कहना है कि उन्होंने अब तक लाखों रुपये जमा किए, लेकिन किसी को भी उनका पैसा वापस नहीं मिला।

थाने के चक्कर और मौखिक शिकायत

जब बात हाथ से निकल गई, तो महिलाएं अब पुलिस से न्याय की उम्मीद कर रही हैं।
टेल्को थाना प्रभारी प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल महिलाओं ने मौखिक शिकायत दी है।

प्यारी देवी – एक नाम, जिसने भरोसे की नींव हिला दी

इलाके के लोगों के मुताबिक, प्यारी देवी लंबे समय से इस तरह की “कमेटी” चलाती थीं और पहले कभी कोई विवाद नहीं हुआ था।
यही कारण था कि महिलाओं ने उन पर आंख बंद कर भरोसा किया।

लेकिन धीरे-धीरे, उन्होंने नई सदस्यों को जोड़ना शुरू किया और रकम बढ़ती गई। कुछ महीनों बाद, उन्होंने पैसे देने में देरी शुरू कर दी।
पहले तो महिलाएं समझीं कि शायद किसी आर्थिक परेशानी की वजह से देरी हो रही है, लेकिन जब उन्होंने फोन उठाना बंद कर दिया और घर भी खाली मिला, तब सब कुछ साफ हो गया – यह एक संगठित ठगी थी।

चिटफंड घोटालों का पुराना इतिहास – देश में लाखों पीड़ित

भारत में चिटफंड स्कैम कोई नई बात नहीं है।
पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और बिहार में पिछले एक दशक में सहारा, रोज़वैली, चिटफंड इंडिया जैसे कई बड़े घोटाले सामने आए, जिनमें लाखों लोग अपनी जमा पूंजी गंवा बैठे।

इन ठगी योजनाओं में एक ही पैटर्न दिखता है – शुरुआत में भरोसा बनाना, समय पर पैसा लौटाकर विश्वास जीतना, और फिर अचानक गायब हो जाना।
झबरू बागान का यह मामला भी उसी पैटर्न की एक स्थानीय झलक है।

महिलाओं की लड़ाई – सामाजिक और आर्थिक संघर्ष का प्रतीक

झबरू बागान की ये महिलाएं मजदूरी, घरेलू काम और छोटे व्यापार से रोज़ाना कुछ-कुछ बचाकर इस फंड में पैसा डालती थीं।
उनकी ये कहानी सिर्फ एक ठगी की नहीं, बल्कि गरीबी और आर्थिक असुरक्षा की भी कहानी है।

आज ये महिलाएं हर रोज़ थाने के चक्कर लगा रही हैं, उम्मीद में कि किसी दिन उनका पैसा लौट आएगा।
लेकिन वास्तविकता यह है कि भारत में छोटे स्तर के वित्तीय अपराधों की जांच अक्सर सालों तक खिंचती है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।