Jamshedpur Suicide : चाईबासा कॉलेज के प्रोफेसर रोहन श्रीवास्तव ने फांसी लगाकर दी जान, घर में मिला भावुक सुसाइड नोट
जमशेदपुर में चाईबासा कॉलेज के प्रोफेसर रोहन श्रीवास्तव ने आत्महत्या कर ली। घर में मिला ‘सॉरी मोटो’ और पैर पर लिखा ‘मनी’। घटना के बाद परिवार और पत्नी सदमे में, पुलिस जांच में जुटी।

जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र के सोपोडेरा कुर्मी टोला में बुधवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई। चाईबासा कॉलेज के प्रोफेसर रोहन श्रीवास्तव (उम्र लगभग 32 वर्ष) ने अपने ही घर में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली।
घटना बुधवार शाम करीब 4 बजे की बताई जा रही है। परिजनों के अनुसार, रोहन ने अपनी पत्नी से चाय लाने को कहा था। जब पत्नी चाय लेकर उसके कमरे में पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था। काफी देर तक आवाज देने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला तो उसने अपने देवर ऋषि श्रीवास्तव को फोन किया।
बाद में परिवार के अन्य सदस्यों ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर का नजारा देखकर सबके होश उड़ गए। रोहन पंखे से लटका हुआ था। तुरंत उसे उतारकर सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सुसाइड नोट और भावुक संदेश
घटनास्थल पर पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले हैं।
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रोहन के पैर के तलवे पर ‘मनी’ लिखा हुआ था।
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कमरे के आईने पर लिपस्टिक से “सॉरी मोटो” लिखा मिला।
परिवार वालों का कहना है कि रोहन अपनी पत्नी को प्यार से “मोटो” बुलाता था। माना जा रहा है कि यह संदेश उसी के लिए लिखा गया था।
परिवार और निजी जीवन
रोहन श्रीवास्तव पिछले साल दिसंबर में ही विवाह बंधन में बंधे थे। वह अपने माता-पिता, पत्नी और छोटे भाई के साथ रहते थे। परिजनों ने बताया कि रोहन पढ़ाई में हमेशा आगे रहे और उन्हें चाईबासा कॉलेज में प्रोफेसर की नौकरी मिली थी।
उनकी शादी के बाद से सबकुछ सामान्य था। अचानक इस तरह की घटना ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। पत्नी और माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।
पुलिस जांच और पोस्टमार्टम
परसुडीह थाना पुलिस को घटना की जानकारी दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कमरे की जांच की और शव को कब्जे में लेकर गुरुवार सुबह पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
थाना प्रभारी का कहना है कि अभी आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। सुसाइड नोट जैसे मिले संदेशों को पुलिस गंभीरता से देख रही है। साथ ही परिवार के सदस्यों और पत्नी के बयान भी लिए जाएंगे।
मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या के मामले
यह घटना झारखंड में शिक्षित और प्रतिष्ठित वर्ग के बीच मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कई सवाल खड़े करती है।
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NCRB की 2022 रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर दिन औसतन 450 लोग आत्महत्या करते हैं।
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इनमें नौकरी का दबाव, पारिवारिक तनाव और मानसिक अवसाद प्रमुख कारण बताए जाते हैं।
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शिक्षण और अकादमिक क्षेत्र में भी तनाव और डिप्रेशन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि समाज को मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूक होना चाहिए। समय रहते काउंसलिंग और मनोचिकित्सक की मदद ली जा सकती है।
आसपास के लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद कुर्मी टोला इलाके में सन्नाटा पसरा है। पड़ोसी और जानकार लोग भी हैरान हैं।
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एक पड़ोसी ने बताया कि रोहन हमेशा हंसमुख और पढ़ाई के प्रति गंभीर रहते थे।
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वहीं एक रिश्तेदार ने कहा कि उनकी शादी के बाद से सबकुछ ठीक था, लेकिन अंदर ही अंदर वे किस परेशानी से जूझ रहे थे, किसी को अंदाजा नहीं था।
बड़ा सवाल
रोहन की आत्महत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं—
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आखिर प्रोफेसर जैसे शिक्षित और जागरूक व्यक्ति को किस बात ने यह कदम उठाने पर मजबूर किया?
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क्या निजी जीवन में कोई तनाव था या नौकरी का दबाव?
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क्या यह घटना मानसिक अवसाद का नतीजा है?
इन सभी बिंदुओं पर पुलिस गहराई से जांच कर रही है।
जमशेदपुर में हुई यह घटना केवल एक परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। मानसिक स्वास्थ्य, रिश्तों में संवाद और समय पर मदद लेना बेहद जरूरी है।
प्रोफेसर रोहन श्रीवास्तव की मौत ने उनके परिवार, पत्नी और छात्रों को गहरे सदमे में डाल दिया है। फिलहाल पुलिस जांच कर रही है और उम्मीद है कि इस दुखद घटना के पीछे की सच्चाई जल्द सामने आएगी।
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