Parsuadih Water Crisis: जिला परिषद सदस्य ने निजी खर्च पर सुलझाई समस्या, स्थानीय लोग हुए खुश
दक्षिण करनडीह पंचायत के परसुडीह झारखंड नगर बस्ती में समरसेबल पंप खराब होने से जल संकट का सामना कर रहे लोगों को जिला परिषद सदस्य पूर्णिमा मलिक की पहल से राहत मिली। जानिए कैसे हल हुई यह समस्या।
जमशेदपुर, 18 दिसंबर 2024: दक्षिण करनडीह पंचायत के परसुडीह झारखंड नगर बस्ती में कई दिनों से जल संकट गहरा गया था। यहां के लोग लंबे समय से समरसेबल पंप खराब होने के कारण पानी की भारी किल्लत का सामना कर रहे थे। यह समस्या स्थानीय निवासियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई थी। लेकिन अब इस संकट का समाधान हो चुका है, और यह सब हुआ जिला परिषद सदस्य पूर्णिमा मलिक की पहल से।
समस्या का समाधान और स्थानीय लोगों की खुशी
परसुडीह के लोग परेशान थे क्योंकि समरसेबल पंप के खराब होने से उन्हें रोजमर्रा के कामों के लिए पानी मिलना मुश्किल हो गया था। समस्या गंभीर हो गई थी, जिससे स्थानीय लोगों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। इस दौरान उन्होंने जिला परिषद सदस्य पूर्णिमा मलिक से संपर्क किया और अपनी समस्याओं के बारे में विस्तार से बताया।
पूर्णिमा मलिक ने स्थिति को समझते हुए तत्काल राहत देने का वादा किया। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि जल्द ही जल आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। इस आश्वासन के बाद उन्होंने अपनी निजी खर्च पर एक नया मोटर पंप खरीदा और स्थानीय निवासियों को सौंप दिया। जैसे ही यह नया पंप स्थापित किया गया, बस्ती में खुशी की लहर दौड़ गई। अब स्थानीय लोग जल संकट से राहत महसूस कर रहे हैं।
जिला परिषद की प्राथमिकता: क्षेत्र की समस्याओं का समाधान
पूर्णिमा मलिक ने कहा, "मेरी पहली और प्राथमिकता हमेशा यह रही है कि क्षेत्र में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर उसे त्वरित समाधान दिया जाए। हम किसी भी व्यक्ति की परेशानी को नजरअंदाज नहीं कर सकते।" उन्होंने आगे यह भी बताया कि भविष्य में अगर इस तरह की कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो जिला परिषद हमेशा तत्पर रहेगा और हर संभव मदद करेगा।
इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सेवा ही लक्ष्य संस्था के अध्यक्ष मानिक मलिक, मिलन मजूमदार, गौरव घोष, रूपम नंदी, बुलेट, मोनी, और सोमी जैसे स्थानीय गणमान्य लोग उपस्थित थे। इन सभी ने मिलकर इस समस्या के समाधान में सहयोग दिया और स्थानीय लोगों को राहत देने में मदद की।
जल संकट के ऐतिहासिक संदर्भ में बदलाव
यह घटना अकेली नहीं है। झारखंड में जल संकट की समस्या दशकों से चली आ रही है, जहां कई इलाकों में जल आपूर्ति की व्यवस्था ठप हो जाती है। ऐसे समय में अगर किसी क्षेत्र की जिला परिषद अपने निजी खर्च पर राहत मुहैया कराती है, तो यह समाज की भलाई के लिए एक बड़ा कदम होता है। यह पहल न सिर्फ लोगों के लिए राहत का कारण बनती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि किस प्रकार स्थानीय प्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए जनता की समस्याओं को हल करने के लिए तत्पर रहते हैं।
स्थानीय प्रशासन की सक्रियता और जिम्मेदारी
पूर्णिमा मलिक की पहल से न केवल परसुडीह बस्ती के लोग खुश हुए, बल्कि यह उदाहरण पूरे क्षेत्र में एक संदेश भेजता है कि स्थानीय प्रशासन का सक्रिय होना कितना आवश्यक है। स्थानीय प्रतिनिधि और संस्थाएं जब मिलकर काम करती हैं, तो समस्याओं का समाधान जल्दी और प्रभावी तरीके से हो सकता है।
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