Jamshedpur Transfer: अजरबैजान से लाया गया कुख्यात गैंगस्टर सुनील मीणा घाघीडीह सेंट्रल जेल शिफ्ट, लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा है तार, पुलिस पूरी तरह सतर्क
सुरक्षा कारणों से कुख्यात गैंगस्टर सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह को रामगढ़ जेल से जमशेदपुर की अति सुरक्षित घाघीडीह केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित किया जाएगा। यह अपराधी अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग का गुर्गा है और इसके खिलाफ हजारीबाग में जबरन वसूली के कई गंभीर मामले दर्ज हैं।
झारखंड जेल प्रशासन ने अंडरवर्ल्ड से जुड़े एक कुख्यात अपराधी को लेकर एक अत्यंत महत्वपूर्ण और बड़ा सुरक्षा निर्णय लिया है। हाल ही में अजरबैजान से प्रत्यर्पण (Extradition) करके झारखंड लाए गए गैंगस्टर सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह को अब रामगढ़ जेल से जमशेदपुर की घाघीडीह केंद्रीय कारागार (Ghaghidih Central Jail) में शिफ्ट किया जाएगा। यह स्थानांतरण मयंक सिंह की सुरक्षा और उसके जेल के अंदर से चलने वाले संभावित गैंग ऑपरेशन को रोकने के लिए किया जा रहा है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) के इतिहास में गैंगस्टरों को एक जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट करने की प्रक्रिया अक्सर तब अपनाई जाती है जब खुफिया विभाग को गैंग गतिविधियों के बढ़ने या अपराधी की जान को खतरा होने का इनपुट मिलता है। घाघीडीह जेल, जो झारखंड की अति-सुरक्षित जेलों में गिनी जाती है, अब इस अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर का नया ठिकाना होगी।
रामगढ़ जेल प्रशासन की सिफारिश
कुख्यात सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और स्थानीय गैंगस्टर अमन साहू गैंग का एक अहम गुर्गा है। वह विदेश से गिरफ्तार होकर भारत लाया जाने वाला झारखंड का पहला अपराधी है।
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सुरक्षा आशंकाएं: फिलहाल रामगढ़ जेल में बंद इस अपराधी की सुरक्षा को लेकर रामगढ़ जेल प्रशासन को गंभीर आशंकाएं थीं। किसी बड़ी घटना से बचने के लिए प्रशासन ने उसे अति सुरक्षित घाघीडीह केंद्रीय कारागार में शिफ्ट करने की सिफारिश की थी।
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आईजी की स्वीकृति: जेल आईजी (Jail IG) ने इस सिफारिश को तत्काल स्वीकृति देते हुए मयंक सिंह को जमशेदपुर जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है।
हजारीबाग में जबरन वसूली के कई गंभीर मामले
पुलिस के अनुसार, मयंक सिंह के खिलाफ हजारीबाग जिले में जबरन वसूली (Extortion) के कई गंभीर मामले दर्ज हैं। वह विदेश में रहते हुए भी अपने गुर्गों के जरिए कारोबारियों और ठेकेदारों से रंगदारी वसूलता रहा है।
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दर्ज धाराएं: उसपर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 385 और 387 (जबरन वसूली) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
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गहन जांच जारी: बड़कागांव, उरीमारी और डाड़ीकला ओपी में उसके खिलाफ दर्ज किए गए लगभग सात मामलों (कांड संख्या 198/21, 252/21, 256/21, 287/23, 208/23, 196/21 तथा 182/23) की पुलिस अब गहन जांच में जुटी है।
झारखंड जेल प्रशासन का यह फैसला साफ दर्शाता है कि वह अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टरों के गैंग नेटवर्क को जेल के अंदर से चलाने की किसी भी साजिश को सफल नहीं होने देगा।
आपकी राय में, कुख्यात गैंगस्टरों को अति सुरक्षित जेलों में शिफ्ट करने के अलावा, जेल के अंदर से चलने वाली जबरन वसूली के नेटवर्क को पूरी तरह से तोड़ने के लिए प्रशासन को कौन से दो अत्याधुनिक और कड़े कदम उठाने चाहिए?
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