Lohardaga Horror: डायन बिसाही की खूनी दास्तान! लोहरदगा में पति-पत्नी समेत 9 साल के बच्चे की निर्मम हत्या, ओझा गुणी के शक पर रिश्तेदारों ने कुदाल से कुचला, 3 हत्यारे गिरफ्तार, हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
लोहरदगा जिले के पेशरार थाना क्षेत्र के केकरांग बरटोली में डायन बिसाही के आरोप में एक परिवार के तीन सदस्यों की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। एसपी सादिक अनवर रिजवी ने बताया कि ओझा गुणी के शक पर सुखनाथ, बिंदेश्वर और संचारवा नगेसिया ने कुदाल और पत्थर से हत्या की थी। तीनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
झारखंड में आधुनिकता और शिक्षा के बावजूद भी अंधविश्वास और 'डायन बिसाही' के नाम पर होने वाली हिंसक घटनाएं समाज के माथे पर कलंक हैं। लोहरदगा जिले के पेशरार थाना क्षेत्र अंतर्गत केकरांग बरटोली से सामने आई बुधवार रात की यह दर्दनाक घटना एक बार फिर दिखाती है कि कैसे तुच्छ वह और झूठे शक के चलते मानवीय संबंधों का खून हो जाता है। इस मामले में एक पति, पत्नी और उनके मासूम 9 साल के बेटे को डायन होने के झूठे आरोप में निर्ममता से मौत के घाट उतार दिया गया।
झारखंड में 'डायन प्रथा निषेध अधिनियम' लागू होने के बावजूद भी, सदियों से चली आ रही यह कुप्रथा कई परिवारों को उजाड़ चुकी है। हालांकि, इस बार लोहरदगा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले का पर्दाफाश कर दिया है।
ओझा गुणी के शक में तिहरा हत्याकांड
लोहरदगा एसपी सादिक अनवर रिजवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। हत्याकांड को अंजाम देने वाले तीन आरोपी गांव के ही निवासी सुखनाथ नगेसिया, बिंदेश्वर नगेसिया और संचारवा नगेसिया के रूप में पहचाने गए हैं।
-
शक की जड़: घटना का मुख्य आरोपी सुखनाथ नगेसिया था। उसे मृतका बिफनी नगेसिया पर गहरा शक था कि बिफनी के 'ओझा गुणी' के कारण ही उसकी पत्नी का गर्भपात हुआ और वह लगातार बीमार रहती है।
-
दूसरे आरोपी का वह्म: वहीं, दूसरे आरोपी बिंदेश्वर नगेसिया को भी अपनी मां के बीमार होने का दोष मृतका बिफनी के 'ओझा गुणी' पर ही लगता था।
-
निर्मम हत्या: इसी वह्म और आक्रोश में, सुखनाथ और बिंदेश्वर ने संचारवा की मदद से बुधवार रात को बिफनी नगेसिया, उनके पति लक्षमण नगेसिया और मासूम बेटे रामविलास नगेसिया की कुदाल और पत्थर से पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी।
पुलिस ने 24 घंटे में सुलझाया मामला
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।
-
गिरफ्तारी और बरामदगी: पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। हत्यारों की निशानदेही पर पुलिस ने खून से सने कपड़े, खून लगा पत्थर और हत्याकांड में इस्तेमाल की गई खून लगी कुदाल और बैट को भी जब्त किया है। तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
-
हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान: इस मामले की गंभीरता इतनी बढ़ गई थी कि झारखंड उच्च न्यायालय (रांची हाईकोर्ट) ने भी इस पर स्वतः संज्ञान (Suo Motu) लिया है, जो प्रशासन और न्यायपालिका के दबाव को दर्शाता है।
लोहरदगा में हुई यह तिहरी हत्या एक बार फिर याद दिलाती है कि ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास को जड़ से मिटाने के लिए केवल कानून ही नहीं, बल्कि शिक्षा और जागरूकता के व्यापक अभियान की सख्त जरूरत है।
आपकी राय में, झारखंड जैसे राज्यों में 'डायन बिसाही' की कुप्रथा को जड़ से समाप्त करने के लिए कानूनी सजा के अलावा और कौन से दो अत्यंत आवश्यक सामाजिक और शैक्षणिक कदम उठाए जाने चाहिए?
What's Your Reaction?


