Jamshedpur Alert: साइबर चोरी! जमशेदपुर में गैस सिलेंडर चोर गिरोह हुआ सक्रिय, डिजिटल बुकिंग का डाटा चोरी करके महिलाओं वाले घरों को बना रहे निशाना, उलीडीह में मास्क पहने फर्जी डिलीवरी बॉय को महिला ने रंगे हाथ पकड़ा, मानगो और आजादनगर में भी सक्रियता, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगालना शुरू!
जमशेदपुर में गैस सिलेंडर चुराने वाला एक नया गिरोह सक्रिय हो गया है, जो डिजिटल बुकिंग के माध्यम से उपभोक्ता की जानकारी चोरी करके फर्जी सप्लायर बनकर घरों में घुसता है। उलीडीह में एक महिला की सजगता से सोमवार को उनकी साजिश नाकाम हो गई। यह गिरोह खासकर मानगो और आजादनगर इलाकों में सक्रिय है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जमशेदपुर, जिसे कभी झारखंड की औद्योगिक राजधानी के रूप में जाना जाता था, वहां अब अपराधियों ने भी अपने तरीकों को 'डिजिटल' कर लिया है। इन दिनों शहर में गैस सिलेंडर चुराने वाला एक हाई-टेक गिरोह सक्रिय हो गया है, जिसकी रणनीति किसी भी आम चोर गिरोह से कहीं ज्यादा शातिर है। यह गिरोह सीधे-सीधे चोरी नहीं करता, बल्कि डिजिटल बुकिंग के गोपनीय डाटा का इस्तेमाल करके ठगी की नई वारदातों को अंजाम दे रहा है। यह मामला साइबर सुरक्षा और घरेलू सुरक्षा के बीच बढ़ते टकराव को दर्शाता है।
जमशेदपुर और झारखंड के इतिहास में इस तरह की सुनियोजित डिजिटल ठगी का सामना कम ही हुआ है, जहां अपराधी सीधे सरकारी या वित्तीय संस्थानों को नहीं, बल्कि आम उपभोक्ता को निशाना बनाते हैं।
डिजिटल डाटा चोरी से घर तक पहुंच
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह चोरी के लिए एक पूरी प्रक्रिया का पालन करता है।
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डाटा चोरी: गिरोह के सदस्य पहले गैस सिलेंडर की हुई डिजिटल बुकिंग का डाटा चुराते हैं। इस डाटा में डिलीवरी का स्थान (पता) और उपभोक्ता का मोबाइल नंबर शामिल होता है।
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तफ्तीश और निशाना: इसके बाद वे उस जगह की जांच करते हैं और खासकर उन घरों को निशाना बनाते हैं, जहां कोई पुरुष सदस्य मौजूद नहीं होता या केवल महिलाएं होती हैं।
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फर्जी सप्लायर: गिरोह का सदस्य मास्क लगाकर खुद को गैस सप्लाई कंपनी का कर्मी बताता है और उपभोक्ता से मौजूदा सिलेंडर और पैसे की मांग करता है। चोरी का मुख्य लक्ष्य पुराना सिलेंडर और नकद होता है।
उलीडीह में महिला की सजगता से साजिश नाकाम
सोमवार दोपहर उलीडीह थाना क्षेत्र में इस गिरोह की एक साजिश नाकाम हो गई, जिसका श्रेय घर की सतर्क महिला को जाता है।
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शक और पूछताछ: एक मास्क पहने युवक ने महिला के घर पहुंचकर खुद को गैस सप्लाई कर्मी बताया और सिलेंडर व पैसे की मांग की। महिला को युवक की गतिविधि और असामान्य दिखावट पर शक हुआ और उसने सिलेंडर देने से साफ मना कर दिया।
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कंपनी से पुष्टि: महिला ने तुरंत कंचनदीप गैस आपूर्ति केंद्र में फोन कर पूछताछ की, जहां से बताया गया कि उनकी डिलीवरी प्रक्रिया में कंपनी की गाड़ी सीधे घर जाती है और इस तरह मास्क पहने व्यक्ति को नहीं भेजा जाता है।
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फरार: महिला की सतर्कता देखते ही वह युवक मौके से तुरंत फरार हो गया। महिला ने इस संबंध में उलीडीह थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
मानगो और आजादनगर में भी सक्रियता
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह गिरोह सिर्फ उलीडीह तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जमशेदपुर के मानगो और आजादनगर जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी सक्रिय है। पुलिस ने दो संदिग्ध युवकों से पूछताछ शुरू कर दी है और गिरोह को पकड़ने के लिए आसपास के CCTV फुटेज खंगालने की प्रक्रिया जारी है।
थाना प्रभारी ने लोगों से अपील की है कि वे हमेशा गैस सिलेंडर लेने से पहले डिलीवरी करने आए व्यक्ति की पहचान और कंपनी की गाड़ी की पुष्टि करें, ताकि इस तरह के डिजिटल अपराध और चोरी को रोका जा सके।
आपकी राय में, गैस एजेंसियों को अपने डिजिटल डाटा और उपभोक्ता की गोपनीयता की सुरक्षा के लिए कौन से दो सबसे कड़े सुरक्षा मानक (Security Protocols) तुरंत लागू करने चाहिए ताकि चोर गिरोह को डाटा मिलना बंद हो जाए?
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