Patna Politics: सियासी सुर! लोकप्रिय गायिका मैथिली ठाकुर ने बिहार चुनाव से ठीक पहले BJP का दामन थामा, राजनीति में आने की इच्छा की पूरी, मधुबनी की बेटी को पार्टी में मिला जोरदार स्वागत, क्या बेनीपट्टी से लड़ेंगी चुनाव, जानिए कैसे लोकगायिका बनेंगी BJP का स्टार प्रचारक!
लोकप्रिय लोक और भक्ति गायिका मैथिली ठाकुर ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पटना में औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन कर ली है। मधुबनी के बेनीपट्टी की मूल निवासी 25 वर्षीय मैथिली ठाकुर पहले ही राजनीति में आने की इच्छा व्यक्त कर चुकी थीं। वह 'राइजिंग स्टार' की फर्स्ट रनर-अप रहीं और उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी धुनों के बीच, लोकप्रिय लोक और भक्ति गायिका मैथिली ठाकुर ने आज औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थामकर एक बड़ा चुनावी सुर छेड़ दिया है। 25 वर्षीय गायिका ने पटना स्थित पार्टी मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ली। मधुबनी के बेनीपट्टी की मूल निवासी मैथिली ठाकुर ने लंबे समय से अपने गृह क्षेत्र से राजनीति में आने और चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। उनके इस फैसले को BJP के लिए युवा और सांस्कृतिक मतदाताओं को आकर्षित करने की दिशा में एक मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।
बिहार की राजनीति का इतिहास गवाह रहा है कि जब भी कला और संस्कृति से जुड़े जाने-माने चेहरे राजनीति में आए हैं, तो उन्होंने चुनावों में एक नई ऊर्जा भर दी है। मैथिली ठाकुर की मजबूत सांस्कृतिक पृष्ठभूमि और युवाओं में उनकी अपार लोकप्रियता BJP के चुनावी समीकरणों को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकती है।
संगीत से सेवा की राह तक
मैथिली ठाकुर आज एक जाना-माना नाम हैं, लेकिन उनकी सफलता का सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा है।
-
संघर्ष और पहचान: 'सा रे गा मा पा लिटिल चैंप्स' और 'इंडियन आइडल जूनियर' समेत कई रियलिटी शो से अस्वीकृत होने के बावजूद, उन्हें साल 2017 में 'राइजिंग स्टार' की फर्स्ट रनर-अप बनने के बाद वास्तविक पहचान मिली।
-
सांस्कृतिक योगदान: उन्हें खासकर बिहार के लोक और भक्ति संगीत में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। इसी पहचान के चलते उन्हें चुनाव आयोग ने बिहार का 'स्टेट आइकन' भी नियुक्त किया था।
-
पुरस्कार: पारंपरिक मैथिली और भोजपुरी संगीत को संरक्षित करने के उनके काम के लिए उन्हें 2021 में संगीत नाटक अकादमी की ओर से उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
BJP में शामिल होने के बाद मैथिली ठाकुर ने कहा, "मैं हमेशा संगीत और संस्कृति के माध्यम से बिहार के लोगों से जुड़ी रही हूं। अब मैं सार्वजनिक जीवन के माध्यम से उनकी सेवा करना चाहती हूं।"
चुनाव में क्या बदलेगा समीकरण?
मैथिली ठाकुर के आने से BJP को खासकर मिथिलांचल के इलाकों में बड़ा लाभ मिलने की संभावना है।
-
युवा मतदाता लक्ष्य: एक बड़ी सोशल मीडिया फॉलोइंग के साथ, मैथिली ठाकुर युवा और महिला मतदाताओं को सीधे प्रभावित कर सकती हैं, जो BJP की 'नया बिहार' की थीम को मजबूत करेंगी।
-
बेनीपट्टी पर नजर: चूंकि वह मधुबनी के बेनीपट्टी की मूल निवासी हैं, इसलिए संभावना है कि पार्टी उन्हें उनके गृह विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बना सकती है या उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में इस्तेमाल कर सकती है।
BJP ने इससे पहले आज ही 71 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की है, जिसमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को तारापुर से, विजय कुमार सिन्हा को लखीसराय से, नितिन नवीन को बांकीपुर से और रेणु देवी को बेतिया से मैदान में उतारा गया है। मंगल पांडेय को सिवान से टिकट मिला है। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होगा, जिसके परिणाम 14 नवंबर को आएंगे।
आपकी राय में, बिहार की राजनीति में लोकप्रिय सांस्कृतिक आइकन (जैसे मैथिली ठाकुर) का आना जातिगत और पारंपरिक राजनीतिक समीकरणों को किस हद तक प्रभावित कर सकता है?
What's Your Reaction?


