Jamshedpur Arrest : गैंगस्टर रिंकू सेठ का 'जंगल राज'! अपराध की नई साजिश रचते चार युवक देसी पिस्तौल के साथ गिरफ्तार! जयपुर से चलता था जमशेदपुर का 'क्राइम प्लान'?
क्या आप गोविंदपुर या बिरसानगर के आस-पास रहते हैं? कुख्यात अमरनाथ गिरोह का सरगना रिंकू सेठ जेल में होकर भी कैसे अपने गुर्गों को पिस्तौल सप्लाई कर रहा था? जानिए कैसे पुलिस ने जंगल में रचते ही एक बड़ी अपराधिक योजना को नाकाम किया और शहर के चार युवा अपराधी जेल पहुंचे!
जमशेदपुर, 24 अक्टूबर 2025 - जमशेदपुर पुलिस को आज एक ऐसी बड़ी सफलता हाथ लगी है, जिसने शहर में सक्रिय अपराधिक गैंगों की नींव हिला दी है। गोविंदपुर थाना क्षेत्र के नया रोड स्थित जंगल में एक खतरनाक साजिश रची जा रही थी, जिसे सिटी एसपी कुमार शिवाशीष और डीएसपी सिटी सुनील चौधरी के नेतृत्व में गठित विशेष छापेमारी दल ने समय रहते नाकाम कर दिया। यह साजिश किसी और की नहीं, बल्कि शहर के कुख्यात अपराधी सौरभ शर्मा उर्फ रिंकू सेठ के चार करीबी सहयोगियों की थी, जिन्हें हथियारों के साथ रंगे हाथ दबोचा गया।
अमरनाथ गिरोह का 'वर्चस्व': जयपुर से कैसे चलता था धंधा?
सौरभ शर्मा उर्फ रिंकू सेठ जमशेदपुर के सबसे खतरनाक गैंगों में से एक 'अमरनाथ गिरोह' का सक्रिय सदस्य रहा है। अमरनाथ सिंह की हत्या के बाद यह गिरोह शहर में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए लगातार अपराधों को अंजाम देने की कोशिश कर रहा है। रिंकू सेठ पर हत्या, फायरिंग, रंगदारी और छिनतई जैसे कई गंभीर मामले दर्ज हैं। लंबे समय तक फरार रहने के बाद उसे हाल ही में राजस्थान के जयपुर से गिरफ्तार कर जमशेदपुर लाया गया था।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि रिंकू सेठ की गिरफ्तारी के बावजूद उसका अपराधिक नेटवर्क जमशेदपुर में सक्रिय रहा। पुलिस ने खुलासा किया कि जेल जाने से पहले ही रिंकू सेठ ने अपने गुर्गों को सक्रिय कर दिया था, जिसका परिणाम यह हुआ कि गोविंदपुर के जंगल में एक नई वारदात की योजना बनने लगी।
जंगल में रची जा रही थी खूनी योजना
पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि सौरभ शर्मा के चार खास सहयोगी गोविंदपुर थाना क्षेत्र के नया रोड स्थित एक घने जंगल में इकट्ठा हुए हैं। यह जगह अपराधियों के लिए 'सेफ हाउस' की तरह होती है, जहां से वे पुलिस की नजरों से बचकर शहर में अपनी अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बनाते हैं।
सूचना की गंभीरता को समझते हुए डीएसपी सिटी सुनील चौधरी के नेतृत्व में एक तेज और सटीक छापेमारी दल का गठन किया गया। पुलिस टीम ने जंगल को चारों ओर से घेर लिया और वहां से चारों अपराधियों को दबोच लिया।
गिरफ्तार किए गए युवकों में ये शामिल हैं:
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रोहित लोहार उर्फ गॉड बाबा (22, बिरसानगर)
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गौरव गोस्वामी (24, गोविंदपुर)
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सन्नी सिंह उर्फ श्रेष्ठ सिंह (25, परसुडीह)
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हिमांशु कुमार (23, गोविंदपुर)
देशी पिस्तौल और कारतूस बरामद: बड़ा खुलासा
तलाशी के दौरान पुलिस को इनके पास से एक देशी पिस्तौल, दो जिंदा कारतूस और एक खोखा बरामद हुआ। हथियारों की बरामदगी से यह स्पष्ट हो गया कि इनकी योजना छोटी-मोटी नहीं, बल्कि किसी बड़ी और हिंसक वारदात को अंजाम देने की थी।
पूछताछ में युवकों ने बताया कि यह पिस्तौल उन्हें खुद रिंकू सेठ ने उपलब्ध कराई थी। यह खुलासा जमशेदपुर की जेल सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है कि आखिर जेल में बंद होकर भी एक गैंगस्टर कैसे बाहर अपने नेटवर्क को सक्रिय रख पा रहा है।
फिलहाल, चारों अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। सिटी एसपी ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की गहनता से जांच की जाएगी और रिंकू सेठ के बाकी नेटवर्क को भी तोड़ा जाएगा। जमशेदपुर पुलिस की यह कार्रवाई निश्चित रूप से युवाओं को अपराध की दुनिया में जाने से रोकेगी और शहर के लोगों में एक बार फिर से सुरक्षा की भावना जगाएगी।
जेल में बंद होकर भी गैंगस्टर का बाहर से हथियार सप्लाई करना कितना खतरनाक है? आपकी राय में, जेल प्रशासन को इस तरह के नेटवर्क को रोकने के लिए कौन से सख्त कदम उठाने चाहिए? नीचे कमेंट करके बताएं।
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