Jamshedpur Visit: कृषि योजनाओं का हुआ व्यापक निरीक्षण, किसानों को मिला सशक्त बनाने का मौका
जमशेदपुर के बड़ाबांकी ग्राम पंचायत में डॉ. मान सिंह ने किए कृषि योजनाओं का निरीक्षण, किसानों को लाभ देने वाली योजनाओं की चर्चा और सशक्त बनाने की प्रक्रिया को जाना। पढ़ें कैसे किसानों को मिल रही है सहायता।
जमशेदपुर के बड़ाबांकी ग्राम पंचायत में भारतीय सरकार के चावल विकास निदेशालय के निदेशक डॉ. मान सिंह ने हाल ही में एक स्थल भ्रमण किया, जहां उन्होंने आत्मा योजना के तहत किसानों को सरसों के बीजों का वितरण देखा। इस भ्रमण के दौरान डॉ. मान सिंह ने खाद्य एवं पोषण सुरक्षा कृषोन्नति योजना की सफलता का जायजा लिया, जिसका उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनकी उत्पादकता को बढ़ाना है।
कृषि योजनाओं का प्रभाव: बड़ाबांकी ग्राम पंचायत में बदलाव की लहर
बड़ाबांकी ग्राम पंचायत में 20 किसानों द्वारा सरसों की खेती की गई है, जिसमें से 8 हेक्टेयर के क्षेत्र को कलस्टर के रूप में चिन्हित किया गया है। डॉ. मान सिंह ने इन किसानों से बातचीत करते हुए योजना की कार्यप्रणाली और उनके अनुभवों को जाना। इस दौरान उन्होंने किसानों को भविष्य में बीज लगाने के दौरान पौधों के बीच की दूरी बढ़ाने का सुझाव दिया, ताकि हर पौधे को उचित वृद्धि के लिए पर्याप्त स्थान मिले।
गुंडू महतो की सफलता की कहानी
भ्रमण के दौरान डॉ. मान सिंह ने ग्राम के एक प्रमुख किसान, गुंडू महतो से भी मुलाकात की, जिन्हें 50 प्रतिशत अनुदान पर ट्रैक्टर चालित रोटावेटर प्रदान किया गया था। गुंडू महतो ने इस यंत्र के उपयोग से खेती में हुए सुधार के बारे में बताया और साथ ही योजना के तहत मिलने वाली सहायता की सराहना की। इस योजना के तहत किसानों को न केवल बीज, बल्कि कृषि उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं, जो उनके कृषि कार्य को और अधिक सुलभ बनाते हैं।
देवघर पंचायत में भी योजनाओं का प्रभाव
इसके बाद डॉ. मान सिंह देवघर पंचायत के गोड़गोड़ा गाँव में भी गए, जहां उन्होंने 70 किसानों से मुलाकात की, जिन्हें बिरसा फसल विस्तार योजना के तहत सरसों के बीज दिए गए थे। लगभग 10 हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की खेती की गई है। उन्होंने किसानों से चर्चा की और उन्हें कृषि योजनाओं के फायदों और बेहतर फसल उत्पादन के लिए तकनीकी सलाह दी।
सरकारी योजनाओं का लाभ और किसानों के लिए दिशा-निर्देश
डॉ. मान सिंह ने किसानों को सलाह दी कि वे खेती में तकनीकी विषयों का अनुपालन करें और बेहतर फसल उत्पादन के लिए योजनाओं का सही तरीके से उपयोग करें। जिला कृषि पदाधिकारी बिबेक बिरुआ ने बताया कि किसानों को बीज के साथ-साथ अन्य कृषि उपादान जैसे नैनो यूरिया, पीएसबी, और बीजोपचार निशुल्क प्रदान किए गए हैं, जो फसल की वृद्धि में सहायक होते हैं।
आगे की योजनाएं: क्षेत्र में व्यापक भ्रमण की प्रक्रिया
यह भ्रमण सिर्फ बड़ाबांकी और गोड़गोड़ा तक सीमित नहीं था। डॉ. मान सिंह ने जानकारी दी कि 8 से 10 जनवरी 2025 के बीच जिले के अन्य क्षेत्रों, जैसे जमशेदपुर, बोड़ाम और घाटशिला में भी कृषि अधिकारियों द्वारा स्थल भ्रमण किया जाएगा। इस दौरान कृषि योजनाओं के प्रभाव, फसल की स्थिति और लाभार्थी किसानों से संवाद स्थापित किया जाएगा।
नवीनतम कृषि यंत्रों और तकनीकों का उपयोग
भ्रमण के दौरान डॉ. मान सिंह ने यह भी बताया कि कृषि यंत्रों और तकनीकी साधनों के सही उपयोग से किसानों को अपने उत्पादन में वृद्धि हासिल करने में मदद मिल सकती है। उन्होंने किसानों को नए कृषि उपकरणों के बारे में भी जानकारी दी, जो उन्हें सरकार की योजनाओं के तहत मिले थे।
किसानों की सफलता के लिए सरकारी प्रयास
इस स्थल भ्रमण के दौरान सरकार द्वारा चलाई जा रही कृषि योजनाओं का व्यापक असर दिखाई दिया। किसानों को न केवल कृषि उपकरण और बीज दिए गए हैं, बल्कि उन्हें कृषि कार्यों में दक्ष बनाने के लिए तकनीकी सहायता भी दी जा रही है। यह पहल किसानों को सशक्त बनाने और ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के क्षेत्र में सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों को सशक्त बनाने के लिए चलाए जा रहे विभिन्न सरकारी प्रयासों से यह साबित होता है कि यदि योजनाओं को सही तरीके से लागू किया जाए, तो किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार संभव है। इस तरह के कार्यक्रमों और भ्रमणों के माध्यम से सरकार ने ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।
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