Musabani Train Accident: शादीशुदा महिला और युवक की ट्रेन से कटकर मौत!
क्या किसी अपराध का शक है या यह एक दुखद प्रेम कहानी का अंत है? जमशेदपुर के धालभूमगढ़ ट्रैक पर सांतरागाछी-रानी कमलापति एक्सप्रेस की चपेट में आए युवक और युवती के परिवार क्यों नहीं पहुंचे अस्पताल? जानें मुसाबनी की जोबा रानी किस्कू और मंगल हांसदा की मौत के पीछे का वो राज, जो अभी तक अनसुलझा है!
जमशेदपुर, 24 अक्टूबर 2025 - पूर्वी सिंहभूम जिले में शुक्रवार की सुबह रेलवे ट्रैक पर मिले दो क्षत-विक्षत शवों ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। यह मामला सिर्फ एक दर्दनाक हादसा है, या इसके पीछे एक जटिल और दबा हुआ प्रेम प्रसंग है, इसकी गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं पाई है। कोकपाड़ा और धालभूमगढ़ स्टेशन के बीच सांतरागाछी-रानी कमलापति एक्सप्रेस की तेज रफ्तार ने एक युवक और एक युवती की ज़िंदगी खत्म कर दी। हालांकि, इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शवों की शिनाख्त होने के बावजूद, समाचार लिखे जाने तक मृतकों के परिजनों का अस्पताल नहीं पहुंचना कई सवालों को जन्म दे रहा है।
अहले सुबह ट्रैक पर मौत: क्या यह हादसा था?
घटना शुक्रवार को अहले सुबह हुई, जब सांतरागाछी-रानी कमलापति एक्सप्रेस ट्रेन तेजी से कोकपाड़ा व धालभूमगढ़ के बीच से गुजर रही थी। ट्रेन के गुजरने के बाद रेलवे ट्रैक के अंदर एक युवक और युवती का क्षत-विक्षत शव पड़ा मिला। दोनों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी। इतनी सुबह दोनों का एक साथ ट्रैक पर क्या करना, यह बात ही शुरूआती संदेह पैदा करती है।
धालभूमगढ़ स्टेशन मास्टर ने तत्काल इसकी सूचना आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) को दी। आरपीएफ के जवानों ने मौके पर पहुंचकर शवों का पंचनामा किया और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए घाटशिला अनुमंडल अस्पताल भेज दिया। आरपीएफ ने बताया कि दोनों शवों की शिनाख्त कर ली गई है।
मृतकों की पहचान: शादीशुदा थी युवती
मृतका की पहचान मुसाबनी थाना क्षेत्र के सड़कघुटू गांव निवासी 29 वर्षीय जोबा रानी किस्कू के रूप में हुई है। वहीं, मृतक युवक धालभूमगढ़ थाना क्षेत्र के बडेडा गांव निवासी 34 वर्षीय मंगल हांसदा था। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जोबा रानी किस्कू शादीशुदा थी, जिससे मामला और अधिक पेचीदा हो गया है।
झारखंड और जमशेदपुर के आसपास के इलाकों में रेल ट्रैक पर इस तरह प्रेम प्रसंग में आत्महत्या की घटनाएं पहले भी सामने आई हैं। अवैध संबंधों या पारिवारिक दबाव के चलते कई युवाओं ने अपने प्रेम संबंधों का अंत इसी तरह किया है। ठीक इसी तरह, इस मामले में भी शुरुआत में संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि जोबा रानी और मंगल हांसदा के बीच कोई गहन प्रेम प्रसंग रहा होगा, जिसका परिणाम यह दुखद अंत है।
सबसे बड़ा सवाल: क्यों नहीं पहुंचे परिजन?
सबसे गंभीर और चौंकाने वाला पहलू यह है कि शवों की पहचान हो जाने और परिजनों को सूचना दिए जाने के बावजूद, मृतकों के परिवार के सदस्य खबर लिखे जाने तक घाटशिला अनुमंडल अस्पताल नहीं पहुंचे थे।
क्या यह स्वीकार न कर पाने की पीड़ा है? या फिर मृतका के शादीशुदा होने के कारण पारिवारिक और सामाजिक दबाव इतना अधिक है कि परिवार सामने आने से कतरा रहा है? परिजनों का यह रवैया निश्चित रूप से दोनों के बीच प्रेम संबंधों के संदेह को और गहरा कर रहा है। पुलिस अब दोनों के मोबाइल रिकॉर्ड और अन्य साक्ष्यों की जांच कर इस मामले की पूरी सच्चाई सामने लाने की कोशिश कर रही है।
जब तक परिजन अस्पताल नहीं पहुँचते और पुलिस की जांच पूरी नहीं होती, जोबा रानी और मंगल हांसदा की यह दर्दनाक मौत एक अनसुलझा रहस्य बनी रहेगी। क्या यह प्रेम कहानी किसी और ही खौफनाक मोड़ पर खत्म हुई, या फिर दोनों ने एक साथ ज़िंदगी खत्म करने का अंतिम फैसला लिया?
आपकी राय में, ऐसे जटिल मामलों में जब परिजनों का सहयोग न मिले, तो पुलिस को सच्चाई तक पहुँचने के लिए किन पहलूओं पर अधिक ध्यान देना चाहिए? कमेंट करके बताएं।
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