Jamshedpur Chath Ghat Cleaning : जमशेदपुर पूर्वी में कांग्रेस नेताओं ने सफाई व्यवस्था का किया औचक निरीक्षण! JNAC के अधिकारियों को क्यों पड़ी फटकार?
छठ पर्व से पहले जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख घाटों (बगुनहातू, बाबूडीह, गांधी घाट आदि) की सफाई व्यवस्था का कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद बिहारी दुबे के नेतृत्व में निरीक्षण किया गया। घाटों पर पाई गई कमियों को जेएनएसी (JNAC) के अधिकारियों को बताया गया और शीघ्र सुधार के निर्देश दिए गए।
सूर्य उपासना का महापर्व छठ आस्था और पवित्रता का प्रतीक है, जिसकी शुचिता के लिए घाटों की सफाई सर्वोपरि है। जमशेदपुर, जहां यह पर्व अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है, वहां भी छठ की तैयारियां अपने चरम पर हैं। लेकिन घाटों की सफाई व्यवस्था की वास्तविक स्थिति जानने के लिए जब जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने निरीक्षण किया, तो कई चौंकाने वाली कमियां सामने आईं, जिससे प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल उठना लाजिमी है।
बारीडीह से गांधी घाट तक: आस्था के केंद्र में असुविधा?
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आनंद बिहारी दुबे के नेतृत्व में जिला कांग्रेस प्रभारी बलजीत सिंह बेदी समेत पार्टी पदाधिकारियों और स्थानीय बस्तीवासियों का दल बगुनहातू छठ घाट, बाबूडीह घाट, पांडेय घाट और गांधी घाट सहित आसपास के सभी प्रमुख घाटों की स्वच्छता और तैयारी का जायजा लेने पहुंचा। निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यही था कि लोक आस्था के इस महापर्व के दौरान लाखों श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
हालांकि, निरीक्षण के दौरान कई घाटों पर गंदगी और आवश्यक सुविधाओं की कमी पाई गई। घाटों पर टूटी हुई सीढ़ियां, जल जमाव और कूड़े के ढेर को देखकर पार्टी नेताओं ने सख्त नाराजगी जताई। इन कमियों को तत्काल संबंधित विभागों के अधिकारियों और विशेष रूप से जेएनएसी (जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमेटी) के प्रतिनिधियों के सामने उठाया गया।
JNAC को निर्देश: क्या समय पर होगा काम?
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आनंद बिहारी दुबे ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि कमियों को नजरअंदाज न किया जाए और मौके पर ही सुधार कार्य शीघ्र शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि छठ पर्व सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों के लिए आस्था का विषय है, इसलिए प्रशासनिक संस्थाओं को इसकी पवित्रता और व्यवस्था को सुनिश्चित करना चाहिए।
इस निरीक्षण में ओबीसी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष देवेश राज, एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष सचिन कुमार, राजकिशोर यादव समेत सशी कुमार सिन्हा, धीरज कुमार जैसे कई पार्टी पदाधिकारी और स्थानीय लोग शामिल रहे। नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर तय समय सीमा के भीतर घाटों पर सभी आवश्यक सुविधाएं (जैसे सुरक्षा, बिजली की व्यवस्था, पानी का छिड़काव और सफाई) बहाल नहीं की गईं, तो पार्टी विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर होगी। अब सवाल यह है कि प्रशासन इस निरीक्षण और चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या अगले कुछ ही दिनों में सभी घाट पूरी तरह से साफ और छठ के लिए तैयार हो पाएंगे?
आपकी राय में, छठ जैसे पर्वों के दौरान घाटों की सफाई व्यवस्था को राजनीति से परे रखते हुए स्थायी बनाने के लिए जेएनएसी और स्थानीय सामाजिक संगठनों को कौन से दो सबसे प्रभावी और नवाचारी कदम उठाने चाहिए?
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