Hazaribagh Murder: NTPC अधिकारी की हत्या की साजिश का खुलासा! गैंगस्टर अमन साव के करीबी ने रची थी साजिश
NTPC अधिकारी कुमार गौरव की हत्या का खुलासा! गैंगस्टर अमन साव के करीबी ने रची थी साजिश। पुलिस ने मुख्य शूटर समेत 4 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया, हथियार और मोटरसाइकिल बरामद।

हजारीबाग में NTPC डिस्पैच डीजीएम कुमार गौरव की हत्या एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी। इस सनसनीखेज हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने बताया कि यह वारदात हाल ही में एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात गैंगस्टर अमन साव के करीबी ने करवाई थी। इस हत्या का मकसद सिर्फ एक था – कोयला कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों में दहशत फैलाना। पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य शूटर समेत चार अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है।
डीआईजी संजीव कुमार और एसपी अरविंद कुमार सिंह ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गिरफ्तार किए गए अपराधियों में मुख्य शूटर मिंटू कुमार पासवान उर्फ छोटा क्षत्रि, रेकी करने वाला मनोज माली, शूटर को मोटरसाइकिल से लेकर जाने वाला राहुल मुंडा और हथियार सप्लाई करने वाला अजय यादव शामिल हैं। हालांकि, पुलिस ने इस हत्या के पीछे मास्टरमाइंड का नाम अभी तक उजागर नहीं किया है।
हत्या के बाद पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) हरकत में आई। जांच के दौरान पुलिस ने हत्या स्थल और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और मोबाइल कॉल डंप का एनालिसिस किया। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जब अपराधियों की पहचान हुई, तो पुलिस ने अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर चारों अपराधियों को धर दबोचा। इनके पास से 7.65 बोर की पिस्टल, तीन कारतूस, बिना नंबर की लाल रंग की पल्सर बाइक, रेकी में इस्तेमाल काले रंग की पल्सर मोटरसाइकिल (JH 02BP-9888), हेलमेट, जैकेट, टीशर्ट और नकदी बरामद की गई।
पुलिस के मुताबिक, गिरोह में शामिल होने वाले युवकों को पैसे का लालच देकर भर्ती किया जाता था। मिंटू पासवान को शूटर बनने के लिए बाकायदा ट्रेनिंग दी गई थी। हत्या के लिए बाकायदा रेकी की गई थी और अपराधियों को एक सटीक रणनीति के तहत काम करने के निर्देश दिए गए थे। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद अपराधी फरार हो गए, लेकिन पुलिस ने सटीक जांच से सभी को पकड़ लिया।
झारखंड में कोयला कारोबारियों और उनके अधिकारियों पर हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कोयला माफिया संगठित होकर दहशत का माहौल बना रहे हैं, ताकि वे जबरन वसूली कर सकें। NTPC अधिकारी की हत्या भी इसी रणनीति का हिस्सा थी। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है और संभावना जताई जा रही है कि इस हत्याकांड में और भी अपराधी शामिल हो सकते हैं। फरार अपराधियों की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अमन साव की गैंग उसकी मौत के बाद भी सक्रिय है? क्या गैंगस्टर के करीबी को पुलिस जल्द गिरफ्तार कर पाएगी? झारखंड में NTPC अधिकारी और कोयला कारोबारी अब भी सुरक्षित हैं या फिर वे अपराधियों के निशाने पर बने रहेंगे? यह मामला सिर्फ एक हत्या तक सीमित नहीं है, बल्कि यह झारखंड में संगठित अपराध की एक गहरी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। पुलिस ने इस मामले में अहम बढ़त बना ली है, लेकिन अभी भी कई सवालों के जवाब मिलना बाकी हैं।
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