Garhwa Operation: नक्सलियों की साजिश नाकाम! जंगल में मिला 2 किलो IED, बम निरोधक दस्ते ने किया नष्ट
गढ़वा के बूढ़ा पहाड़ इलाके में नक्सलियों की साजिश नाकाम! सर्च ऑपरेशन के दौरान जंगल में छिपाया गया 2 किलो IED बम बरामद, बम निरोधक दस्ते ने किया नष्ट।

गढ़वा: गढ़वा जिले के बूढ़ा पहाड़ इलाके में सोमवार को बड़ा हादसा टल गया, जब सुरक्षा बलों ने जंगल से नक्सलियों द्वारा लगाया गया 2 किलो का IED बम बरामद किया।
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सीआरपीएफ-172 बटालियन के सर्च ऑपरेशन के दौरान यह विस्फोटक मिला, जिसे मौके पर ही बम निरोधक दस्ते ने नष्ट कर दिया।
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अगर यह बम फटता, तो भारी जान-माल का नुकसान हो सकता था।
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सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों ने इस IED बम को जंगल में छिपाया था।
कैसे मिली बम की जानकारी?
गढ़वा जिले के बड़गड़ थाना क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस और सीआरपीएफ का सर्च ऑपरेशन चल रहा था।
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कमांडेंट नृपेंद्र कुमार सिंह और द्वितीय कमान अधिकारी कुलदीप कुमार के निर्देश पर सीआरपीएफ-172 बटालियन की टीम ऑपरेशन पर निकली थी।
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अभियान का नेतृत्व सहायक कमांडेंट नीरज कुमार कर रहे थे।
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सर्च ऑपरेशन के दौरान जवान विकास नाथ और अजय कुमार को जंगल में जमीन के नीचे दबा एक संदिग्ध वस्तु नजर आई।
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जांच के बाद पुष्टि हुई कि यह एक IED बम था, जिसकी सूचना तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई।
बम निरोधक दस्ते ने कैसे किया नष्ट?
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IED मिलने के बाद पूरे इलाके को घेर लिया गया और बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया।
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सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बम को जंगल में ही सुरक्षित तरीके से नष्ट कर दिया गया।
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यह बम सुरक्षा बलों के मूवमेंट को बाधित करने और जानलेवा हमले के लिए लगाया गया था।
गढ़वा का बूढ़ा पहाड़: नक्सलियों का गढ़ या खत्म हो रहा आतंक?
गढ़वा का बूढ़ा पहाड़ इलाका लंबे समय से नक्सलियों की गतिविधियों का केंद्र रहा है।
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यह इलाका झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ की सीमा से जुड़ा होने के कारण नक्सलियों के लिए रणनीतिक रूप से अहम माना जाता है।
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पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा बलों ने इस क्षेत्र में कई बड़े ऑपरेशन चलाकर नक्सलियों को कमजोर किया है।
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हालांकि, अभी भी नक्सली अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
गढ़वा में नक्सल गतिविधियां और सुरक्षा बलों की कार्रवाई
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2023 में भी इसी इलाके में 5 किलो का IED बरामद किया गया था, जिसे समय रहते डिफ्यूज कर दिया गया था।
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पिछले 10 सालों में सुरक्षा बलों ने इस इलाके में 50 से ज्यादा नक्सलियों को ढेर किया है।
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हालांकि, IED जैसे घातक हथियारों का इस्तेमाल अब भी चिंता का विषय बना हुआ है।
बच सकती थी बड़ी तबाही! आम नागरिक भी होते शिकार
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IED बम सिर्फ सुरक्षा बलों के लिए ही नहीं, बल्कि आम लोगों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकते हैं।
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अगर यह बम किसी मासूम ग्रामीण या बच्चे के संपर्क में आ जाता, तो बड़ा हादसा हो सकता था।
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इसलिए, सुरक्षा बलों का यह सर्च ऑपरेशन न सिर्फ जवानों के लिए, बल्कि स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए भी बेहद जरूरी था।
सवाल जो उठ रहे हैं...
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क्या नक्सली अब भी बूढ़ा पहाड़ इलाके में सक्रिय हैं?
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अगर सुरक्षा बल समय पर ऑपरेशन न चलाते, तो क्या यह बम किसी निर्दोष की जान ले लेता?
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क्या झारखंड सरकार नक्सलियों के खिलाफ और सख्त कार्रवाई करेगी?
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क्या स्थानीय प्रशासन इस तरह के हमलों को रोकने के लिए और ठोस कदम उठाएगा?
अब आगे क्या?
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सुरक्षा बलों का कहना है कि इलाके में सर्च ऑपरेशन और तेज किया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसे किसी भी हमले को रोका जा सके।
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स्थानीय प्रशासन और पुलिस मिलकर इलाके में जागरूकता अभियान भी चलाएंगे, ताकि ग्रामीण संदिग्ध वस्तुओं की सूचना तुरंत दे सकें।
गढ़वा का यह ऑपरेशन नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेरने में कामयाब रहा, लेकिन सवाल यह है कि क्या अब यह इलाका पूरी तरह सुरक्षित हो चुका है या नक्सली फिर कोई नई साजिश रचेंगे?
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