Chaibasa Underpass: बिना ड्राइंग के शुरू हुआ निर्माण, अवैध मकानों पर चला बुलडोजर!

चाईबासा के जेएमपी चौक पर रेलवे अंडरपास का निर्माण बिना ड्राइंग शुरू, दर्जनभर अवैध मकानों को हटाया गया। जानें, इस निर्माण से कैसे बदलेगा शहर का नक्शा।

Jan 11, 2025 - 09:40
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Chaibasa Underpass: बिना ड्राइंग के शुरू हुआ निर्माण, अवैध मकानों पर चला बुलडोजर!
Chaibasa Underpass: बिना ड्राइंग के शुरू हुआ निर्माण, अवैध मकानों पर चला बुलडोजर!

चाईबासा: चाईबासा के जेएमपी चौक पर दूसरे रेलवे अंडरपास के निर्माण की प्रक्रिया ने लोगों को चौंका दिया है। इस बार निर्माण कार्य बिना आधिकारिक ड्राइंग के ही शुरू कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने रेलवे क्रॉसिंग के पास भूमि सीमांकन कर अंडरपास के लिए जगह चिन्हित की, जिसके बाद इलाके में दर्जनभर अवैध मकान सामने आए। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मकानों को हटाने का निर्देश दिया।

अवैध मकानों पर कार्रवाई शुरू
निर्देश मिलने के बाद कई स्थानीय निवासियों ने खुद ही अपने कच्चे मकानों को गिराना शुरू कर दिया। हालांकि, यह दृश्य खतरनाक भी रहा क्योंकि मकानों के ऊपर से बिजली के तार झूल रहे थे। बावजूद इसके, लोग अपनी जान जोखिम में डालकर मकानों को हटाते नजर आए।

क्यों बनाया जा रहा है अंडरपास?

जेएमपी चौक पर यह नया अंडरपास रेलवे क्रॉसिंग के पास बनाया जा रहा है, जिससे शहर के दो प्रमुख हिस्सों – डीवीसी कॉलोनी और डालिया मार्चा को जोड़ने में मदद मिलेगी। वर्तमान में, स्थानीय लोगों को रेलवे ट्रैक पार कर जोखिम उठाना पड़ता है। यह अंडरपास चार से पांच महीने में तैयार होने की संभावना है, जिससे लोगों को लंबी दूरी तय करने की परेशानी से राहत मिलेगी।

निर्माण में खामियां – बिना ड्राइंग शुरू हुआ काम!

सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि बिना किसी आधिकारिक ड्राइंग के निर्माण कार्य कैसे शुरू कर दिया गया? स्थानीय प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया:
"जेएमपी चौक के पास अंडरपास के निर्माण पर कितनी राशि खर्च होगी, इसकी ड्राइंग अभी तक मेरे पास नहीं आई है। ड्राइंग मिलने के बाद ही अधिक जानकारी दी जा सकेगी।"

यह बयान प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है, क्योंकि बिना ड्राइंग और स्पष्ट योजना के किसी भी बड़े निर्माण कार्य की शुरुआत आमतौर पर नहीं होती।

स्थानीय लोगों में खुशी की लहर

हालांकि विवादों के बीच इस अंडरपास के निर्माण से स्थानीय निवासियों में उत्साह है। लोगों का कहना है कि रेलवे ट्रैक पार करते समय दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती थी, जो इस अंडरपास से काफी हद तक समाप्त हो जाएगी।

इतिहास: चाईबासा का रेलवे जंक्शन और अंडरपास की जरूरत

चाईबासा रेलवे स्टेशन 20वीं सदी के मध्य में स्थापित हुआ था। समय के साथ बढ़ती जनसंख्या और ट्रैफिक के दबाव के कारण यहां रेलवे फाटक और क्रॉसिंग की समस्या सामने आई। इसी समस्या के समाधान के लिए प्रशासन ने पहले अंडरपास का निर्माण किया था, लेकिन दूसरा अंडरपास लंबे समय से चर्चा में था।

अंडरपास की विशेषताएं और संभावित लाभ

  • यातायात सुगम होगा: रेलवे फाटक बंद होने की समस्या से निजात मिलेगी।
  • दुर्घटनाओं में कमी: लोगों को रेलवे ट्रैक पार करने की आवश्यकता नहीं होगी।
  • संपर्क मार्ग बेहतर: डीवीसी कॉलोनी और डालिया मार्चा को जोड़ेगा।

क्या हैं चुनौतियां?

  • बिजली की लापरवाही: निर्माण स्थल पर बिजली के तार लटकते हुए पाए गए।
  • अवैध अतिक्रमण: दर्जनभर अवैध मकानों की उपस्थिति प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है।
  • ड्राइंग न होना: बिना ड्राइंग के निर्माण कार्य शुरू करना तकनीकी और सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

स्थानीय इंफ्रास्ट्रक्चर विशेषज्ञों का कहना है कि बिना ड्राइंग किसी भी निर्माण कार्य को शुरू करना एक बड़ी लापरवाही है। इससे निर्माण में तकनीकी खामियों की संभावना बढ़ जाती है।

आगे क्या?

  • प्रशासन ने अवैध मकानों को पूरी तरह हटाने की योजना बनाई है।
  • जल्द ही निर्माण की ड्राइंग मंगाई जाएगी।
  • बिजली विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि तारों को हटाया जाए।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।