Chaibasa Raid: बालू माफियाओं पर पुलिस का शिकंजा, तीन गांवों में छापेमारी के बाद आरोपी फरार!

चाईबासा पुलिस ने ओडिशा के तीन गांवों में बालू माफियाओं पर छापेमारी की, लेकिन आरोपी फरार हो गए। जानें पूरी खबर और कैसे जारी है अवैध खनन।

Jan 11, 2025 - 09:37
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Chaibasa Raid: बालू माफियाओं पर पुलिस का शिकंजा, तीन गांवों में छापेमारी के बाद आरोपी फरार!
Chaibasa Raid: बालू माफियाओं पर पुलिस का शिकंजा, तीन गांवों में छापेमारी के बाद आरोपी फरार!

चाईबासा: ओडिशा के तीन गांवों में शुक्रवार को चाईबासा पुलिस ने अवैध बालू खनन को लेकर बड़ी कार्रवाई की। तांतनगर ओपी प्रभारी मेघनाथ मंडल के साथ बदसलूकी और हत्या की धमकी देने वाले बालू माफियाओं के खिलाफ पुलिस ने रामबेड़ा, पोड़ा और विजय बासा गांव में छापेमारी की। हालांकि, पुलिस को मुख्य आरोपी नहीं मिल पाया, क्योंकि वह पहले ही फरार हो चुका था। इस कार्रवाई के बाद ओडिशा क्षेत्र के बालू माफियाओं में हड़कंप मच गया है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

बुधवार को तांतनगर घाट पर अवैध बालू खनन की सूचना मिलने पर ओपी प्रभारी मेघनाथ मंडल टीम के साथ पहुंचे। जब उन्होंने ओडिशा के माफियाओं को रोका, तो उन्होंने न केवल पुलिस के आदेशों की अवहेलना की, बल्कि प्रभारी मेघनाथ मंडल को जान से मारकर बालू में दफनाने तक की धमकी दी। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया।

तीन गांवों में छापेमारी, लेकिन आरोपी गायब!

तांतनगर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ओडिशा के रामबेड़ा, पोड़ा और विजय बासा गांवों में दबिश दी। पोड़ा गांव में एक आरोपी की पहचान हुई, लेकिन वह पहले ही भाग चुका था। इस दौरान झारखंड से सटे सभी बालू घाटों पर पुलिस ने तलाशी ली, लेकिन कहीं भी बालू लदे ट्रैक्टर नहीं मिले।

बालू माफियाओं में मचा हड़कंप!

इस छापेमारी के बाद ओडिशा के बालू माफियाओं में हड़कंप मच गया है। झारखंड पुलिस की अचानक की गई कार्रवाई से बालू माफिया सतर्क हो गए हैं और भूमिगत हो गए हैं। हालांकि, झारखंड के बालू घाटों पर अवैध खनन अब भी जारी है।

झारखंड में बालू माफिया बेखौफ क्यों?

तांतनगर ओपी प्रभारी मेघनाथ मंडल लगातार निगरानी कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद बालू माफिया तांतनगर, उकुगुटू, लोवाहातू और रोलडीह के रास्ते चाईबासा में अवैध बालू पहुंचा रहे हैं।

इतिहास: झारखंड में क्यों बढ़ा बालू का अवैध खनन?

झारखंड में बालू माफियाओं का नेटवर्क पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुआ है। सीमावर्ती क्षेत्रों में बालू के उच्च मांग और ढीले प्रशासनिक नियंत्रण के कारण इस कारोबार ने तेजी पकड़ी। 2020 में भी इसी तरह की घटनाओं में पुलिस अधिकारियों को धमकाने के मामले सामने आए थे, लेकिन पर्याप्त सख्ती ना होने के कारण यह नेटवर्क मजबूत बना हुआ है।

क्या होगा आगे?

चाईबासा जिला प्रशासन ने अब अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात कर दिया है। तांतनगर ओपी प्रभारी मेघनाथ मंडल ने कहा है कि जल्द ही मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी होगी और अवैध खनन पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाएगी।

स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौतियां

  • सीमावर्ती इलाकों की भौगोलिक स्थिति: घने जंगल और दूर-दराज के इलाकों में पुलिस की निगरानी कठिन हो जाती है।
  • स्थानीय सहयोग: कई बार स्थानीय लोग माफियाओं का समर्थन करते हैं, जिससे जांच प्रभावित होती है।
  • प्रशासनिक सख्ती की कमी: अवैध खनन पर लगातार कार्रवाई के बावजूद माफिया हर बार बच निकलते हैं।

समाधान और प्रशासनिक उपाय

  • सीसीटीवी निगरानी: बालू घाटों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
  • स्थानीय जागरूकता: जनता को जागरूक किया जाए कि अवैध खनन पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है।
  • पुलिस की गश्त बढ़ाना: नियमित पुलिस गश्त और विशेष दस्ते गठित किए जाएं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।