Road Accident Statistics : जुलाई में सड़क हादसों में 11 की मौत, 9 बिना हेलमेट – उपायुक्त ने ली सड़क सुरक्षा बैठक

पूर्वी सिंहभूम में जुलाई में 24 सड़क हादसे, 11 मौतें, 9 ने नहीं पहना था हेलमेट। 345 लाइसेंस सस्पेंड, 18 लाख से अधिक जुर्माना। उपायुक्त ने नो हेलमेट–नो पेट्रोल और ब्लैक स्पॉट सुधार के दिए कड़े निर्देश।

Aug 13, 2025 - 15:08
Aug 13, 2025 - 15:09
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Road Accident Statistics : जुलाई में सड़क हादसों में 11 की मौत, 9 बिना हेलमेट – उपायुक्त ने ली सड़क सुरक्षा बैठक
Road Accident Statistics : जुलाई में सड़क हादसों में 11 की मौत, 9 बिना हेलमेट – उपायुक्त ने ली सड़क सुरक्षा बैठक

पूर्वी सिंहभूम में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। जुलाई माह में ही 24 सड़क हादसों में 11 लोगों की मौत हो गई, और हैरानी की बात यह है कि इनमें से 9 लोगों ने हेलमेट नहीं पहना था। हेलमेट पहनने वाले कुछ लोगों की जान बची, लेकिन यह आंकड़ा ट्रैफिक नियमों के प्रति लापरवाही का गंभीर सबूत है।

इस स्थिति को देखते हुए, उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में एक विशेष यातायात एवं सड़क सुरक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ऋषभ गर्ग, उप विकास आयुक्त नागेन्द्र पासवान, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर भगीरथ प्रसाद, डीटीओ धनंजय, एसडीएम घाटशिला और धालभूम, डीएसपी ट्रैफिक, एमवीआई, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधि और कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

बैठक के मुख्य मुद्दे

उपायुक्त ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकने के लिए कड़े और तुरंत प्रभावी कदम उठाने होंगे। उन्होंने खास तौर पर “नो हेलमेट – नो पेट्रोल” नियम को जिले में सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। इसके तहत जो लोग हेलमेट नहीं पहनते, उन्हें पेट्रोल पंप से ईंधन नहीं मिलेगा।

मानगो में लगने वाले जाम का मुद्दा भी बैठक में प्रमुखता से उठा। उपायुक्त ने कहा कि एमजीएम अस्पताल के शिफ्ट होने के बाद आपातकालीन सेवाओं जैसे एंबुलेंस को जाम में फंसने का खतरा रहेगा। इसके लिए सिटी एसपी, डीटीओ और ट्रैफिक एसपी को विस्तृत ट्रैफिक प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए।

ओवरलोडिंग और ब्लैक स्पॉट पर फोकस

धालभूम के एसडीएम और जिला परिवहन पदाधिकारी को ओवरलोडिंग के खिलाफ सघन अभियान चलाने के आदेश दिए गए। इसके अलावा एनएच-33 के दो प्रमुख ब्लैक स्पॉट — होटल सिटी इन के पास और डिमना चौक — पर सुरक्षा उपायों की समीक्षा की गई। एनएचएआई और आरसीडी के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि घूमावदार और अंधे मोड़ों पर स्लाइडिंग बैरियर लगाएं और ब्लैक स्पॉट पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करें, ताकि ये स्थान जल्द ही ब्लैक स्पॉट की सूची से हट सकें।

हिट एंड रन मामलों का निपटारा

जिले में 35 हिट एंड रन मामले लंबित हैं, जिनमें से 9 इंश्योरेंस कंपनी के पास अटके हुए हैं। उपायुक्त ने इन्हें इस माह के भीतर निपटाने और बाकी मामलों में पीड़ित परिवारों को जल्द मुआवजा देने का निर्देश दिया।

जुलाई माह का ट्रैफिक रिकॉर्ड

बैठक में ट्रैफिक पुलिस के आंकड़े भी पेश किए गए, जो सड़क सुरक्षा के प्रति प्रशासन की सख्ती को दिखाते हैं:

  • ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड: 345 वाहन चालकों के लाइसेंस निलंबित

  • जुर्माना वसूला: ₹18,38,000 से अधिक

  • नए ड्राइविंग लाइसेंस जारी: 6,848 (6,112 पुरुष, 736 महिलाएं)

डीटीओ के अनुसार, जिले में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ लगातार जांच अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें हेलमेट और सीट बेल्ट न पहनने वालों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।

हेलमेट – जीवन रक्षक सबूत

बैठक के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि जुलाई के 16 गंभीर घायलों में से 5 लोगों की जान सिर्फ हेलमेट पहनने से बच पाई। दूसरी तरफ, बिना हेलमेट चलने वालों में मौत का अनुपात बहुत अधिक रहा। यह सीधा संदेश देता है कि हेलमेट सिर्फ कानूनी औपचारिकता नहीं, बल्कि जीवन रक्षक कवच है।

प्रशासन की अपील

उपायुक्त ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें, विशेष रूप से हेलमेट और सीट बेल्ट का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा—

“एक छोटी सी लापरवाही, पूरे परिवार को गहरे दुख में डाल सकती है। सड़क सुरक्षा केवल प्रशासन की नहीं, हर नागरिक की जिम्मेदारी है।”

पूर्वी सिंहभूम में सड़क दुर्घटनाओं के ये ताज़ा आंकड़े चेतावनी हैं कि लापरवाही किस तरह जानलेवा हो सकती है। प्रशासन की सख्ती और नई नीतियों का असर आने वाले महीनों में दिखाई देगा या नहीं, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल “नो हेलमेट – नो पेट्रोल” जैसी सख्त पहल और ब्लैक स्पॉट सुधार अभियान से उम्मीदें जरूर बढ़ी हैं।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।