Deoghar Cyber Fraud: 44 लाख की ठगी, 19 साल का मास्टरमाइंड गिरफ्तार!

देवघर में साइबर ठगी का बड़ा खुलासा! 19 वर्षीय युवक ने फर्जी ट्रेडिंग ऐप से लोगों से 44 लाख रुपये ठग लिए। जानें पूरी कहानी और पुलिस की चेतावनी।

Sep 26, 2025 - 15:10
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Deoghar Cyber Fraud: 44 लाख की ठगी, 19 साल का मास्टरमाइंड गिरफ्तार!
Deoghar Cyber Fraud: 44 लाख की ठगी, 19 साल का मास्टरमाइंड गिरफ्तार!

साइबर अपराधों की दुनिया में आए दिन नए-नए मामले सामने आते हैं। लेकिन देवघर से जो वाकया सामने आया है, उसने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि ऑनलाइन निवेश और फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स के जाल में फंसना कितना खतरनाक हो सकता है। गुरुवार को देवघर पुलिस ने 19 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया है, जिस पर आरोप है कि उसने लोगों से 44 लाख रुपये की धोखाधड़ी की।

कैसे पकड़ा गया साइबर ठग?

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार युवक की पहचान देवघर निवासी मुकेश अखौरी के बेटे यशवर्धन कुमार के रूप में हुई है। मूल रूप से बिहार के गया जिले का रहने वाला यह युवक साइबर ठगी में नया-नया खिलाड़ी था, लेकिन अपने तौर-तरीकों में इतना चालाक कि लोग उसकी बातों में फंसते चले गए।

गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से एक मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड, एक बैंक खाता और केस से जुड़े व्हाट्सएप चैट बरामद किए हैं। यह सबूत उसकी पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए पर्याप्त माने जा रहे हैं।

CANTILLON ऐप का खेल

इस पूरे मामले की जड़ है एक फर्जी ट्रेडिंग ऐप – CANTILLON। यशवर्धन ने व्हाट्सएप के जरिए लोगों को यह भरोसा दिलाया कि इस ऐप पर निवेश करने से उन्हें मोटा मुनाफा मिलेगा। शुरू-शुरू में नकली मुनाफे का झांसा दिखाकर वह पीड़ितों को भरोसे में लेता और धीरे-धीरे बड़ी रकम निकलवाता।

इतना ही नहीं, धोखाधड़ी के बाद यह रकम अलग-अलग नाम से खोले गए बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाती थी, जिससे पुलिस को ट्रैक करना मुश्किल हो जाए।

इतिहास गवाह है – साइबर अपराध का बढ़ता जाल

भारत में साइबर ठगी का इतिहास बहुत पुराना नहीं है, लेकिन पिछले एक दशक में इसमें जबरदस्त इजाफा हुआ है। 2010 के दशक में जब ऑनलाइन बैंकिंग और मोबाइल वॉलेट आम हुए, तभी से ठगों ने इस पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया।

  • साल 2016 में नोटबंदी के बाद डिजिटल ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़े और साथ ही साइबर अपराध भी कई गुना बढ़े।

  • 2020 के बाद कोरोना महामारी के दौरान लोग ऑनलाइन निवेश और वर्क-फ्रॉम-होम जैसी चीजों में रुचि लेने लगे, जिसका फायदा अपराधियों ने जमकर उठाया।

देवघर की यह घटना इस सिलसिले की ही एक कड़ी है, जो दिखाती है कि ठगों की नज़र हमेशा आसान शिकार पर रहती है।

पुलिस की चेतावनी और साइबर सुरक्षा सलाह

देवघर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध लिंक या ऐप पर निवेश करने से पहले उसकी पूरी जांच कर लें। खासकर व्हाट्सएप, टेलीग्राम या गूगल विज्ञापनों में आने वाले लुभावने प्रस्तावों से बचें।

अगर कभी आप किसी साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके शिकायत दर्ज करें। समय पर दी गई सूचना आपके पैसों को बचा सकती है।

लोग क्या कह रहे हैं?

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना युवाओं को एक बड़ा सबक देती है। 19 साल की उम्र में अगर कोई अपराध की राह पर चल पड़े तो उसका भविष्य और कई मासूमों की मेहनत की कमाई दोनों तबाह हो जाते हैं।

देवघर का यह मामला बताता है कि साइबर अपराधी कितनी तेजी से नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। लेकिन सावधानी और जागरूकता से ही हम इनसे बच सकते हैं। आज जरूरत है कि लोग ऑनलाइन लालच से बचें और हर निवेश से पहले उसकी सच्चाई जांचें।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।