Delhi Shock: BJP के मंदिर प्रकोष्ठ के 100 से अधिक कार्यकर्ताओं ने छोड़ा पार्टी, AAP में शामिल!
दिल्ली में भाजपा को बड़ा झटका! मंदिर प्रकोष्ठ के 100 से अधिक कार्यकर्ताओं ने AAP का दामन थामा। जानें इस बदलाव की पूरी कहानी और आगामी दिल्ली चुनाव में इसका क्या असर हो सकता है।
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दिल्ली में राजनीति का तापमान दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और अब एक बड़ी राजनीतिक खबर सामने आई है, जिसने भाजपा को बड़ा झटका दिया है। दिल्ली के मंदिर प्रकोष्ठ के 100 से अधिक कार्यकर्ताओं ने भाजपा का दामन छोड़कर आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो गए हैं। इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बाद दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में इन कार्यकर्ताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। ये कदम दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा के लिए एक गंभीर राजनीतिक चुनौती साबित हो सकता है।
मंदिर प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं का AAP में शामिल होना
बता दें कि भाजपा के मंदिर प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं का आम आदमी पार्टी में शामिल होना एक बहुत बड़ा राजनीतिक उलटफेर है। आम आदमी पार्टी ने इस बदलाव को अपने नए विंग 'सनातन सेवा समिति' के गठन के साथ जोड़ा है। इस समिति के गठन के बाद, AAP को उम्मीद है कि मंदिर प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं के समर्थन से पार्टी को एक नया जनसमर्थन मिलेगा, जो आगामी दिल्ली चुनाव में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
इस बदलाव का भाजपा पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। दिल्ली चुनाव से पहले भाजपा के लिए यह एक बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि मंदिर प्रकोष्ठ के कार्यकर्ता दिल्ली में भाजपा की धार्मिक और सांस्कृतिक रणनीति के अहम हिस्से रहे हैं।
पुजारी सम्मान योजना: AAP का एक बड़ा कदम
इस राजनीतिक बदलाव से पहले आम आदमी पार्टी ने एक अहम घोषणा की थी। AAP ने दिल्ली के पुजारियों के लिए 'पुजारी सम्मान योजना' की घोषणा की है, जिसके तहत दिल्ली सरकार हर पुजारी को 18,000 रुपये मासिक वेतन देने का वादा कर रही है। इस योजना से दिल्ली के पुजारियों में खुशी की लहर है, क्योंकि यह वेतन उन्हें उनके कठिन कार्यों के लिए एक उचित सम्मान और आर्थिक सहायता प्रदान करेगा।
यह योजना आम आदमी पार्टी के धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण को मजबूत करने की कोशिश है। साथ ही, दिल्ली के चुनावी मैदान में यह एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। अरविंद केजरीवाल ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा, "हम जानते हैं कि पुजारी हमारे सुख-दुख में हमेशा हमारे साथ रहते हैं। ये वही लोग हैं जो हमारी संस्कृति और परंपराओं को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाते आए हैं। अब हम उनके योगदान को सही सम्मान देने के लिए इस योजना की शुरुआत कर रहे हैं।"
भाजपा को चुनाव से पहले झटका
मंदिर प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं के AAP में शामिल होने के बाद यह माना जा रहा है कि भाजपा को इस बड़े बदलाव से चुनावी नुकसान हो सकता है। भाजपा की यह धार्मिक छवि और मंदिर से जुड़े कार्यकर्ता इस समय दिल्ली में पार्टी के अहम स्तंभ रहे हैं। ऐसे में इस गुट का AAP में शामिल होना भाजपा के लिए आगामी चुनाव में बड़ा संकट पैदा कर सकता है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम लंबे समय से इस समुदाय की उपेक्षा कर रहे थे, लेकिन अब हम उन्हें सम्मान देने के लिए एक ठोस कदम उठा रहे हैं। यह बयान केवल राजनीतिक महत्व का नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अहम है।
दिल्ली में आगामी चुनाव और राजनीति की दिशा
आगामी दिल्ली चुनाव को लेकर अब यह सवाल उठ रहा है कि यह बदलाव भाजपा और आम आदमी पार्टी के लिए किस दिशा में जाएगा। क्या यह भाजपा के खिलाफ एक बड़ा जनांदोलन बनेगा, या फिर AAP को अधिक धार्मिक समर्थन मिलेगा? यह सवाल दिल्ली की राजनीति में सख्त बहस का विषय बना हुआ है।
भले ही अब तक AAP और भाजपा के बीच तल्खी बढ़ी हो, लेकिन इस बदलाव के बाद दोनों पार्टियों के बीच राजनीति का नया रंग देखने को मिलेगा। दिल्ली के लोग किसे चुनेंगे, यह तो चुनाव परिणामों से ही स्पष्ट होगा।
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