Bokaro Murder Mystery: पत्नी को 1 महीने तक भूखा रख पति ने की ऐसी घिनौनी वारदात!
झारखंड के बाघमारा में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां पत्नी को एक महीने तक भूखा रख पति ने तीन टुकड़ों में शव फेंक दिया। जानें पूरी घटना की सच्चाई और पुलिस जांच के बारे में।
झारखंड के बाघमारा में एक हृदय विदारक और दर्दनाक घटना ने सभी को चौंका दिया है। एक ऐसी वारदात, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। बीते महीने, एक पत्नी को उसके ससुराल वालों ने एक महीने तक भूखा रखा और फिर उसकी निर्मम हत्या कर दी। इस घटना ने लोगों को हिलाकर रख दिया है। महिला के शव के तीन टुकड़े कर उसे बोरे में भरकर फेंक दिया गया था। पुलिस ने चार आरोपियों को हिरासत में लिया है, लेकिन इस मामले की गुत्थी अब भी पूरी तरह से सुलझी नहीं है।
1 महीने तक भूखा रखा!
महिला अपराजिता कुमारी (38), जो बीसीसीएल के सिनीडीह वर्कशॉप कॉलोनी की रहने वाली थी, 24 दिनों तक लापता थी। जब पुलिस ने शव की पहचान की, तो पाया कि उसे एक महीने तक बंद कमरे में रखा गया था और उसे किसी भी प्रकार का खाना या पानी नहीं दिया गया। उसके पति और ससुराल वालों ने उसे इतनी बुरी तरह प्रताड़ित किया कि उसकी मौत हो गई। इसके बाद, आरोपी ने शव को छिपाने के लिए कई कुत्सित चालें चलीं।
कातिलों का घिनौना चेहरा
पुलिस के मुताबिक, अपराजिता की हत्या की साजिश पूरी तरह से पहले से रची गई थी। आरोपियों ने दो दिनों तक शव को घर में रखा और फिर 12 दिसंबर को अपराजिता के पति ने शव को एक बोरे में भरकर स्कूटी पर लादकर राजगंज के समीप जीटी रोड के बीच कतरी नदी पुल के नीचे फेंक दिया। बाद में, मामले को छुपाने और पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने झूठी रिपोर्ट भी दर्ज करवाई।
हत्या की साजिश का खुलासा
मृतका के माता-पिता ने पुलिस को लिखित शिकायत दी थी कि उनका बेटा-दामाद नीरज और उसकी पूरी परिवार ने अपराजिता को दहेज के लिए प्रताड़ित किया। यही नहीं, मृतका के परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि उसकी बेटी की हत्या नीरज कुमार झा, उसकी सास शोभा देवी, ससुर काशीनाथ झा और अन्य ससुरालवालों द्वारा की गई थी। वे अक्सर अपराजिता को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करते थे।
आरोपी की गिरफ्तारी और अभी भी कई सवाल
इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मृतका का पति, सास, ससुर और ननद शामिल हैं। हालांकि, कुछ आरोपी जैसे काशीनाथ झा और सृष्टि कुमारी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। इस मामले ने एक और दिलचस्प मोड़ लिया है, जब पुलिस को काशीनाथ झा की गुमशुदगी की रिपोर्ट मिली। काशीनाथ झा बीसीसीएल में कर्मचारी थे और अब उनकी लापता होने की गुत्थी को पुलिस सुलझाने की कोशिश कर रही है।
तीन मासूमों की किस्मत
इस पूरे प्रकरण में सबसे दिल दहला देने वाला पहलू यह है कि मृतका के तीन छोटे-छोटे बच्चे अब बिना माँ के रह रहे हैं। इनमें से एक डेढ़ वर्षीय बच्चा तो अपने पिता के किए गए अपराध की सजा भुगतने को मजबूर हो गया है। वहीं, मृतका की एक ननद का डेढ़ माह का बच्चा भी जेल जाने को मजबूर है। यह घटना न केवल परिवार के लिए, बल्कि उन मासूम बच्चों के लिए भी एक कष्टकारी स्थिति है।
एक खौ़फनाक सच
यह पूरा मामला केवल एक हत्या का नहीं, बल्कि एक ऐसे परिवार की सच्चाई का खुलासा करता है, जहां रिश्ते और प्रेम का नामो-निशान नहीं था। अपराजिता को न केवल मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया, बल्कि उसे अपनी जान भी गंवानी पड़ी। इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या दहेज की बलि चढ़ने वाली महिलाएँ कभी अपने हक को पा सकेंगी?
इस दर्दनाक और सिहरन से भर देने वाली घटना ने हम सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि समाज में दहेज प्रथा जैसी कुप्रथाएँ किस हद तक खतरनाक हो सकती हैं। यह घटना सभी को यह याद दिलाती है कि हमें महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना होगा।
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