Chaibasa Action: सारंडा के जंगल में पुलिस की बड़ी सफलता! विस्फोटक सामग्री के साथ पुलिया उड़ाने वाले दो खूंखार माओवादी गिरफ्तार
पश्चिमी सिंहभूम जिले के छोटानगरा क्षेत्र में चाईबासा पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए विस्फोट कर पुलिया उड़ाने के आरोपी दो माओवादियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई है। एसपी अमित रेणु ने बताया कि माओवादी संगठन के खिलाफ अभियान तेज किया जाएगा।
झारखंड के नक्सल प्रभावित पश्चिमी सिंहभूम जिले में पुलिस और सुरक्षा बलों ने एक बार फिर अपनी दबिश साबित करते हुए माओवादी संगठन को एक बड़ा झटका दिया है। जिले के छोटानगरा इलाके में स्थित कुख्यात सारंडा के जंगल क्षेत्र में एक संयुक्त ऑपरेशन के दौरान चाईबासा पुलिस ने दो खूंखार माओवादियों को गिरफ्तार किया है। ये वही माओवादी हैं जो विस्फोट करके पुलिया उड़ाने जैसे गंभीर कृत्यों में शामिल थे।
इस बड़ी सफलता की जानकारी देते हुए एसपी अमित रेणु ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि पुलिस और सुरक्षा बलों की टीम लगातार ऑपरेशन चला रही है। गिरफ्तार माओवादियों के पास से विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई है, जो संकेत देती है कि वे आगे भी किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में थे। इस गिरफ्तारी से सारंडा क्षेत्र में माओवादियों के नेटवर्क को गहरा नुकसान पहुंचा है।
पूछताछ का दौर जारी: खुलेगा माओवादी साजिशों का राज?
गिरफ्तार किए गए माओवादियों से पुलिस सघन पूछताछ कर रही है। यह पूछताछ न केवल पुलिया उड़ाने की घटना से जुड़े तथ्यों को उजागर करेगी, बल्कि उनके अन्य साथियों के बारे में भी अहम जानकारी दे सकती है।
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विस्फोटक का स्रोत: बरामद विस्फोटक सामग्री कहाँ से आई और उसका इस्तेमाल कहाँ होना था, यह जानना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है।
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गुप्त ठिकाने: माओवादियों के गिरोह और उनके गुप्त ठिकानों के बारे में जानकारियां जुटाने के लिए पुलिस की कई टीमें लगातार काम कर रही हैं।
एसपी का संकल्प: माओवादी के खिलाफ अभियान होगा तेज
एसपी अमित रेणु ने इस सफलता के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों की टीम को बधाई दी और माओवादी संगठन के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आगे भी ऐसे ऑपरेशन जारी रहेंगे और माओवादी संगठन के खिलाफ अभियान तेज किया जाएगा।
झारखंड में नक्सलवाद का एक लंबा और पीड़ादायक इतिहास रहा है, जिसमें पुलों और सड़कों को निशाना बनाना उनकी रणनीति का हिस्सा रहा है। यह कार्रवाई न केवल कानून व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी साबित करती है कि सरकार सारंडा जैसे दुर्गम क्षेत्रों में भी विकास और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है। इस तरह की गिरफ्तारियां नक्सलियों के मनोबल को तोड़ती हैं और स्थानीय निवासियों में सुरक्षा की भावना पैदा करती है।
आपकी राय में, सारंडा जैसे घने जंगलों में माओवादी गतिविधियों पर स्थायी रूप से लगाम कसने और स्थानीय युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रशासन को सुरक्षा अभियानों के अलावा कौन से दो सबसे प्रभावी विकास उपाय करने चाहिए?
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