India Selection: शमी बनाम अगरकर का खुला युद्ध! 20 दिनों में तीन अलग बयान, टीम इंडिया सेलेक्शन पर बड़ा सवाल, स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को ऑस्ट्रेलिया दौरे से क्यों किया गया बाहर?
तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम से बाहर किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। शमी ने खुद को पूरी तरह मैच फिट बताया है, जबकि चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने उनके फिट न होने का दावा किया है। पिछले 20 दिनों में दोनों के तीन अलग बयानों ने टीम सिलेक्शन की प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के सिलेक्शन को लेकर एक बड़ा और चौंकाने वाला विवाद खड़ा हो गया है। पिछले कुछ समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर के बीच सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है। पिछले सिर्फ 20 दिनों के भीतर दोनों तरफ से तीन अलग-अलग और आपस में विरोधाभासी बयान सामने आए हैं, जिससे ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए टीम के चयन पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग गया है।
इस विवाद की शुरुआत 25 सितंबर को तब हुई थी, जब वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम का ऐलान हुआ और शमी को टीम में शामिल नहीं किया गया। उस समय चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने एक बयान दिया था कि उन्हें शमी के बारे में कोई नई जानकारी नहीं है और उन्हें अधिक मैच खेलने की आवश्यकता है। अगरकर का यह बयान साफ संकेत देता था कि चयनकर्ताओं को शमी की फिटनेस की स्थिति के बारे में अंधेरे में रखा गया है।
शमी का पलटवार: "मैं पूरी तरह फिट हूं"
अगरकर के इस बयान के करीब दो हफ्ते बाद, 14 अक्टूबर को मोहम्मद शमी ने अपनी चुप्पी तोड़ी और टीम मैनेजमेंट पर तीखा तंज कसा। ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए वनडे और टी20 दोनों टीमों से बाहर होने के बाद शमी ने साफ कहा कि वह पूरी तरह मैच फिट हैं और किसी भी प्रारूप में खेलने के लिए तैयार हैं।
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तर्क: शमी ने जोर देकर कहा, "अगर मैं चार दिन का रणजी ट्रॉफी मैच खेल सकता हूं, तो 50 ओवर का क्रिकेट क्यों नहीं खेल सकता? अगर मैं फिट नहीं होता तो एनसीए में होता, रणजी ट्रॉफी नहीं खेल रहा होता।"
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संचार की कमी: शमी ने सबसे बड़ा सवाल यह उठाया कि टीम मैनेजमेंट की ओर से उनसे फिटनेस को लेकर कोई बातचीत नहीं की गई।
अगरकर का तीसरा बयान: "अगर वह फिट होते, तो विमान में होते"
अब शमी के इस बयान के जवाब में अजीत अगरकर ने हाल ही में एक कार्यक्रम में फिर से प्रतिक्रिया दी है। अगरकर ने शमी के दावे को खारिज करते हुए कहा, "अगर वह फिट होते, तो वह विमान में होते। दुर्भाग्यवश, वह फिट नहीं थे।"
हालांकि अगरकर ने यह भी कहा कि वह शमी से इस बारे में बात करेंगे, क्योंकि उनका फोन हमेशा खिलाड़ियों के लिए चालू रहता है और पिछले कुछ महीनों में उनकी शमी से कई बार बातचीत हुई है। लेकिन दोनों के बयानों का यह खुला विरोधाभास भारतीय क्रिकेट के सबसे अहम सवालों में से एक बन गया है: क्या टीम के सबसे प्रमुख तेज गेंदबाज की फिटनेस के बारे में चयनकर्ता और खिलाड़ी दोनों एक ही बात पर सहमत नहीं हैं? और अगर शमी फिट हैं, तो उन्हें क्यों बाहर किया गया है? यह मामला आने वाले दिनों में और गहरा हो सकता है।
आपकी राय में, इस तरह के उच्च-स्तरीय विवादों से बचने और खिलाड़ी व चयन समिति के बीच पारदर्शिता बनाए रखने के लिए बीसीसीआई को कौन से दो सबसे प्रभावी और आंतरिक संचार सुधार लागू करने चाहिए?
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