Chandil Tragedy: डेंजर जोन ने ली तीन जान! तीसरा शव मिलते ही चीख-पुकार, किसने नहीं माना प्रशासन का आदेश? जानें वह भयंकर गलती

क्यों झारखंड में छठ पर्व के दौरान "डेंजर जोन" का बोर्ड लगा होने के बावजूद एक ही परिवार के तीन सदस्य हादसे का शिकार हो गए? क्या थी वह मार्मिक कहानी जब पिता संजय यादव और पुत्र प्रतीक यादव ने अपने भांजे को बचाने के लिए मौत की छलांग लगाई? प्रशासन और श्रद्धालुओं के लिए यह घटना सबसे बड़ा सबक क्यों है? पूरी जानकारी और नेताओं के बयान के लिए पढ़ें!

Oct 28, 2025 - 19:37
Oct 28, 2025 - 19:38
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Chandil Tragedy: डेंजर जोन ने ली तीन जान! तीसरा शव मिलते ही चीख-पुकार, किसने नहीं माना प्रशासन का आदेश? जानें वह भयंकर गलती
Chandil Tragedy: डेंजर जोन ने ली तीन जान! तीसरा शव मिलते ही चीख-पुकार, किसने नहीं माना प्रशासन का आदेश? जानें वह भयंकर गलती

जमशेदपुर, 28 अक्टूबर 2025 – लोक आस्था का महापर्व छठ इस वर्ष जमशेदपुर के करीब चांडिल थाना क्षेत्र स्थित शहरबेड़ा घाट पर एक ऐसी हृदय विदारक घटना के साथ समाप्त हुआ, जो भविष्य के लिए एक गंभीर चेतावनी बन गई है। स्वर्णरेखा नदी के किनारे हुए इस हादसे में डूबे तीसरे और अंतिम युवक प्रतीक यादव (19) का शव भी मंगलवार को बरामद कर लिया गया। शव मिलते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गई और पूरे क्षेत्र में मातम छा गया।

भांजे को बचाने में गंवाई जान: रिश्तों के बलिदान की कहानी

यह दर्दनाक हादसा सोमवार को संध्या अर्घ्य के दौरान हुआ। 11 वर्षीय आर्यन यादव, जो संजय यादव का भांजा था, नहाने के दौरान अचानक गहरे पानी में चला गया। आर्यन आदित्यपुर रायडीह बस्ती से अपनी बहन के घर मानगो छठ मनाने आया था।

  • मार्मिक बलिदान: भांजे को डूबता देख मामा संजय यादव और उनके पुत्र प्रतीक यादव (19) ने बिना किसी डर के उसे बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी। पानी का बहाव इतना तेज था कि तीनों ही डूब गए। घाट पर मौजूद चांडिल पुलिस के एक जवान ने भी छलांग लगाई मगर अकेले ही तेज बहाव के आगे वह असफल रहे।

  • रेस्क्यू ऑपरेशन: देर शाम स्थानीय गोताखोरों की मदद से आर्यन का शव बरामद हुआ। पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, जिसके बाद मंगलवार सुबह एनडीआरएफ ने संजय यादव का शव बरामद किया। दोपहर में स्थानीय गोताखोरों द्वारा प्रतीक यादव का शव भी खोज निकाला गया।

डेंजर जोन की अवहेलना: सबसे बड़ा सबक

इस त्रासदी का सबसे चौंकाने वाला और दुखद पहलू यह है कि घटना वाली जगह को प्रशासन ने पहले से ही 'डेंजर जोन' घोषित कर रखा था और बोर्ड भी लगा था।

  • प्रशासनिक चुनौती: उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुनायत समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी घटना के बाद मौके पर पहुंचे। चांडिल एसडीओ विकास कुमार राय ने गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि प्रशासन की तमाम तैयारियों के बावजूद श्रद्धालुओं ने प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना की, जिसकी कीमत परिवार को चुकानी पड़ी।

राजनीतिक और सामाजिक संवेदना

इस घटना से पूरे कोल्हान क्षेत्र में शोक की लहर है।

  • पुरेंद्र नारायण सिंह ने संवेदना व्यक्त की: आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह ने एनडीआरएफ टीम के साथ मौके पर पहुंचकर दुख जताया और प्रशासन से पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दिलाने की मांग की।

  • आर्थिक सहायता की मांग: जनकल्याण मोर्चा के अध्यक्ष ओम प्रकाश (अधिवक्ता) ने सरकार से मृतकों के आश्रितों को निर्धारित प्रक्रिया के तहत आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्होंने जोर दिया कि यह समय आरोप-प्रत्यारोप का नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और सावधानी बरतने का है।

यह त्रासदी प्रशासनिक नरमी और धार्मिक उत्साह में बरती गई लापरवाही का परिणाम है, जिससे भविष्य में घाटों पर डेंजर जोन की सख्ती और श्रद्धालुओं की जागरूकता बढ़ाना अति आवश्यक हो गया है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।