Patna Tremor: पटना में सियासी भूचाल! चुनाव से ठीक पहले RJD के 27 बागी नेताओं पर बड़ा एक्शन! क्या दो वर्तमान MLA भी लिस्ट में शामिल
क्या आप जानते हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले RJD ने अनुशासनहीनता पर क्यों तोड़ा कहर? आखिर कौन हैं वे 27 बागी नेता जो पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार कर रहे थे? क्या निष्कासित नेताओं में पूर्व विधायक और पार्टी की महिला सेल की प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल हैं? जानिए इस कार्रवाई का पार्टी और चुनावी गणित पर क्या असर होगा!
पटना, 28 अक्टूबर 2025 – बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणभेदी बजने के साथ ही राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने संगठन में बगावत की आग को बुझाने के लिए एक बड़ा और सख्त कदम उठाया है। पार्टी ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में एक झटके में 27 नेताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है।
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब बिहार में नामांकन प्रक्रिया खत्म हो चुकी है और प्रचार अपने चरम पर है। सत्ताधारी एनडीए (बीजेपी और जेडीयू) में बागियों पर कार्रवाई के बाद अब राजद की यह 'सर्जिकल स्ट्राइक' पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच एक सख्त संदेश देने का प्रयास माना जा रहा है।
बागी तेवरों पर सख्त कार्रवाई: क्या है असल वजह?
राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल की ओर से 27 अक्टूबर को जारी पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि इन सभी नेताओं को छह वर्षों के लिए पार्टी से बाहर किया गया है।
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आरोप की वजह: इन 27 नेताओं पर मुख्य आरोप यह है कि वे पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनावी मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतर गए हैं, या फिर पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ प्रचार में सक्रिय हैं।
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एकता बनाए रखना: पार्टी ने अपने बयान में कहा है कि यह कठोर फैसला संगठन में अनुशासन और एकता बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक था, खासकर चुनावी मौसम में, जब हर सीट की लड़ाई अहम है।
निष्कासित नेताओं की लिस्ट: बड़े नामों ने बढ़ाई हलचल
निष्कासित नेताओं की सूची में सिर्फ छोटे कार्यकर्ता नहीं, बल्कि पार्टी के कई वरिष्ठ और प्रभावशाली चेहरे शामिल हैं। इस सूची में दो वर्तमान विधायक, कई पूर्व विधायक और पूर्व विधान पार्षद भी शामिल हैं, जो राजद के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
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प्रमुख निष्कासित चेहरे:
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परसा के वर्तमान विधायक छोटे लाल राय
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गोविंदपुर के वर्तमान विधायक मोहम्मद कामरान
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बिहार राज्य महिला सेल की प्रदेश अध्यक्ष और परिहार से निर्दलीय उम्मीदवार रितु जायसवाल
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पूर्व विधायक राम प्रकाश महतो, अनिल सहनी, सरोज यादव और अनिल यादव
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पूर्व विधान पार्षद गणेश भारती
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चुनावी असर: निष्कासित नेताओं में कई ऐसे हैं जिनकी अपने-अपने क्षेत्रों में अच्छी पकड़ है। इनका निर्वाचन क्षेत्र में निर्दलीय खड़ा होना या विरोध करना सीधे तौर पर महागठबंधन के आधिकारिक उम्मीदवारों को नुकसान पहुँचा सकता है। खासकर, परसा और गोविंदपुर जैसी सीटों पर यह कार्रवाई जमीन पर क्या रंग लाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा।
बीजेपी और जेडीयू पहले ही अपने कई बागी नेताओं पर एक्शन ले चुकी है, जिससे यह साफ होता है कि बिहार के सभी राजनीतिक दल चुनाव से पहले संगठनात्मक अनुशासन को लेकर कोई समझौता करने के मूड में नहीं हैं। राजद का यह बड़ा एक्शन दिखाता है कि पार्टी के भीतर बढ़ती बगावत को कुचलने के लिए नेतृत्व कितना सख्त है।
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